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कोरोना से ठीक पहले फरवरी 2020 में देश में बेरोजगारी की दर 7.76 फीसदी थी.
Unemployment Rate in February 2022: गांवों में काम की कमी के चलते पिछले महीने फरवरी में देश में बेरोजगारी दर छह महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. इससे एक महीने पहले ही जनवरी 2022 में यह 10 महीने के निचले स्तर पर थी. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर पिछले महीने 8.1 फीसदी थी जबकि जनवरी 2022 में यह 6.57 फीसदी पर थी. पिछले महीने गांवों में बेरोजगारी 8 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर थी. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2022 में गांवों में जॉबलेसनेस (बेरोजगारी) 2.51 फीसदी बढ़कर 8.35 फीसदी पर पहुंच गई. हालांकि इसके विपरीत शहरों में बेरोजगारी दर पिछले महीने 7.55 फीसदी रही जो चार महीने का निचला स्तर है.
शहरों में रिकवरी लेकिन मनरेगा बजट में कमी से बढ़ी गांवों में बेरोजगारी
लेबर सेक्टर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि लॉकडाउन रिस्ट्रिक्शंस में ढील और फॉर्मल व इनफॉर्मल दोनों सेक्टर में तेज रिकवरी की वजह से शहरों में बेरोजगारी दर कम हो रही है. शहरों की बेरोजगारी दर नवंबर 2021 में 8.2 फीसदी, दिसंबर 2021 में 9.3 फीसदी, जनवरी 2022 में 8.16 फीसदी और फरवरी 2022 में 7.55 फीसदी पर रही. लेबर इकनॉमिस्ट व एक्सएलआरआई के प्रोफेसर केआर श्याम सुंदर के मुताबिक कुछ राज्यों के मनरेगा बजट में कमी और गांवों में गैर-कृषि क्षेत्र में नए रोजगार की सीमित उपलब्धता के चलते गांवों में बेरोजगारी दर में उछाल रही और यह फरवरी में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई. सुंदर के मुताबिक गांवों में बेरोजगारी दर के नीचे लाने की जरूरत है जिसके लिए तत्काल सरकार को सक्रिय भूमिका निभानी होगी और हस्तक्षेप करना होगा.
कोरोना से पहले बेरोजगारी दर 7.76%
कोरोना से ठीक पहले फरवरी 2020 में देश में बेरोजगारी की दर 7.76 फीसदी थी जबकि पिछले साल फरवरी 2021 में यह 6.89 फीसदी पर थी. अगस्त 2021 में ओवरऑल एंप्लॉयमेंट रेट 8.32 फीसदी पर थी. हाल की बात करें तो पिछले साल मई में बेरोजगारी दर 11.84 फीसदी के उच्च स्तर पर थी. यह वह समय था जब देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का साया था. मई में गांवों व शहरों दोनों जगहों पर बेरोजगारी दर दोहरे अंकों में थी. गांवों में यह 10.55 फीसदी और शहरों में 14.72 फीसदी पर थी.
(Article: Surya Sarathi Ray)