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कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब इक्विटी और म्यूचुअल फंड बाजार में लोगों के पैसे डूब रहे थे, डेट फंडों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है.
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कोरोना वायरस महामारी की वजह से जब इक्विटी और म्यूचुअल फंड बाजार में लोगों के पैसे डूब रहे थे, डेट फंडों ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. पिछले एक साल की बात करें तो इक्विटी म्यूचुअल फंड सेग्मेंट में हर कटेगिरी में निगेटिव रिटर्न मिला है. वहीं डेट फंड की अलग अलग कटेगिरी की बात करें तो 1 साल के दौरान डबल डिजिट तक रिटर्न मिला. वहीं अलग अलग फंड ने इस दौरान 20 फीसदी तक रिटर्न दिया है. कोरोना वायरस संकट के दौर में लोगों का भरोसा भी डेट फंड पर बए़ रहा है. अब लोग ज्यादा लालच की बजाए सुरक्षित माने जाने वाले फिक्स्ड इनकम स्कीम में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं.
एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार मई महीने में निवेशकों का फोकस फिक्स्ड इनकम सिक्युरिटीज पर बढ़ा है. मई में इन योजनाओं में 63,665 करोड़ रुपये का निवेश आया. जबकि इन योजनाओं में अप्रैल महीने में 43,431 करोड़ रुपये निवेश हुआ था. ओवरनाइट फंड और क्रेडिट रिस्क फंड में 15,881 करोड़ और 5,173 करोड़ का निवेश हुआ. एक्सपर्ट का कहना है कि ब्याज दरें निचले स्तरों पर है. आगे भी दरों में कमी बने रहने का अनुमान है. वहीं स्माल सेविंग्स स्कीम की भी ब्याज दरों में कटौती हुई है. इससे डेट फंडों का आकर्षण और बढ़ा है. दूसरी ओर इक्विटी फंड में आने वाला इनफ्लो 5 महीने में सबसे कम रहा है.
1 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले फंड
DSP स्ट्रैटेजिक बांड फंड
1 साल का रिटर्न: 21 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.21 लाख
10 हजार मंथली निवेश की एसआईपी वैल्यू: 1.30 लाख
PGIM इंडिया शॉर्ट ड्यूरेशन फंड
1 साल का रिटर्न: 18 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.18 लाख
10 हजार मंथली निवेया की एसआईपी वैल्यू: 1.26 लाख
IDFC गवर्नमेंट सिक्युरिटीज फंड
1 साल का रिटर्न: 17 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.17 लाख
10 हजार मंथली निवेया की एसआईपी वैल्यू: 1.30 लाख
DSP गवर्नमेंट सिक्युरिटीज
1 साल का रिटर्न: 16.5 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.16 लाख
10 हजार मंथली निवेश की एसआईपी वैल्यू: 1.30 लाख
ICICI प्रू कांस्टेंट मेच्योरिटी
1 साल का रिटर्न: 16.45 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.16 लाख
10 हजार मंथली निवेश की एसआईपी वैल्यू: 1.30 लाख
SBI मैगनम गिल्ट फंड
1 साल का रिटर्न: 16 फीसदी
1 साल में 1 लाख की वैल्यू: 1.16 लाख
10 हजार मंथली निवेश की एसआईपी वैल्यू: 1.29 लाख
क्या हैं डेट फंड
डेट फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड हैं जो फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज मसलन गर्वनमेंट सिक्युरिटीज, कॉरपोरेट बॉन्ड, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में निवेश करते हें. डेट म्यूचुअल फंड के साथ यह जरूरी है कि कम से कम 65 फीसदी रकम बांड या बैंक डिपॉजिट में निवेश किया जाए. डेट फंड उन निवेशकों के लिए उपलब्ध सबसे सुरक्षित निवेश साधनों में से एक हैं, जो जोखिम लिए बिना रिटर्न चाहते हैं.
टैक्स व रिस्क
डेट फंड को 3 साल बाद भुनाने पर लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (LTCG) लगता है. वहीं, 3 साल पहले निकालने पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स (STCG) लगता है. डेट फंड्स में इंटरेस्ट रेट बांड प्राइस पर निर्भर करता है. अगर इंटरेस्ट रेट घटेगा तो बांड के प्राइस बढ़ते हैं. वहीं इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर बांड प्राइस घटते हैं. इंटरेस्ट रेट का घटना-बढ़ना घरेलू और ग्लोबल फैक्टर्स पर भी निर्भर करता है.
डेट म्यूचुअल फंड के लाभ
फिक्स्ड रिटर्न: डेट फंड मुख्य रूप से सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं जो तय ब्याज देते हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डेट फंड के खराब प्रदर्शन की संभावना न हो. लेकिन यह तब होता है, जब सिक्युरिटीज की क्रेडिट रेटिंग कम होती है, या ब्याज दर की गति नकारात्मक होती है.
अधिक लिक्विडिटी: ओवरनाइट या लिक्विड फंड भी डेट फंड में आते हैं. ये फंड अत्यधिक लिक्विड हैं और सुरक्षित भी. निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार यूनिट को खरीद व बेच सकता है.
बेहतर रिटर्न: डेट फंड में स्माल सेविंग्स स्कीम मसलन एफडी, आरडी, एनएससी या पीपीएफ की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. डेट फंड का औसत रिटर्न देखें तो पिछले 1 साल के दौरान अलग अलग कटेगिरी में 8 से 10 फीसदी रिटर्न मिला है. लांग टर्म में इससे भी ज्यादा. जबकि 5 साल की एफडी पर बड़े बैंक 6.25 तक ही ब्याज दे रहे हैं.
डाइवर्सिफाई: जब निवेश की बात आती है, तो ये कोशिश की जाती है कि आप एक ही क्षेत्र में निवेश ना करें. इससे जोखिम कम होता है. डेट फंड के साथ यह संभव है.