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दो बार फेल, फिर क्रैक की IIT; आज चला रहे 24 देशों में करोड़ों का कारोबार

एक यूनिक आइडिया दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा के दिमाग में आया. आज उनकी कंपनी का सालाना रेवेन्यू 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

एक यूनिक आइडिया दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा के दिमाग में आया. आज उनकी कंपनी का सालाना रेवेन्यू 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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zomato success story deepindar goyal one idea make big business

जोमैटो 24 देशों में सेवाएं दे रही है.

कोई भी स्टार्टअप अगर किसी एक यूनिक आइडिया पर खड़ा है तो उसके सफल होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है. ऐसा ही एक आइडिया दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा के दिमाग में आया और उन्होंने आज एक ऐसी कंपनी खड़ी कर दी, जिसकी आपरेटिंग इनकम करीब 2200 करोड़ रुपये सालाना है. इन दोनों ने लोगों की समस्याओं को समझा और उसे ही कारोबार के रूप में विकसित कर दिया. यह विचार बहुत सामान्य था लेकिन सोचने का तरीका अद्भुत था. इन दोनों ने लोगों को खाने के मेन्यू को लेकर परेशान और अधिक समय बर्बाद होते देखा तो उन्होंने ऑनलाइन ही मेन्यू उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. इससे लोगों की सहूलियतें बढ़ीं और बाद में गोयल और चड्ढा ने Zoamto शुरू कर इसे बुलंदियों तक पहुंचा दिया.

जोमैटो एक फूड एग्रीगेटर वेबसाइट-ऐप है जिस पर आपके आस-पास के कई होटल्स या ढाबे के मेन्यू कार्ड होते हैं. इन मेन्यू कार्ड से आप अपने मुताबिक ऑर्डर कर सीधे अपने पते पर मंगवा सकते हैं. इससे आपका बहुत समय बचेगा क्योंकि ऐसा न होने की परिस्थिति में आपको खुद बाहर निकलना पड़ता. आज इस ऐप के करोड़ों एक्टिव यूजर्स हैं.

क्रैक किया IIT एग्जाम

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जोमैटो के फाउंडक दीपिंदर गोयल अपने शुरुआती दिनों में पढ़ाई में अच्छे नहीं थे और वे दो बार फेल भी हो चुके थे, छठी और ग्यारहवीं क्लास में. हालांकि इसके बाद उन्होंने गंभीरता से पढ़ाई की और वह पहली बार में IIT एग्जाम क्रैक कर IIT दिल्ली से अपना इंजीनियरिंग पूरा किया. IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद दीपिंदर ने 2006 में मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी बेन एंड कंपनी में नौकरी शुरू की. नौकरी के दौरान अपने सहकर्मियों को उन्होंने लंच के दौरान कैफेटेरिया के मेन्यू कार्ड के लिए लंबी लाइनों में लगते देखा. इससे उनके मन में एक विचार आया और उन्होंने मेन्यू कार्ड स्कैन कर साइट पर डाल दिया जो बहुत लोकप्रिय हुआ.

IIT के दोस्त के साथ मिलकर की शुरुआत

गोयल ने IIT के अपने दोस्त पंकज चड्ढा के साथ मिलकर एक नई शुरुआत की. इसमें उन्होंने रेस्टोरेंट्स के मेन्यू को स्कैन कर नंबर के साथ साइट पर अपलोड करना शुरू किया. यह स्टार्टअप Foodiebay उनके सहकर्मियों के बीच बहुत लोकप्रिय हुआ. इसके बाद उन्होंने इसे सबके लिए शुरू किया और पहले यह दिल्ली के लोगों को अपनी सेवाएं देना शुरू किया. इसके लिए वे शहर के रेस्टोरेंट्स पर जाकर उनके मेन्यू कार्ड को अपने साइट पर अपलोड करने लगे और उनकी यह वेबसाइट दिल्ली में मशहूर हो गई. दिल्ली के बाद फूडीबे मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में शुरू की गई. ग्राहकों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई.

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एप ने बढ़ाई जोमैटो की लोकप्रियता

Ebay वेबसाइट से कंफ्यूजन दूर करने के लिए गोयल और चड्ढा ने अपनी कंपनी का नाम बदलने की सोची और इस तरह 2010 में Zomato का नाम सामने आया. पहले यह एक वेबसाइट था जिसे मोबाइल ऐप के रूप में लाने पर इसकी लोकप्रियता में और बढ़ोतरी हुआ और अब ऑनलाइन खाने-पीने का सामान ऑर्डर करना और भी आसान हो गया.

एक साल में तीन गुना बढ़ा रेवेन्यू

जोमैटो की लोकप्रियता कितनी तेजी से बढ़ी है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2018-19 में इसका रेवेन्यू तीन गुना बढ़ गया. जोमैटो वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जोमैटो का रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2018 में 499.41 करोड़ था जो वित्तीय वर्ष 2019 में बढ़कर करीब 1514 करोड़ हो गया.

24 देशों में दे रही सेवाएं, 19 में मार्केट लीडर

जोमैटो ने अपनी वेबसाइट पर जो जानकारी ही, उसके मुताबिक वह दुनिया के 24 देशाओं में अपनी सेवाएं दे रही है. इसमें से वह 19 देशों में रेस्टोरेंट सर्च के मामले में मार्केट लीडर है. जोमैटो से दुनिया भर के करीब 10 हजार शहरों के लगभग 14 लाख रेस्टोरेंट सक्रिय रूप से सेवाएं दे रहे हैं.

Zomato