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पिछले एक साल में टीसीएस ने निवेशकों को 64 फीसदी और इस साल 2021 में अब तक 25.24 फीसदी रिटर्न दिया है.
TCS Outlook: घरेलू स्टॉक मार्केट में तेजी के बीच आज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) बीएसई पर इंट्रा-डे में नई ऊंचाई पर पहुंच गया. टीसीएस के शेयर 2 फीसदी से अधिक की उछाल के साथ आज 3697 रुपये के भाव पर पहुंच गए. इस नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ टीसीएस देश की दूसरी लिस्टेड कंपनी बन गई जिसमें 13.5 लाख करोड़ की बाजार पूंजी का आंकड़ा पार किया है. टीसीएस की बाजार पूंजी अब 14 लाख करोड़ रुपये के लेवल से करीब 3 फीसदी दूर है. इस समय बाजार पूंजी के मामले में सबसे आगे रिलायंस इंडस्ट्रीज है. रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 14.51 लाख करोड़ रुपये है. रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद अब निवेशकों के सामने उलझन है कि इसे होल्ड करें या प्रॉफिट बुक करें?
इससे पहले टीसीएस ने इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पिछले रिकॉर्ड स्तर 3672.50 रुपये को पार किया था. पिछले एक साल की बात करें तो टीसीएस ने निवेशकों को 64 फीसदी और इस साल 2021 में अब तक 25.24 फीसदी रिटर्न दिया है. सेंसेक्स की तुलना में टीसीएस का प्रदर्शन जबरदस्त रहा है और एक महीने में सेंसेक्स में 6 फीसदी की उछाल की तुलना में टीसीएस 15 फीसदी मजबूत हुआ है.
आईटी इंडस्ट्री और TCS को लेकर एक्सपर्ट की ये है राय
- एनालिस्ट्स के मुताबिक इस महीने अगस्त 2021 में आईटी स्टॉक्स ने शानदार प्रदर्शन किया है. इसका मुख्य कारण बढ़ता डिजिटाइजेशन और इसके चलते लागत में कमी आई है और आने वाली तिमाहियों में वित्तीय नतीजे सुधरने की संभावना बढ़ी है. हालांकि टिप्स2ट्रेड के को-फाउंडर और ट्रेनर एआर रामचंद्रन के मुताबिक तकनीकी रूप से टीसीएस के शेयरों में ओवर खरीदारी दिख रही है और ऐसे में निवेशकों को वर्तमान स्तर पर प्रॉफिट बुक करना चाहिए. रामचंद्रन के मुताबिक इस स्टॉक में दोबारा 3395-3440 रुपये के भाव पर एंट्री की जा सकती है.
- कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च के रिसर्च हेड Ashis Biswas के मुताबिक आईटी इंडस्ट्री की लगातार ग्रोथ में सबसे बेहतर प्रदर्शन टीसीएस का रहा है और इसके पीछे हेल्दी रेवेन्यू ग्रोथ, स्टेबल मार्जिन व स्ट्रांग ऑर्डर बुकिंग्स के अलावा वर्क फ्रॉम होम के चलते कोरोना महामारी से कम प्रभावित होना है. बिश्वास का मानना है कि आईटी सेक्टर में ग्रोथ आगे भी बनी रहेगी क्योंकि कोरोना के चलते बहुत-सी कंपनियों का रेवेन्यू कम हुआ है और अब वे कम चार्जेज के चलते विकासशील देशों की तरफ शिफ्ट हो रही हैं. इसके चलते आईटी कंपनियों का कस्टमर बेस बढ़ा और नतीजतन रेवेन्यू में भी उछाल आया. बिश्वास के मुताबिक यह पैटर्न आगे भी जारी रहेगा क्योंकि दुनिया भर की कंपनियों को कम लागत में बेहतर काम मिल जा रहा है.
(आर्टिकल: सुरभि जैन)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)