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Budget 2021: प्राकृतिक गैस को GST के दायरे में लाया जाए, गैस बेस्ड इकोनॉमी के लिए यह कदम जरूरी: FIPI

Budget 2021: प्राकृतिक गैस फिलहाल GST के दायरे से बाहर है और इस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य वैट (वैल्यू एडेड टैक्स), केंद्रीय बिक्री कर लागू है.

Budget 2021: प्राकृतिक गैस फिलहाल GST के दायरे से बाहर है और इस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य वैट (वैल्यू एडेड टैक्स), केंद्रीय बिक्री कर लागू है.

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PTI
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Union Budget 2021, Include natural gas under GST to push for gas-based economy, FIPI, federation of indian petroleum Industry, budget 2021-22

Image: Reuters

Union Budget 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गैस आधारित अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को हकीकत बनाने और सकल ऊर्जा संसाधनों में पर्यावरण अनुकूल ईंधन की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये सरकार को प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाना चाहिए. प्राकृतिक गैस फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर है और इस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, राज्य वैट (वैल्यू एडेड टैक्स), केंद्रीय बिक्री कर लागू है. फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री (FIPI) ने कहा कि प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में नहीं लाने से इसकी कीमतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही पहले से चली आ रही कर व्यवस्था का असर प्राकृतिक गैस उद्योग पर पड़ रहा है.

वित्त मंत्रालय को बजट से पहले सौंपे गये ज्ञापन में FIPI ने कहा कि विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक गैस पर वैट काफी ऊंचा है. उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में यह 14.5 फीसदी, गुजरात में 15 फीसदी और मध्य प्रदेश में 14 फीसदी है. कहा गया है, ‘‘चूंकि गैस आधारित उद्योग को वैट पर टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता, ऐसे में संबंधित औद्योगिक ग्राहकों की उत्पादन लागत बढ़ती है और अर्थव्यवस्था पर इसका इन्फ्लेशनरी इफेक्ट पड़ता है.’’

क्या होंगे फायदे

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प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने का सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, ईंधन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और विभिन्न प्रकार के करों के कारण उत्पन्न समस्या नहीं होगी. प्रधानमंत्री ने कुल ऊर्जा में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 2030 तक मौजूदा 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. प्राकृतिक गैस का उपयोग बढ़ने से ईंधन लागत कम होगी. साथ ही कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे देश को सीओपी (कॉन्फ्रेन्स ऑफ पार्टीज)-21 प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.

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ये मांग भी रखी

FIPI ने प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन के जरिये परिवहन सेवा पर भी जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने की मांग की है. फिलहाल पाइपलाइन के जरिये प्राकृतिक गैस परिवहन से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी 12 फीसदी (इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ) और 5 फीसदी (बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के) है.

Natural Gas Union Budget 2021 Nirmala Sitharaman