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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते जियो पॉलिटिकल रिस्क बढ़ा है. दुनियाभर के बाजारों में अनिश्चितता है. (pixabay)
Time to Add Quality Stocks in Portfolio: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के चलते जियो पॉलिटिकल रिस्क बढ़ गया है. दुनियाभर के बाजारों में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. निफ्टी पर इंडिया VIX आज 7 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 28.65 के लेवल पर है, जो बाजार में बड़ी उठा पठक के संकेत दे रहा है. जियो पॉलिटिकल रिस्क के चलते कच्चा तेल यानी क्रूड 100 डॉलर प्रति बैरल के पार अपने 8 साल के हाई पर बना हुआ है. इससे इक्विटी बाजारों में अस्थिरता की स्थिति बन गई है. रेट हाइक साइकिल कॉर्नर नजदीक है और इस बीच इकोनॉकि ग्रोथ ट्रैजेक्टरी को जोखिम का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में निवेश के लिए क्वालिटी स्टॉक चुनना आसान नहीं है. ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्योरिटीज ने ऐसे कुछ क्वालिटी शेयरों की लिस्ट दी है, जिनमें बाजार की वोलेटिलिटी में भी बेहतर रिटर्न मिलने की गुंजाइश है.
इंडियन इकोनॉमी को क्यों मिलेगा फायदा
रूस और यूक्रेन संकट के बीच US/यूरोप द्वारा रूस पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि किसी बहुत बड़े प्रतिबंध की उम्मीद नहीं है. क्योंकि इसका उनके लिए भी व्यापक आर्थिक प्रभाव हो सकता है. शॉर्ट टर्म में क्रूड की कीमतों में स्थिरता की ग्लोबल बाजारों में रिकवरी की बड़ी उम्मीद है. इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्टिव से हम मानते हैं कि किसी एक देश पर ही यूटिलिटीज/ट्रेड के लिए हाई डिपेंडेंसी का जोखिम अब सबसे आगे है. और इस तरह से "प्लस वन" पॉलिसी वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ेगा. इससे भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं को बड़े पैमाने पर लाभ होगा, जिसे सरकार द्वारा PLI और कुछ और इनिशिएटिव का लाभ होगा.
टेक्निकल पुलबैक रैली के लिए तैयार है बाजार!
टेक्निकली देखें तो निफ्टी के लिए 16200 के लेवल पर एक मजबूत सपोर्ट है. इंडेक्स इसके पार बना रहा तो पुलबैक के विकल्प खुले रहेंगे. इसके अलावा, VIX में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों में कमी के साथ अगर निफ्टी 16800 के पार बंद होता है तो इंडेक्स 17200 की ओर मूव कर सकता है. टाइम वाइज देखें तो इंडेक्स में अप्रैल 2020 के बाद से लगातार तीन हफ्तों से अधिक समय तक करेक्शन नहीं रहा है. वर्तमान परिदृश्य में निफ्टी में तीन हफ्ते तक करेक्शन रहा है, ऐसे में निफ्टी आने वाले हफ्तों में तकनीकी पुलबैक रैली के लिए तैयार है.
बाजार में गिरावट यानी निवेश के मौके
फंडामेंटली इंडियन इक्विटी पर मिड से लॉन्ग टर्म के बीच कंस्ट्रक्टिव थीसिस आर्थिक सुधार के बीच बरकरार है. मैक्रोइकॉनॉमिक ठंडीकेटर्स मजबूत हो रहे हैं, मजबूत कैपेक्स खर्च और मजबूत कॉर्पोरेट आय (वित्त वर्ष 2011-24 से 21.5% सीएजीआर पर निफ्टी आय ग्रोथ की संभावना) से बाजार का आउटलुक मजबूत दिख रहा है. इसलिए बाजार के मौजूदा करेक्शन को नए सिरे से निवेश के मौके के रूप में लेना चाहिए. जिन कंपनियों में सस्टेनेबल ग्रोथ दिख रही हो, उनके स्टॉक्स को पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं.
(Source: Spidersoftware, ICICI Direct Research)
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)