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वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों को आयात पर अपनी अत्यधिक निर्भरता को कम करनी चाहिए, खासतौर पर जरूरी वस्तुओं को लेकर निर्भरता कम होनी चाहिए.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के मुताबिक इकोनॉमी तेजी से पटरी पर लौट रही है तो ऐसे में कॉरपोरेट कंपनियों को अपने रिस्क लेने की क्षमता बढ़ानी चाहिए. उन्होंने कंपनियों को अपना कारोबार बढ़ाने को कहा है ताकि ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकार जो कोशिशें कर रही है, उसे बढ़ावा मिल सके. उन्होंने बुधवार को सीआईआई (कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) के एक समारोह में ये बातें कहीं. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के झटकों से अब इकोनॉमी उबर रही है और मांग सुधर रही है. उन्होंने इशारा दिया है कि जो कॉरपोरेट कंपनी अपनी क्षमता को बढ़ाएगी, वह दीवाली के आस-पास जो मांग दिखी, उसे कैश कराने में आगे कामयाब होगी.
वित्त मंत्री ने इंडस्ट्री को मदद का दिया भरोसा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस फेस्टिव सीजन में कारों की बिक्री भी अधिक हुई होती, अगर चिप शॉर्टेज की दिक्कत न आई होती. ऐसे में यह कहना सही नहीं होगा कि सरकार मांग बढ़ाने के लिए गंभीर नहीं है और सिर्फ सप्लाई साइड के लिए राहत पैकेज दे रही है. सीतारमण ने कहा कि दीवाली से पहले करीब तीन हफ्ते में बैंकों नें चार-पांच श्रेणियोों में आउटरीच प्रोग्राम के जरिए 75 हजार करोड़ रुपये बांटे और सरकार ने भी अपनी तरफ से कंपनियों को कंप्लायंस बर्डेन कम किया ताकि पर्याप्त क्रेडिट फ्लो सुनिश्चित हो सके. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इंडस्ट्री की मांग को लेकर सेंसिटिव है.
आयात पर निर्भरता को घटाने की मांग
वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनियों को आयात पर अपनी अत्यधिक निर्भरता को कम करनी चाहिए, खासतौर पर जरूरी वस्तुओं को लेकर निर्भरता कम होनी चाहिए जिसकी आपूर्ति कोरोना महामारी के चलते प्रभावित हुई थी. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है लेकिन इससे जुड़े रिस्क को भी समझना होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि नए जमाने की इंडस्ट्रीज और स्टार्टअप इकोनॉमी में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं. इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर भी सेहतमंद हो रहा है जिसका एनपीए तेजी से घट रहा है और रिकवरी में तेजी आ रही है. उन्होंने सीआईआई इवेंट मे कहा कि इस वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों ने अब तक 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.