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Tata Sons की कमान दोबारा एन चंद्रशेखरन के हाथों में, एयर इंडिया की घर वापसी में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

Tata Group की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स ने आज (11 फरवरी) एक बार फिर एन चंद्रेशखरन को एग्जेक्यूटिव चेयरमैन बनाया है. उनके पहले कार्यकाल का अधिकतम हिस्सा मिस्त्री के साथ कानूनी लड़ाई में बीता.

Tata Group की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स ने आज (11 फरवरी) एक बार फिर एन चंद्रेशखरन को एग्जेक्यूटिव चेयरमैन बनाया है. उनके पहले कार्यकाल का अधिकतम हिस्सा मिस्त्री के साथ कानूनी लड़ाई में बीता.

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Tata Sons reappoints N Chandrasekaran as Executive Chairman for five years

चंद्रा ने एयर इंडिया की घरवापसी में बड़ी भूमिका निभाई थी.

Tata Group की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स ने आज (11 फरवरी) एक बार फिर नटराजन चंद्रेशखरन (Natarajan Chandrasekaran) को एग्जेक्यूटिव चेयरमैन बनाया है. उन्हें दूसरी बार पांच साल के लिए यह पदभार सौंपा गया है. शुक्रवार को टाटा सन्स के बोर्ड की बैठक में उनकी दोबारा नियुक्ति को रतन टाटा का भी समर्थन मिला जो टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन हैं. इस बैठक में रतन टाटा को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था और उन्होंने चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा ग्रुप के पिछले पांच वर्षों में प्रदर्शन पर संतुष्टि जताई और अगले पांच वर्षों के लिए अगला कार्यकाल दोबारा देने की सिफारिश की.

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पिछला कार्यकाल मिस्त्री से कानूनी लड़ाई में बीता

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58 वर्षीय चंद्रशेखरन ने टाटा सन्स का पिछला कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हुआ था जब ग्रुप नेतृत्व के संकट से जूझ रहा था और साइरस मिस्त्री के जाने के बाद भरोसे का संकट था. उनके पहले कार्यकाल का अधिकतम हिस्सा मिस्त्री के साथ कानूनी लड़ाई में बीता. उससे पहले चंद्रशेखरन ने टीसीएस को टाटा ग्रुप के लिए फायदेमंद बनाया था जिसके चलते टाटा का उन पर मजबूत भरोसा था और उन्हें मिस्त्री के उत्तराधिकारी के तौर पर लाया गया था. उन्होंने टाटा सन्स के बोर्ड को अक्टूबर 2016 में ज्वाइन किया था और जनवरी 2017 में चेयरमैन बने जिसका ऑफिशियल चार्ज फरवरी 2017 में संभाला. चंद्रशेखरन टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पॉवर और टीसीएस के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं. उन्हें चंद्रा के नाम से भी पुकारा जाता है.

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चंद्रा के नेतृत्व में कंपनी ने लिए ये अहम फैसले

  • चंद्रा के नेतृत्व में टाटा ने नुकसान कम करने के लिए टाटा टेलीसर्विसेज के मोबाइल फोन कारोबार भारती एयरटेल को बेच दिया.
  • मई 2018 में टाटा ग्रुप ने उस समय का सबसे बड़ा अधिग्रहण किया था जब टाटा स्टील ने दिवालिया प्रक्रिया के तहत 35200 करोड़ रुपये में भूषण स्टील का अधिग्रहण कर लिया.
  • पिछले साल अक्टूबर में एयर इंडिया की नीलामी में टाटा सन्स को बोली को विजेता घोषित किया गया था और अब टाटा ग्रुप के पास तीन एयरलाइंस- टाटा एसआईए एयरलाइंस, एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया हैं जिनकी कुल मार्केट हिस्सेदारी 25 फीसदी है. एयर इंडिया पहले टाटा ग्रुप की थी जिसकी हिस्सेदारी सरकार ने खरीद ली थी और एक बार फिर अब यह टाटा ग्रुप के हाथों में पहुंची है.
  • पिछले साल 2021 में चंद्रा ने सुपर ऐप लॉन्च करने के लिए डिजिटल डोमेन में अधिग्रहण की रणनीति शुरू की है. इस ऐप के जरिए ग्राहकों को सीधे नमक से लेकर हवाई टिकटों की बिक्री करेगी. मई 2021 में टाटा सन्स ने मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल, वालमार्ट की फ्लिपकार्ट और अमेरिकी दिग्गज कंपनी अमेजन को पछाड़कर बिग बास्केट को 9500 करोड़ रुपये में खरीद लिया.
Tata Sons Ratan Tata Tata Motors Shares