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Image: PTI
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये के वैधानिक बकायों की रकम 23 जनवरी तक जमा करने के अपने आदेश पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिकायें बृहस्पतिवार को खारिज कर दीं. शीर्ष अदालत ने 24 अक्टूबर 2019 को अपने फैसले में कहा था कि वैधानिक बकाए की गणना के लिए दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व में उनके दूरसंचार सेवाओं से इतर राजस्व को शामिल किया जाना कायदे कानून के अनुसार ही है.
जस्टिस अरूण मिश्रा, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने संचार कंपनियों की पुनर्विचार याचिकाओं पर चैंबर में विचार किया और उसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नजर नहीं आया. पीठ ने इस पर इन याचिकाओं को खारिज कर दिया. संचार कंपनियों ने अपनी पुनर्विचार याचिकाओं पर न्यायालय में सुनवाई का अनुरोध किया था. लेकिन शीर्ष अदालत ने ऐसी याचिकाओं पर चैंबर में ही विचार करने की परंपरा पर कायम रहने का निर्णय किया.
शीर्ष अदालत ने पिछले साल 24 अक्टूबर को दूरसंचार विभाग द्वारा समायोजित सकल राजस्व को परिभाषित करने का फॉर्मूला बरकरार रखते हुए संचार सेवा प्रदाताओं की आपत्तियों को ‘थोथा’ करार दिया था. भारती एयरटेल ने अपनी याचिका में एजीआर के संबंध में ब्याज, दंड और दंड पर ब्याज के पहलुओं पर दिए गए निर्देशों पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था. संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने पिछले साल नवंबर मे संसद को बताया था कि भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और दूसरी संचार कंपनियों पर वैधानिक राशि के रूप में 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं.
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एयरटेल दायर कर सकती है सुधार के लिए याचिका
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया को लेकर समीक्षा याचिका खारिज होने पर निराशा जाहिर की है. कंपनी ने कहा कि वह इस फैसले में सुधार के लिए याचिका दायर करने पर विचार कर रही है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए निराशा जाहिर करना चाहते हैं. हमारा मानना है कि एजीआर की परिभाषा पर लंबे समय से उठ रहे सवाल वैध एवं वास्तविक हैं. सुधारात्मक याचिका दायर करने के विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है.
व्यावहारिक व्यवसाय करने की संभावनाएं हो सकती हैं खत्म
एयरटेल ने आगे कहा, ‘‘दूरसंचार उद्योग के सामने मुश्किल वित्तीय परिस्थितियां कायम हैं और इस फैसले से दूरसंचार क्षेत्र कारोबार को व्यावहारिक व्यवसाय के रूप से चलाने की संभावनाएं पूरी तरह से समाप्त हो सकती हैं. दूरसंचार उद्योग को नेटवर्क के विस्तार, स्पेक्ट्रम खरीदने और 5जी जैसी नई प्रौद्योगिकियों में निवेश जारी रखने की जरूरत है.’’