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इस साल भारतीय इक्विटी बाजारों में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है.
Stock Tips: इस साल भारतीय इक्विटी बाजारों में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. यह गिरावट बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाओं के बीच देखने को मिली है. यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले से बाजार को बड़ा झटका लगा. हालांकि, इस करेक्शन के बीच निवेशकों के पास उन कंपनियों में निवेश का एक मौका है, जिनमें आगे बेहतर ग्रोथ की संभावना है. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज को HDFC (हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन), SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), विप्रो, HCL टेक्नोलॉजीज, L&T और टाटा मोटर्स सहित अन्य लार्ज-कैप स्टॉक्स में तेजी की उम्मीद है.
एनालिस्ट्स के अनुसार, हालिया करेक्शन के बाद निफ्टी वर्तमान में 19x 12-मंथ के फॉरवर्ड P/E पर कारोबार कर रहा है, जो कि नवंबर 2020 के बाद पहली बार अपने 10 साल के औसत से थोड़ा कम है. अगर रूस-यूक्रेन तनाव लंबा खिंचता है और एनर्जी की कीमतों में लंबे समय तक बढ़ोतरी होती है, तो यह कंपनियों के अर्निंग अनुमानों को प्रभावित कर सकता है. यदि यूक्रेन संकट लंबा खिंचता है, तो हायर एनर्जी कॉस्ट के चलते निफ्टी 50 कंपनियों की आय का अनुमान घट सकता है.
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इन लार्ज कैप स्टॉक्स में लगा सकते हैं दांव
इन लॉर्ज कैप स्टॉक्स में 52 सप्ताह के उच्च स्तर से 10-20 फीसदी का करेक्शन हुआ है.
- एचडीएफसी (HDFC)
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- विप्रो (WIPRO)
- HCL टेक्नोलॉजीज
- लार्सन एंड टुब्रो (L&T)
- टाटा मोटर्स (Tata Motors)
- HDFC लाइफ इंश्योरेंस
- डाबर इंडिया (Dabur India)
- गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Godrej Consumer Products)
- अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals)
- ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma)
- मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers)
इन मिड/स्मॉल-कैप कंपनियों में कर सकते हैं निवेश
इन स्टॉक्स में 52-सप्ताह के उच्च स्तर से 20-30% का करेक्शन हुआ है.
- केनरा बैंक (Canara Bank)
- जुबिलेंट फूडवर्क्स (Jubilant Foodworks)
- सेल (SAIL)
- अशोक लीलैंड (Ashok Leyland)
- डालमिया भारत (Dalmia Bharat)
- ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment)
- Whirlpool इंडिया
- ICICI सिक्योरिटीज
- GR इंफ्राप्रोजेक्ट्स
- जेनसर टेक (Zensar Tech)
- महानगर गैस (Mahanagar Gas)
- ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (Transport Corporation)
निवेशक अपने पोर्टफोलियो में इन क्वालिटी स्टॉक्स को शामिल करके इस करेक्शन का फायदा उठा सकते हैं. मोतीलाल ओसवाल ने उन स्टॉक्स को चुना है, जिनमें ग्रोथ की संभावना है.
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल बाजार को कर सकता है प्रभावित
मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि हायर ग्लोबल इन्फ्लेशन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाएं भारतीय शेयर बाजारों को प्रभावित कर सकते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी इक्विटी बाजारों में करेक्शन का दौर चल रहा है और उतार-चढ़ाव बढ़ गए हैं. बाजार की चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि यह संघर्ष कब तक जारी रहता है.
ब्रोकरेज फर्म का कहना है, “भारत के नज़रिए से देखें तो कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल बाजार को प्रभावित कर सकता है. कच्चे तेल की ऊंची कीमतें अगर लंबी अवधि तक बनी रहती हैं, तो भारत में मुद्रास्फीति बढ़ सकती है और इसके साथ ही यह करंट अकाउंट डेफिसिट, बांड यील्ड और ब्याज दरों को भी प्रभावित कर सकता है. मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, वैश्विक स्तर पर तनाव के चलते मुद्रास्फीति की चिंताओं, हायर बांड यील्ड और ग्लोबल रेट हाइक के कारण FII भारत में शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं. अक्टूबर 2021 से, FII ने भारतीय बाजार में 14.1 बिलियन डॉलर के शेयर बेचे हैं.
(Article: Harshita Tyagi)