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बोतलबंद पानी के दिग्गज ब्रॉन्ड Bisleri International को टाटा ग्रुप खरीद सकती है.
Tata Group-Bisleri Deal: सॉफ्ट ड्रिंक ब्रॉन्ड थम्स अप, गोल्ड स्पॉट लिम्का, कोका-कोला को बेचने के लगभग तीन दशक बाद रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल (Bisleri International) को बेचने की तैयारी में हैं. उन्होंने यह कंफर्म किया है कि इसके लिए कुछ कंपनियों से बात चल रही है. इन कंपनियों में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Tata Consumer) भी शामिल है. हालांकि जिस तरह से मीडिया में यह रिपोर्ट आ रही है कि टाटा कंज्यूमर के साथ 7000 करोड़ की डील हो चुकी है, उसे उन्होंने फिलहाल खारिज कर दिया है.
क्यों बेचना चाहते हैं कारोबार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिसलेरी के प्रोमोटर्स के साथ कंपनी को खरीदने के लिए टाटा कंज्यूमर से करीब 2 सालों से ये बातचीत चल रही थी, जिसके बाद डील पर जल्द मुहर लगने की संभावना है. बता दें कि 82 साल के चौहान की हेल्थ हाल के दिनों में ठीक नहीं है और उनका कहना है कि बिसलेरी को विस्तार के अगले लेवल पर ले जाने के लिए उनके पास उत्तराधिकारी नहीं है. चौहान ने कहा, बेटी जयंती कारोबार में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखती. बता दें कि बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वॉटर कंपनी है.
TCPL को होगा फायदा
अगर Bisleri के साथ TCPL की डील तय हो जाती है, तो यह टाटा ग्रुप की फर्म को तेजी से बढ़ते बोतलबंद पानी के सेक्टर में एक लीडिंग कंपनी के रूप में स्थापित कर सकता है. TCPL पहले से ही अपने ब्रॉन्ड हिमालयन के साथ बोतलबंद पानी के सेग्मेंट में मौजूद है, जो पैकेज्ड मिनरल वाटर बेच रहा है. इसके अलावा यह टाटा कॉपर प्लस वॉटर और टाटा ग्लूको के साथ हाइड्रेशन सेगमेंट में भी मौजूद है.
टाटा ग्रुप पर भरोसा जताया
रिपोर्ट के अनुसार चौहान ने टाटा ग्रुप पर भरोसा जताया था और कहा था कि ग्रुप Bisleri को और भी बेहतर तरीके से आगे ले जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों की तलाश में था जो इसका ख्याल रखें. इस कारोबार को मैंने काफी जुनून के साथ बनाया है और इसके कर्मचारियों ने भी उसी जुनून के साथ काम किया है. चौहान ने सीईओ एंजेलो जॉर्ज की अध्यक्षता वाली एक पेशेवर टीम को दिन-प्रतिदिन का प्रबंधन सौंप दिया है.
मजबूत है कंपनी का कारोबार
वित्त वर्ष 2023 के लिए बिसलेरी ब्रॉन्ड का कारोबार 220 करोड़ रुपये के लाभ के साथ 2,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. Bisleri मूल रूप से एक इटालियन ब्रॉन्ड था जिसने 1965 में मुंबई में भारत में दुकान स्थापित की थी. चौहान ने 1969 में इसे अधिग्रहित किया था. कंपनी के 122 ऑपरेशनल प्लांट हैं और भारत और पड़ोसी देशों में 4,500 डिस्ट्रीब्यूटर्स और 5,000 ट्रकों का नेटवर्क है.