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NBFC: लोन रीपेमेंट में आ रहा है सुधार; इन शेयरों में आ सकती है तेजी, लेकिन इनसे रहें दूर

NBFC's Sector Stocks: लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार जिन सेक्टर्स पर पड़ी है, उनमें एनबीएफसी भी शामिल हैं.

NBFC's Sector Stocks: लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार जिन सेक्टर्स पर पड़ी है, उनमें एनबीएफसी भी शामिल हैं.

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Sushil Tripathi
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sensex, nifty

After the initial gains, Nifty failed to rise materially post 10.30 am suggesting sector and stock rotation.

NBFC's Sector Stocks: लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार जिन सेक्टर्स पर पड़ी है, उनमें नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज यानी एनबीएफसी भी शामिल हैं. हालांकि लॉकडाउन खुलने के बाद से अब इस सेक्टर में धीरे धीरे कुछ सेग्मेंट में सुधार दिखने लगा है. हालांकि ओवरआल तस्वीर अभी तक पूरी तरह से साफ नहीं दिख रही है. मौजूदा समय में कोई बड़ा ट्रिगर भी एनबीएफसी के लिए नहीं है. ऐसे में इस सेक्टर में निवेशकों को अभी भी सतर्क रहकर कारोबार करना चाहिए. हालांकि डिमांड में रिकवरी के साथ शेयरों का फंडामेंटल मजबूत दिख रहा है. ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने एनबीएफसी सेक्टर में स्टॉक स्ट्रैटेजी पर एक रिपोर्ट दी है.

कलेक्शन एफिसिएंसी 65% के पार

रिपोर्ट के अनुसार ओवरआल कलेक्शन एफिसिएंसी में अब सुधार हो रहा है. अगस्त 20 तक की बात करें तो लॉकडाउन खुलने के बाद ज्यादातर लेंडर्स की स्थिति कलेक्शन के मामले बेहतर हुई है. उम्मीद है कि इसमें 20 अगस्त से 20 सितंबर के बीच और ज्यादा सुधार आया है. 20 अगस्त तक ज्यादातर लेंडर्स की एवरेज कलेक्शन एफिसिएंसी 65 फीसदी को पार कर गई है. हालांकि ओवरआल बाउंस रेट अभी भी 20 से 25 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार बहीुत से कसटमर्स ने मोरेटोरियम को छोड़ा है क्योंकि उन्हें पता है कि यह सिर्फ ईएमआई टालने का विकल्प है. इस वजह से स्थिति बेहतर हुई है.

इन सेग्मेंट में भी रिकवरी

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लॉकडाउन खुलने के बाद भी अभी बहुत से लोग कैश अपने पास रखना खहते हें. ऐसे में क्रेडिट कार्ड की मांग बढ़ रही है. वहीं अब कंज्यूमर ड्यूरेबल के अलावा पर्सनल लोन खासतौर से टू व्हीलर की डिमांड भी बढ़ रही है. ऐसे में फाइनेंस कंपनियों को इसका फायदा मिल रहा है.

लिक्विडिटी के मोर्चे पर कंफर्टेबल

ज्यादातर छोटी या बड़ी एनबीएफसी कंपनियां लिक्विडिटी के मोर्चे पर कंफर्टेबल दिख रही है. अधिकांश निजी बैंकों और कुछ पीएसयू बैंकों ने उनके लिए RBI मोरेटोरियम की अवधि को बढ़ा दिया है. इसके अलावा, हाल ही में अधिकांश एनबीएफसी (क्यूआईपी और राइट्स इश्यू) द्वारा पूंजी जुटाने से ओवरआल कैपिटल एडीक्वेंसी में सुधार हुआ है और यह किसी भी प्रोविजनिंग की जरूरत के लिए पर्याप्त दिख रही है.

शेयर में कैसे बनाएं स्ट्रैटेजी

HDFC

सलाह: BUY

करंट प्राइस: 1700 रुपये

लक्ष्य: 2000 रुपये

श्रीराम ट्रांसपोर्ट

सलाह: BUY

करंट प्राइस: 638 रुपये

लक्ष्य: 792 रुपये

बजाज फाइनेंस

सलाह: HOLD

करंट प्राइस: 3322 रुपये

लक्ष्य: 2950 रुपये

LIC हाउसिंग फाइनेंस

सलाह: HOLD

करंट प्राइस: 288 रुपये

लक्ष्य: 274 रुपये

मैग्मा फिनकॉर्प

सलाह: HOLD

करंट प्राइस: 35 रुपये

लक्ष्य: 31 रुपये

महिंद्रा फाइनेंस

सलाह: HOLD

करंट प्राइस: 126 रुपये

लक्ष्य: 128 रुपये

श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस

सलाह: HOLD

करंट प्राइस: 895 रुपये

लक्ष्य: 724 रुपये

L&T फाइनेंस होल्डिंग

सलाह: SELL

करंट प्राइस: 60 रुपये

लक्ष्य: 48 रुपये

(नोट: यह जानकारी हमने ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बाजार में जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले अपने स्तर पर एक्सपर्ट से राय लें.)

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