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Nifty के लिए 15000 का लेवल मजबूत बेस, अच्छे शेयर जोड़ने का है समय, बाजार में जल्द आएगी रिकवरी

इस साल सेंसेक्स में 7.5 फीसदी या 4400 अंकों से ज्यादा की गिरावट रही तो निफ्टी भी 7.5 फीसदी से टूटा है. निगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स का भारतीय बाजारों पर असर हुआ है.

इस साल सेंसेक्स में 7.5 फीसदी या 4400 अंकों से ज्यादा की गिरावट रही तो निफ्टी भी 7.5 फीसदी से टूटा है. निगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स का भारतीय बाजारों पर असर हुआ है.

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Sushil Tripathi
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Nifty के लिए 15000 का लेवल मजबूत बेस, अच्छे शेयर जोड़ने का है समय, बाजार में जल्द आएगी रिकवरी

शेयर बाजार में इस साल की शुरूआत से सेलिंग प्रेशर रहा है. (image: pixabay)

Stock Market Outlook: शेयर बाजार में इस साल की शुरूआत से सेलिंग प्रेशर रहा है. निगेटिव ग्लोबल फैक्टर्स का भारतीय बाजारों पर असर हुआ है. इस साल सेंसेक्स में 7.5 फीसदी या 4400 अंकों से ज्यादा की गिरावट रही तो निफ्टी भी 7.5 फीसदी से टूटा है. मिडकैप और स्मालकैप इंडेक्स 13 फीसदी और 15.5 फीसदी कमजोर हुए हैं. बीच बीच में बाजार उठने की कोशिश कर भी रहा है तो उपरी स्तरों पर टिक नहीं पा रहा. वोलेटिलिटी इंडेक्स हाई है. मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में भी निवेशकों का नुकसान हो रहा है. ऐसे में निवेशकों में कनफ्यूजन भी बढ़ रहा है. बाजार कम थमेगा, कब इसमें रिकवरी आएगी, निवेशकों को क्या करना चाहिए, इन सभी मुद्दों पर हमने Swastika Investmart Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनीत न्याती से बात की है.

बाजार में अब ज्यादा गिरावट का डर नहीं

सुनीत न्याती का कहना है कि शेयर बाजार में पहले से ही बहुत ज्यादा करेक्शन आ चुका है. बाजार में बड़ी गिरावट के पीछे ग्लोबल फैक्टर ज्यादा जिम्मेदार हैं. फिलहाल निफ्टी के लिए 15000 के लेवल पर एक मजबूत बेस दिख रहा है. इस लेवल पर जाकर बाजार को रुकना चाहिए. यहां से और गिरावट नहीं दिख रही है. उम्मीद है कि इस लेवल से एक बार फिर बाजार में खरीदारी लौटेगी. क्रूड और जियोपॉलिटिकल टेंशन जैसे फैक्टर अब बाजार डिस्काउंट कर चल रहा है.

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बाजार को संभाल रहे हैं DIIs

उनका कहना है कि FIIs ने इस साल ज्यादातर समय में बिकवाली की है. लेकिन भारतीय बाजार को लेकर घरेलू निवेशकों का भरोसा बना हुआ है. DIIs लगातार बाजार में पैसे लगा रहे हैं. रिटेल निवेशकों का पार्टिसिपेशन बेहतर है. देखें तो दूसरे बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार का प्रदर्शन बेहतर है. इससे रिटेल निवेशक पॉजिटिव हैं.

भारत में मैन्युफैक्चरिंग का अच्छा माहौल बना है. गवर्नमेंट रिफॉर्म कर रही है. एमएसएमई के लिए नई नई स्कीम आ रही हैं. इकोनॉमिक ग्रोथ आउटलुक के मोर्चे पर भी ठीक ठाक रिपोर्ट आ रही हैं.

रेट हाइक से ग्रोथ पर कितना असर

सुनील न्याती का कहना है कि यूएस फेड ने हाल ही में इंटरेस्ट रेट बढ़ाए हैं. आरबीआई ने भी दरों में इजाफा किया है. रेट हाइक साइकिल का बाजार पर अच्छा खासा प्रेशर आ चुका है. इसका ग्रोथ पर कुछ असर होगा. लेकिन अब धीरे धीरे यह बात बाजार के डिस्काउंट हो रही है. अब बाजार को किसी पॉजिटिव सेंटीमेंट का इंतजार है. जिसके बाद विदेशी निवेशक भी घरेलू बाजार में लौटेंगे.

बाजार मे हमेशा निवेश के मौके

सुनील न्याती का कहना है कि बाजार मे हमेशा निवेश के मौके होते हैं. मौजूदा गिरावट के बाद एक बार फिर बाजार का वैल्युएशन बेहतर हुआ है. बहुत से शेयर भी आकर्षक वैल्युएशन पर हैं. यह समय पोर्टफोलियो में मजबूत फंडामेंटल और अट्रैक्टिव वैल्युएशन वाले शेयरों को जोड़ने का है. घरेल बाजार का लॉन्ग टर्म आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है. ऐसे में सस्ते भाव पर मिल रहे अच्छे शेयर लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देंगे. हालांकि एक और बात है कि निवेशकों को अपना रिस्क प्रोफाइल देखकर ही निर्णय लेना चाहिए. वहीं निवेश के पहले किसी एडवाइजर से सलाह लेना चाहिए.

कौन से सेक्टर पर करें फोकस

उनका कहना है कि इंफ्रा और इस सेकटर से जुड़े दूसरे सेक्टर अच्छे दिख रहे हैं. सरकार का फोकस इंफ्रा सेक्टर पर है और इस पर लगातार खर्च बढ़ रहा है. इससे जुड़ा हाउसिंग सेक्टर भी बेहतर दिख रहा है. इसके अलावा रूरल, कैपिटल गुड्स और फाइनेंशियल सेक्टर पर नजर रख सकते हैं.

नए लिस्ट होने वाले शेयरों पर स्ट्रैटेजी

सुनील न्याती का कहना है कि आईपीओ में पैसे लगाने से पहले उनके फंडामेंटल, फाइनेंशियल, ग्रोथ का ट्रैक रिकॉर्ड, मैनेजमेंट और प्रमोटर्स, आईपीओ का वैल्युएशन, बिजनेस मॉडल और फ्यूचर आउटलुक आदि की जानकारी जरूर लें. अगर इन फैक्टर्स पर सबकुछ पॉजिटिव है तो अपना रिस्क प्रोफाइल देखकर लंबी अवधि के लिए पैसे लगा सकते हैं.

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