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Budget 2020: पार्टनरशिप फर्म्स को भी मिले कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का फायदा, टर्नओवर के हिसाब से अलग-अलग हो स्लैब

सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी.

सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी.

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Ritika Singh
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Union Budget 2020: demands and expectations, government will give reduced corporate tax rate benefit to sme partnership firms too, ludhiana hojari industry

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Budget 2020: सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2019 में कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की थी. इसके तहत घरेलू कंपनियों के लिए बेस कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी की गई. साथ ही 1 अक्टूबर 2019 के बाद अस्तित्व में आईं व 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू करने वाली नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी की गई. लेकिन इस कटौती का फायदा देश की हर तरह की कंपनियों को नहीं हुआ है. आज भी छोटे व मंझोले पार्टन​रशिप फर्म्स इनसे अछूते हैं.

लुधियाना की हौजरी इंडस्ट्री की मांग है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस दियाा में कदम उठाएं. निटवियर एंड अपैरल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना (KAMAL) के प्रेसिडेंट सुदर्शन जैन का कहना है कि कारॅरपोरेट टैक्स में कटौती एसएमई को फायदा देने के लिए की गई है. लेकिन एसएमई पार्टनरशिप फर्म्स इस फायदे के दायरे में नहीं आतीं. कॉरपोरेट टैक्स की घटी हुई दर उनके लिए भी लागू की जानी चाहिए क्योंकि देश की कुल एसएमई कंपनियों में पार्टनरशिप फर्म्स की हिस्सेदारी लगभग 90 फीसदी है.

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अलग-अलग टैक्स स्लैब का हो प्रावधान

हौजरी इंडस्ट्री का यह भी कहना है कि कॉरपोरेट टैक्स में भी व्यक्तिगत आयकर की तरह अलग-अलग टैक्स स्लैब होने चाहिए. जिस तरह आयकर​ के मामले में अलग-अलग कमाई वाले लोगों पर अलग-अलग दर से टैक्स लगता है, उसी तरह कंपनियों के लिए भी टर्नओवर का स्लैब बने और उसके हिसाब से कॉरपोरेट टैक्स की अलग-अलग दर निश्चित की जाए. इससे MSME पर से टैक्स बोझ कम होगा और वे टैक्स भरने के लिए प्रोत्साहित भी होंगे. इससे जीएसटी कलेक्शन में भी बढ़ोत्तरी होगी.

बांग्लादेश से आने वाले माल पर आयात शुल्क बढ़े

जैन ने लुधियाना हौजरी इंडस्ट्री को बाहर के सस्ते माल से हो रहे नुकसान से बचाने की भी बात कही है. उनका कहना है कि चीन का सस्ता माल बांग्लादेश के जरिए देश में डंप किया जा रहा है. इससे घरेलू हौजरी इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है. लिहाजा सरकार इस बारे में कदम उठाए और बांग्लादेश से आने वाले माल पर आयात शुल्क बढ़ाकर हौजरी इंडस्ट्री की मदद करे.

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