scorecardresearch

ब्रिटिश टॉय ब्रांड Hamleys में क्या है ऐसा खास, जिस पर मुकेश अंबानी की RIL ने लगाया दांव

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सब्सिडियरी रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड द्वारा ब्रिटेन के खिलौना ब्रांड हैमलीज (Hamley's) ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड को खरीदने का समझौता फाइनल हो चुका है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सब्सिडियरी रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड द्वारा ब्रिटेन के खिलौना ब्रांड हैमलीज (Hamley's) ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड को खरीदने का समझौता फाइनल हो चुका है.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
Story of famous british toy brand hamley's

यह सौदा 6.79 करोड़ पाउंड यानी करीब 620 करोड़ रुपये का है.

Story of famous british toy brand hamley's यह सौदा 6.79 करोड़ पाउंड यानी करीब 620 करोड़ रुपये का है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की सब्सिडियरी रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड द्वारा ब्रिटेन के खिलौना ब्रांड हैमलीज (Hamleys) ग्लोबल होल्डिंग्स लिमिटेड को खरीदने का समझौता फाइनल हो चुका है. 100 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण वाला यह सौदा 6.79 करोड़ पाउंड यानी करीब 620 करोड़ रुपये का है. हैमलीज का स्वामित्व हांगकांग में लिस्टेड सी बैनर इंटरनेशनल होंल्डिंग्स के पास है. गुरुवार को सी बैनर और रिलायंस ब्रांड ने सौदे के डॉक्युमेंट पर हस्ताक्षर किए.

दुनिया का सबसे पुराना खिलौना ब्रांड

हैमलीज दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी टॉय शॉप है. इसके 18 देशों में 167 स्टोर हैं. भारत में हैमलीज की मास्टर फ्रेंचाइज रिलायंस है और यह देश के 29 शहरों में 88 स्टोर ऑपरेट करती है.

Advertisment

Hamley's का इतिहास

हैमलीज को कॉर्नवैल, इंग्लैंड के विलियम हैमली ने शुरू किया था. वह दुनिया की सबसे बेहतरीन खिलौना शॉप खोलना चाहते थे. 1760 में उन्होंने छोटे-छोटे खिलौने बनाना शुरू किया. जिनमें गुड़ियों से लेकर टीन के सिपाही तक थे. धीरे-धीरे लोगों के बीच हैमलीज के खिलौनों की पैठ बनना शुरू हुई और 1837 आते-आते हैमलीज लंदन का लैंडमार्क बन गया.

विलियम हैमली की दुकान इतनी कामयाब हुई कि 1881 में उन्होंने Regent Street पर हैमलीज की एक नई ब्रांच खोल दी. इसके बाद हैमलीज सफलता की सीढ़ियां चढ़ता गया. इसके लंदन के Regent Street वाले प्रमुख स्टोर में हर साल लगभग 50 लाख कस्टमर आते हैं.

बुरे दिन भी देखे

हैमलीज 1920 के दशक के आखिर में बुरे वक्त से भी गुजरा. अन्य बिजनेस की तरह हैमलीज का कारोबार भी ठप पड़ गया. हालात इतने बिगड़े कि 1931 में हैमलीज शॉप को बंद करना पड़ा. लेकिन हैमलीज की कहानी इस तरह खत्म हो जाने के लिए नहीं थी. Tri-Ang कंपनी के चेयरमैन वॉल्टर लाइन्स का हैमलीज में इंट्रेस्ट जागा और उन्होंने इसे खरीद लिया. उनकी कड़ी मेहनत कस्टमर्स को फिर से हैमलीज में खींच लाई और 1938 में यह ब्रांड फिर से खड़ा हो गया.

जब क्वीन मैरी ने दिया रॉयल वॉरंट

1938 में क्वीन मैरी ने इसे रॉयल वारंट से नवाजा. यानी यह ब्रिटिश रॉयल फैमिली के लिए ​खिलौने का आधिकारिक सप्लायर बन गया. 1947 में Tri-Ang टॉयज दुनिया की सबसे बड़ी खिलौना उत्पादक बन चुकी थी.

publive-image Hamley's की पहली ब्रांच

1955 में दोबारा मिला रॉयल वॉरंट

हैमलीज की लोकप्रियता इतनी ज्यादा थी कि 1951 में फेस्टिवल ऑफ ब्रिटेन के दौरान क्वीन एलिजाबेथ 2 ने कहा था कि उनकी दादी के दिए हुए खिलौने उन्हें आज भी याद हैं. वे खिलौने हैमलीज के ही थे और फिर उन्होंने इन्हें अपने बच्चों को दे दिया. इसके बाद 1955 में क्वीन ने वॉल्टर लाइन्स को टॉयज एंड स्पोर्ट्स मर्चेंट के तौर पर दूसरे रॉयल वारंट से नवाजा.

दूसरे विश्व युद्ध में झेले 5 बम ब्लास्ट

1940 के दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हैमलीज ने 5 बम ब्लास्ट भी झेले लेकिन फिर भी इसका कारोबार बंद नहीं हुआ.

हुए हैं कई अधिग्रहण

जून 2003 में हैमलीज को बॉगुर ग्रुप ने खरीद लिया. इस ग्रुप के बर्बाद होने पर टॉय स्टोर की हिस्सेदारी को आइसलैंड की लैंड्सबैंकी नाम की बैंक ने टेक ओवर कर लिया. सितंबर 2012 में फ्रांस की टॉय रिटेलर Groupe Ludendo ने हैमलीज को उस वक्त के 6 करोड़ पाउंड में खरीद लिया. 2015 में ऐसी खबर आई कि Groupe Ludendo हैमलीज को हांगकांग की कंपनी को बेचने की बात कर रही है. इसके बाद इसे दिग्गज चाइनीज फुटवियर व फैशन वियर कंपनी सी बैनर ने खरीद लिया.

Source: https://www.hamleys.cz/en/history

https://www.hamleys.com/explore-life-history.irs