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The drop in the average ticket sizes has happened even as there has been a 20 per cent rise in a precious commodity prices over the last year, it pointed out. Image: Reuters
 Image: ReutersDhanteras: धनतेरस और दिवाली पर सोना खरीदना भारत में शुभ माना जाता है. इसके अलावा यह बुरे वक्त का साथी भी होता है. लेकिन सोने की आसमान छूती कीमतों के चलते फिजिकल गोल्ड खरीदना हर किसी के लिए आसान नहीं रह गया है. फिजिकल से मतलब है कि सोने को ज्वैलरी, बिस्किट या कॉइन फॉर्म में खरीदना. इस वक्त हाजिर बाजार में फिजिकल गोल्ड की कीमत 39000 रुपये के पार चल रही है. फिजिकल गोल्ड के अलावा भी सोने में निवेश के तरीके हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही 5 तरीकों के बारे में...
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की ओर से जारी किए जाते हैं. ये हर समय खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं. सरकार इन्हें खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर विंडो खोलती है, जो अक्सर 2-3 महीने में होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2019—20 की 6ठीं सीरीज 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2019 तक 3835 रुपये पर खुलेगी. ऑनलाइन अप्लाई करने वालों के लिए कीमत 3785 रुपये रहेगी. गोल्ड बॉन्ड की खरीद पोस्ट ऑफिस ब्रांच, अपने बैंक ब्रांच, अपने डीमैट प्लेटफॉर्म या ऑथराइज्ड स्टॉकब्रोकर के जरिए कर सकता है.
- गोल्ड बॉन्ड के रूप में कोई शख्स 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक सोना ले सकता है. वहीं हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली यानी HUF के लिए यह क्वांटिटी मैक्सिमम 4 किलो और ट्रस्ट्स के लिए 20 किलो है.
 - गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है. इसके बाद इसे उस वक्त मौजूद गोल्ड प्राइस पर भुनाया जा सकता है.
 - गोल्ड बॉन्ड को भुनाने पर LTCG टैक्स नहीं देना होता है. हालांकि इसे खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगेगा. वहीं अगर 3 साल से पहले इसे बेचा जाता है तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगेगा.
 - गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है. साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है.
 - गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है.
 - गोल्ड बॉन्ड पर 2.5 फीसदी सालाना का ब्याज मिल रहा है.
 
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
इसमें निवेश के लिए आपके पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट होना चाहिए. कोई इसमें एकमुश्त या सिप के जरिए नियमित अंतराल पर पैसा लगा सकता है.
- गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में निवेश किया जा सकता है. लेकिन कोई अपर लिमिट नहीं है.
 - गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है.
 - गोल्ड ETF पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है. वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है.
 - गोल्ड ETF में कभी भी खरीद-बिक्री की जा सकती है. यह बहुत ज्यादा लिक्विड होता है.
 - गोल्ड ETF की कमी यह है कि डीमैट चार्ज देना कंपल्सरी है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम लो रहता है.
 - गोल्ड ETF पर कोई ब्याज नहीं मिलता है.
 
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डिजिटल गोल्ड
आप गोल्ड की डिजिटल फॉर्म में भी सस्ते में शगुन की खरीदी कर सकते हैं. आप अपने स्मार्टफोन से ही फिजिकल यानी असली गोल्ड जैसा ही शुद्ध सोना डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रख सकते हैं. साथ ही बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. अपनी सुविधानुसार जितनी कीमत का चाहें सोना खरीद सकते हैं, यहां तक कि 1 रुपये का भी. यह सुविधा आपको दे रहे हैं 4 ऐप- गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक. इन ऐप्स पर आपको 24 कैरेट प्योर गोल्ड ऑफर किया जा रहा है. यह डिजिटल फॉर्म में सुरक्षित रहेगा. साथ ही यह पूरी तरह इंश्योर्ड होता है. आप चाहें तो इसे फिजिकल फॉर्म में डिलीवरी करा सकते हैं या चाहे तो डिजिटल फॉर्म में ही बेच सकते हैं.
गोल्ड म्यूचुअल फंड
आप गोल्ड म्यूचुअल फंड की मदद से भी सोने में निवेश कर सकते हैं. कुछ गोल्ड फंड्स में अंडलाइंग एसेट वह गोल्ड है, जहां फिजिकल गोल्ड की कीमत गोल्ड फंड के NAV में बदलाव दर्शाता है.
Video: देश की सबसे बड़ी रिफाइनरी
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