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Tarsons Products IPO: दिग्गज लाइफ साइंस कंपनी टार्सन्स प्रोडक्ट का आईपीओ अगले हफ्ते खुलेगा. 1024 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के लिए कंपनी ने आज 10 नवंबर को 635-662 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. यह आईपीओ अगले हफ्ते 15 नवंबर को खुलेगा और तीन दिनों तक खुला रहेगा. इस आईपीओ के तहत 150 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत वर्तमान प्रमोटर्स और निवेशक 1.32 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे. इस आईपीओ के तहत 60 हजार इक्विटी शेयरों को कंपनी के कर्मचारियों के लिए आरक्षित किया गया है.
Tarsons Products IPO से जु़ड़ी डिटेल्स
- दिग्गज लाइफ साइंस कंपनी टार्सन्स प्रोडक्ट्स के 1024 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 150 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे. इश्यू के तहत 1.32 करोड़ इक्विटी शेयरों की ओएफएस के तहत बिक्री होगी. कंपनी के प्रमोटर्स संजीव सहगल 3.9 लाख इक्विटी शेयर और रोहन सहगल 3.1 लाख शेयरों की बिक्री करेंगे जबकि निवेशक क्लियर विजन इंवेस्टमेंट होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड 1.25 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री करेगी.
- पब्लिक इश्यू के तहत 60 हजार इक्विटी शेयरों को कंपनी के कर्मचारियों के लिए आरक्षित किया गया है.
- इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (क्यूआईबी), 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स और 35 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित किया गया है.
- कंपनी ने इस इश्यू के लिए 22 शेयरों का लॉट साइज तय किया गया है यानी कि प्राइस बैंड के अपर प्राइस के हिसाब से निवेशकों को कम से कम 14564 रुपये का निवेश करना होगा.
- नए शेयरों के इश्यू के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कर्ज चुकाने और पश्चिम बंगाल के पांचला में नई मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी के कैपिटल एक्सपेंडिचर की फंडिंग में किया जाएगा. इसके अलावा इसका इस्तेमाल आम कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.
- इश्यू के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एडेलवेइस फाइनेंशियल सर्विसेज और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स को मर्चेंट बैंकर्स नियुक्त किया गया है.
कंपनी के बारे में डिटेल्स
टार्सन प्रोडक्ट्स लैब में इस्तेमाल होने वाले सामानों को डिजाइन कर उन्हें डेवलप करती है और फिर उसे बनाकर बिक्री करती है. यह कंपनी जो प्रोडक्ट्स तैयार करती है, उनका इस्तेमाल शोध संस्थानों, एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स, फार्मा कंपनियों, डायग्नोस्टिक कंपनियों और अस्पतालों में होता है. इसके प्रोडक्ट्स के जरिए वैज्ञानिक खोजों को बढ़ाने और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलती है. अभी यह कंपनी पश्चिम बंगाल में स्थित पांच मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटीज के जरिए अपना कारोबार कर रही है.
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