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TCS vs HCL: जून तिमाही में दोनों ही आईटी कंपनियों का प्रदर्शन अनुमान से कमजोर रहा है. (pixabay)
TCS Stocks vs HCL Tech Stocks: जून तिमाही के नतीजों के बाद देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी TCS के शेयरों में खरीदारी है और यह सेंसेक्स 30 का टॉप गेनर बना हुआ है. शेयर आज 3 फीसदी से ज्यादा मजबूत होकर 3367 रुपये पर पहुंच गया. वहीं नतीजों के बाद HCL Tech के शेयरों में उतार चढ़ाव है. शुरूआती कारोबार में टूटने के बाद अब यह संभला है और 1 फीसदी मजबूत होकर 1124 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. जून तिमाही में दोनों ही आईटी कंपनियों का प्रदर्शन अनुमान से कमजोर रहा है. दोनों ही कंपनियां आगे के आउटलुक को लेकर सतर्क हैं. वहीं HCL Tech ने रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस कमजोर किया है. सवाल उठता है कि अगर दिग्गज आईटी स्टॉक में निवेश करना है तो किसका शेयर दमदार दिख रहा है. किस पर एक्सपर्ट ने अलर्ट किया है.
HCL Tech पर इन ब्रोकरेज ने किया अलर्ट
ब्रोकरेज हाउस Nomura के अनुसार कंपनी की ग्रोथ गाइडेंस देखें तो साफ लगता है कि चुनौतियां बनी हुई हैं. कंपनी ने अर्निंग अनुमान से कमजोर रहने के चलते FY24-25 के लिए EPS अनुमान भी 1 फीसदी घटा दिया है. ब्रोकरेज ने HCL Tech के शेयर पर 'न्यूट्रल' रेटिंग दी है और 1090 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. अभी शेयर 1124 रुपये पर है.
ब्रोकरेज हाउस Bernstein का मानना है कि गाइडेंस को देखकर रिस्क समझ में आता है. कंपनी के लिए मैक्रो एन्वायरमेंट चुनौतियों वाला है. ब्रोकरेज ने भी शेयर के लिए 1000 रुपये का टारगेट रखा है जो करंट प्राइस 1124 रुपये से 124 रुपये कम है. HCL Tech ने FY24 के लिए YoY रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 6-8 फीसदी रखा है जो FY23 के 12-14 फीसदी की तुलना में कमजोर है. ब्रोकरेज हाउस जेपी मॉर्गन ने शेयर में अंडरवेट रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस घटाकर 900 रुपये कर दिया है.
HCL Tech पर ये ब्रोकरेज है पॉजिटिव
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने HCL TECH में निवेश की सलाह दी है और टारगेट प्राइस 1280 रुपये का दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि HCL का वैल्युएशन मार्जिन ऑफ सेफ्टी ऑफर कर रहा है और अपसाइड की उम्मीद है. कंपनी का क्लाउंड पर हायर एक्सपोजर है. वहीं क्लाउड, नेटवर्क, सिक्योरिटी और डिजिटल वर्कप्लेस की डिमांड बनी हुई है. डिजिटल स्पेस में कंपनी की क्षमता मजबूत है. ब्रोकरेज का कहना है यह शेयर अभी 16.5x FY25E EPS पर ट्रेड कर रहा है, यहां से तेजी की उम्मीद है.
TCS पर ये ब्रोकरेज हैं पॉजिटिव
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने TCS में Buy रेटिंग देते हुए 3790 रुपये का टारगेट दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी का साइज, ऑर्डरबुक और लॉन्ग टर्म ऑर्डर्स और पोर्टफोलियो पर एक्सपोजर इसे चुनौतियों से निकलने की क्षमता देते हैं. एग्जीक्यूशन में कंपनी बेहतर कर रही है अौर इसे मार्केट लीडर होने का भी फायदा मिलेगा.
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने भी TCS के शेयर में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 3780 रुपये का रखा है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी के नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे हें, हालांकि मार्जिन के फ्रंट पर हल्की निराश हुई है. कंपनी का ऑर्डरबुक मजबूत है. मैनेजमेंट को उम्मीद है कि आगे डिमांड में सुधार होने का फायदा कंपनी को मिलेगा. कंपनी एडवांस टेक्नोलॉजी पर खर्च कर रही है. नई नई टेक्नोलॉजी अपनाने में आगे है, इन सबका फायदा आगे मिलेगा.
TCS पर ये ब्रोकरेज हैं निगेटिव
ब्रोकरेज हाउस Nuvama ने भी शेयर में निवेश की सलाह दी है और टारगेट प्राइस 4000 रुपये रखा है. ब्रोकरेज का मानना है कि आने वाले फाइनेंशियल में डिमांड सुधरने से ग्रोथ में बाउंसबैक देखने को मिलेगा.
हालांकि JP मॉर्गन ने शेयर के लिए टारगेट प्राइस 2700 रुपये से घटाकर 2650 रुपये कर दिया है और अंडरवेट रेटिंग दी है. Nomura ने भी शेयर घटाने की सलाह के साथ 2800 रुपये का टारगेट दिया है. जबकि जेफरीज ने होल्ड रेटिंग देते हुए 3450 रुपये का टारगेट दिया है.
कैसे रहे तिमाही नतीजे
HCL Tech की बात करें तो कंपनी ने मुनाफा, रेवेन्यू और मार्जिन के मामले में निराश किया है. नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 7 फीसदी ग्रोथ रही जो अनुमान से कम है. वहीं तिमाही आधार पर यह 11.2 फीसदी घटा है. रेवेन्यू भी तिमाही आधार पर 1.2 फीसदी घटकर 26,296 करोड़ रहा है. EBIT मार्जिन 16.9 फीसदी रहा जो अनुमान से कम है. HCL Tech ने FY24 के लिए YoY रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 6-8 फीसदी रखा है जो FY23 के 12-14 फीसदी की तुलना में कमजोर है.
TCS की बात करें तो कंपनी का मुनाफा सालाना बेसिस पर 16.8 फीसदी बढ़कर 11,074 करोड़ रहा है, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 2.8 फीसदी गिरावट आई है. रेवेन्यू 59,381 करोड़ रहा है जो सालाना बेसिस पर 13 फीसदी ज्यादा है, लेकिन तिमाही आधार पर फ्लैट रहा है. यह पिछली 12 तिमाहियों में सबसे हल्की ग्रोथ है. आपरेटिंग मार्जिन 24.49 फीसदी से घटकर 23.2 फीसदी रह गया. हालांकि आर्डरबुक बढ़कर 1020 करोड़ डॉलर हो गयर. जो मार्च तिमाही में 1000 करोड़ डॉलर था.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)