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TCS vs Infosys vs HCL: IT शेयरों में निवेश के लिए कैसे बनाएं स्‍ट्रैटेजी, Q2 में कंपनियों की कमाई पर रहेगा दबाव

TCS vs Infosys vs HCL: ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि सितंबर तिमाही में आईटी सेक्‍टर के लिए कई चुनौतियां रही हैं. इसके चलते रेवेन्‍यू में म्‍यूटेड ग्रोथ का अनुमान है.

TCS vs Infosys vs HCL: ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि सितंबर तिमाही में आईटी सेक्‍टर के लिए कई चुनौतियां रही हैं. इसके चलते रेवेन्‍यू में म्‍यूटेड ग्रोथ का अनुमान है.

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Sushil Tripathi
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TCS vs Infosys vs HCL: IT शेयरों में निवेश के लिए कैसे बनाएं स्‍ट्रैटेजी, Q2 में कंपनियों की कमाई पर रहेगा दबाव

IT Q2FY22 Preview: टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज सितंबर तिमाही के लिए 10 अक्‍टूबर को नतीजों का एलान करने जा रही है.

IT Q2FY22 Preview: अर्निंग सीजन की शुरूआत हो चुकी है. आईटी सेक्‍टर की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज (TCS) सितंबर तिमाही के लिए आज यानी 10 अक्‍टूबर को नतीजों का एलान करने जा रही है. एक्‍सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि सितंबर तिमाही के दौरान आईटी सेक्‍टर के लिए कई चुनौतियां रही हैं. इसके चलते रेवेन्‍यू में म्‍यूटेड ग्रोथ का अनुमान है. मार्जिन पर दबाव के चलते मुनाफे पर भी असर पड़ सकता है. हालांकि लंबी अवधि के लिए सेक्‍टर का आउटलुक मजबूत है. लेकिन हाल फिलहाल में नियम टर्म की चुनौतियां लंबी अवधि के आउटलुक पर भारी पड़ सकती हैं.

मार्जिन एक्‍सपेंशन पर दबाव

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार हाई एट्रीशन के चलते मार्जिन एक्‍सपेंशन पर दबाव देखने को मिल सकता है. लीडिंग कंपनियों ने पिछले दिनों सैलरी हाइक के साथ नई भर्तियां की हैं, ट्रैवलिंग कास्‍ट भी बढ़ी है. जिसका असर मार्जिन पर दिखेगा. सीजनल वीकनेस का भी असर फाइनेंशियल पर दिखेगा.

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कैसा रह सकता है रेवेन्‍यू ग्रोथ

ब्रोकरेज के अनुसार IT कंपनियों का CC के टर्म में Q2FY23 के लिए रेवेन्‍यू ग्रोथ 3-5 फीसदी के बीच रह सकता है. Infosys के लिए यह तिमाही आधार पर 5 फीसदी, TCS, Wipro और HCL Tech के लिए 3 फीसदी, 4 फीसदी और 3.5 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं TCS, Infosys, Wipro और HCL के लिए डॉलर के टर्म में रेवेन्‍यू ग्रोथ तिमाही आधार पर 1.5-3.5 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है. जबकि TechM, LTI, Mindtree और Coforge 0.5-4 फीसदी के बीच ग्रोथ दिखा सकते हैं.

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ब्रोकरेज के टॉप स्‍टॉक

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नियर टर्म में दबाव रहेगा

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि कॉरपोरेट ग्रोथ में स्‍लोडाउन के बाद भी खर्च बढ़ने, सप्‍लाई शॉर्टेज, सैालरी हाइक, नई भर्तियों पर खर्च के चलते सितंबर तिमाहीर में सुस्‍ती देखने को मिल सकती है. सीजनली कमजोर रहे सितंबर तिमाही में कंपनियों के मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है. इससे कंपनियों के मुनाफे पर असर होगा. ब्रोकरेज का कहना है कि आईटी सेक्‍टर पर नियर टर्म में दबाव रहेगा, लेकिन लंबी अवधि में सेक्‍टर का आउटलुक मजबूत है.

ब्रोकरेज के टॉप स्‍टॉक

TCS, HCL Tech, Infosys, L&T Technology Services, Mphasis Ltd

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)  

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