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रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज (फाइल फोटो)
सरकार लगातार टैक्स बेस बढ़ाने को लेकर काम कर रही है. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के मुताबिक रिटर्न डेटा के मुताबिक करीब 75 फीसदी इंडिविजुअल की आय 5 लाख रुपये से कम है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने टैक्स बेस बढ़ाने को लेकर सरकार के प्रयासों की चर्चा की और क्रिप्टो को लेकर उन्होंने कहा कि यह कानूनी मसला और इसे लेकर बिल लाया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने निवेशकों से कहा कि इससे कमाई पर टैक्स जरूर चुकाएं. बजाज का अनुमान लगाया है कि टैक्स से होने वाली कमाई में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
टैक्स रेवेन्यू में 14 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान
रेवेन्यू सेक्रेटरी बजाज के मुताबिक अगले वित्त वर्ष अगर एक्साइज ड्यूटी के आंकड़े न शामिल किए जाएं तो टैक्स रेवेन्यू में 14 फीसदी की बढ़ोतरी दिख सकती है जो बेहतर कही जा सकती है. बजाज के मुताबिक इस साल बेस में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि ग्रोथ में तेजी दिख रही है. रेवेन्यू सेक्रेटरी का कहना है कि टैक्स रेवेन्यू में एक्साइज ड्यूटी को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि इसका जीडीपी से कोई लेना-देना नहीं है.
BitCoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज के लिए रेगुलेशन की जरूरत
क्रिप्टो करेंसीज में पैसे लगाने पर छोटे निवेशकों को लेकर लगातार चिंताएं जताई जाती रही हैं क्योंकि इसे लेकर कोई रेगुलेशन नहीं है. ऐसे में बजाज ने कहा कि इसके लिए सरकार को जल्द बिल लेकर आना चाहिए और ऐसा बिल आने पर निवेशकों के हित की सुरक्षा हो सकेगी और क्रिप्टो को रेगुलेट किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस मसले में रेवेन्यू डिपार्टमेंट की भूमिका सीमित है और क्रिप्टो से मुनाफा कमाने वालों को टैक्स भरना चाहिए.
कम आय वालों के लिए पुराना टैक्स सिस्टम आकर्षक
दो साल पहले 2020 में नया टैक्स सिस्टम पेश किया गया था और टैक्सपेयर्स को विकल्प दिया गया कि वे पुराने व नए टैक्स सिस्टम में से खुद चुन सकते हैं. बजाज का कहना है कि इंडिविजुअल्स के मुकाबले कॉरपोरेट नए टैक्स सिस्टम की तरफ अधिक आए हैं. इंडिविजुअल नए टैक्स सिस्टम की तरफ कितना आए हैं, इसे लेकर अभी एनालिसिस नहीं की गई है लेकिन बजाज का मानना है कि जिनकी आय़ कम है वे नए टैक्स सिस्टम की तरफ नहीं आए होंगे. बजाज के मुताबिक जिनकी कमाई अधिक है और कोई एग्जेंप्शंस नहीं लेते हैं, वे नए टैक्स सिस्टम की तरफ आएंगे. उन्होंने बता कि 2019-20 के रिटर्न में 75 फीसदी 5 लाख से कम आय और 92 फीसदी 10 लाख से कम आय वाले रहे.
इस तरह टैक्स बेस बढ़ाने की तैयारी
बजाज ने कहा कि 7 करोड़ लोग रिटर्न फाइल करते हैं जबकि 11 करोड़ लोग टैक्स चुकाते हैं यानी कि 4 करोड़ लोग इसलिए रिटर्न नहीं फाइल करते हैं क्योंति उनका टीडीएस संभवत: कट गया हो. ऐसे में एक नियम लाया गया कि अगर 50 हजार रुपये से अधिक टीडीएस कटा है और रिटर्न नहीं फाइल किया तो दो साल के भीतर रिटर्न फाइल करना जरूरी होगा. अगर दो साल के भीतर रिटर्न फाइल नहीं किया तो टीडीएस देनदारी दोगुनी हो जाएगी. अब इस टाइम पीरियड को दो साल से घटाकर एक साल कर दिया गया है. इसके अलावा रिटर्न में किसी गलती को सुधारने को लिए दो साल का समय दिया गया है.
(Article: Indian Express)