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Market participants will watch stock-specific developments, foreign fund flow, and Covid-related updates for further cues.
Indian Union Budget 2021-22: पिछले साल 1 फरवरी को पेश बजट के बाद बाजार को पंख लग गए. कंजम्पशन पर जोर को देखते हुए बाजार के सेंटीमेंट मजबूत हुए और फरवरी में ही सेंसेक्स ने अपना रिकॉर्ड हाई बनाया. हालांकि यह रैली कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस महामारी ने थाम ली. कोरोना वायरस महामारी के चलते देशभर में लॉकडाउन का एलान किया गया, जिससे बाजार मार्च में अपने निचले सतरों पर आ गया. 24 माच को सेंसेक्स 25638.9 के लो स्तर पर आ गया. ​अगस्त के बाद बाजार में फिर रिकवरी आई और नवंबर आते आते बाजार ने अपने पहले के रिकॉर्ड को तोड़ दिया. 18 दिसंबर के कारोबार में सेंसेक्स ने पहली बार 47000 का आंकड़ा पार किया.
बजट के बाद से 18% चढ़ा बाजार
बजट 2020 के बाद से शेयर बाजार में 18 फीसदी की ग्रोथ आ चुकी है. सेंसेक्स 1 फरवरी के पहले 39735 के स्तर पर था, जो 18 दिसंबर को बढ़कर 47,026 के स्तर पर आ गया. यानी सेंसेक्स में 18 फीसदी की ग्रोथ रही. वहीं मिडकैप में 19 फीसदी की ग्रोथ रही है. 1 फरवरी को बीएसई मिडकैप इंडेक्स 15119 के स्तर पर था, जो अब 17936 के स्तर पर आ गया. वहीं स्मालकैप में भी इस दौरान सबसे ज्यादा 25 फीसदी की ग्रोथ रही. इस दौरान बीएसई स्मालकैप इंडेक्स 14344 के स्तर से बढ़कर 17877 के स्तर पर आ गया.
बजट में कंजम्पशन पर था जोर
बीते बजट में वित्त मंत्री ने नया इनकम टैक्स स्ट्रक्चर पेश किया, जोकि वैकल्पिक था. बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स के लिए 5 से 7.5 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स रेट की दर को घटाकर 10 फीसदी करने का एलान किया था. 7.5 लाख से 10 लाख रुपए पर इनकम टैक्स स्लैब 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया. असल में सरकार की प्रमुख चिंता देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को वापस पटरी पर लाना था, जो बजट 2020 पेश होने के दौरान 6 साल के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर था. इससे यह सेंटीमेंट बना कि टैक्स पेयर्स की बचत बढ़ेगी तो वे अपनी बचत बाजार में लगाएंगे. जिससे लिक्विडिटी बढ़ेगी.
हालांकि नए इनकम टैक्स स्ट्रक्चर में जाने पर लाभ उन्हीं को था, जिनका वेतन 10 लाख सालाना से अधिक है.
बजट के बाद से बाजार के लिए घटनाएं
बजट के बाद से देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लगाया गया. जिसके बाद से बाजार अपने निचले स्तरों पर आ गया. उसके बाद से सरकार ने बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में बड़ी कटौती की. एनबीएफसी में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहे, इसके उपाय किए गए. सरकार ने राहत पैकेज देकर कंजम्पशन बढाने के उपाय किए. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों को निचले स्तरों पर बनाए रखा. भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा, जिससे बाजार पर असर हुआ. बजट के बाद से जहां क्रूड निचले स्तरों पर चला गया, साल के अंत आते आते क्रूड 50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार गया. यूएस में प्रेसिडेंट इलेक्शन ने भी बाजारों को प्रभावित किया.
इन शेयरों ने दिया सबसे ज्यादा रिटर्न
अडानी ग्रीन: 456%
1 फरवरी से शेयर का भाव 186 रुपये से बढ़कर 1034 रुपये हो गया.
अडानी गैस: 117%
1 फरवरी से शेयर का भाव 165 रुपये से बढ़कर 358 रुपये हो गया.
अडानी इंटरप्राइजेज: 107%
1 फरवरी से शेयर का भाव 221 रुपये से बढ़कर 458 रुपये हो गया.
सिनजिन इंटरनेशनल: 95%
फरवरी से शेयर का भाव 314 रुपये से बढ़कर 612 रुपये हो गया.
डिवाइस लैब: 91%
फरवरी से शेयर का भाव 1990 रुपये से बढ़कर 3819 रुपये हो गया.
अरबिंदो फार्मा: 90%
फरवरी से शेयर का भाव 464 रुपये से बढ़कर 880 रुपये हो गया.
इप्का लैब: 82%
फरवरी से शेयर का भाव 1220 रुपये से बढ़कर 2215 रुपये हो गया.
कैडिला हेल्थकेयर: 83%
फरवरी से शेयर का भाव 260 रुपये से बढ़कर 477 रुपये हो गया.
L&T इंफोटेक: 69%
फरवरी से शेयर का भाव 1975 रुपये से बढ़कर 3335 रुपये हो गया.
माइंडट्री: 67%
फरवरी से शेयर का भाव 881 रुपये से बढ़कर 1471 रुपये हो गया.
डॉ रेड्डीज: 67%
फरवरी से शेयर का भाव 3110 रुपये से बढ़कर 5182 रुपये हो गया.