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अमेरिकी मुद्रास्फीति (Inflation) से जुड़ी खबरें अभी कई महीनों तक शेयर बाजार के लिए चर्चा का विषय बनी रहेगी.
अमेरिकी मुद्रास्फीति (Inflation) से जुड़ी खबरें अभी कई महीनों तक शेयर बाजार के लिए चर्चा का विषय बनी रहेगी. दरअसल, बहस इस बात को लेकर है कि क्या मुद्रास्फीति अपने हाई पर पहुंच गई है या अभी और ऊपर जा सकती है. हालांकि, अनुमान यह भी है कि वर्तमान में जिस तरह इक्विटी मार्केट प्रतिक्रिया दे रहा है, ऐसा लगता है इन्फ्लेशन अपने हाई पर पहुंच गया है. अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले 5 दिनों में लगभग 5% का उछाल देखने को मिला है. यूएस सीपीआई डेटा 13 सितंबर को जारी किए गए. अमेरिकी मुद्रास्फीति मई में 8.6% थी, जो जून में बढ़कर 9.1% हो गई और इसके बाद जुलाई में गिरकर 8.5% हो गई. यूएस सीपीआई डेटा में गिरावट जारी रहने की उम्मीद है, लेकिन कोर इन्फ्लेशन अभी भी अर्थशास्त्रियों, विश्लेषकों और शेयर बाजार निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
इंटरएक्टिव ब्रोकर्स के सीनियर इकोनॉमिस्ट जोस टोरेस कहते हैं कि FED खास तौर पर कोर कैटेगरी से संबंधित है क्योंकि निरंतर मूल्य दबाव अर्थव्यवस्था में और साथ ही लोगों और फर्म साइकोलॉजी में मुद्रास्फीति के तेजी से बढ़ने का जोखिम पैदा करता है, व्यवहार को प्रभावित करता है." फेड रेट हाइक का मकसद मुद्रास्फीति के स्तर को 2% से कम करना है. टोरेस ने आगे कहा, "अगस्त की मुद्रास्फीति रीडिंग FED को उनकी सख्त योजनाओं से नहीं रोकेगी क्योंकि वे प्राइस प्रेशर को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. लिक्विडिटी विड्रॉल और ब्याज दरों में बढ़ोतरी 2023 में जारी रहेगी, जिसमें टर्मिनल रेट 4.28 प्रतिशत होगी. आने वाले महीनों में 10 साल के ट्रेजरी यील्ड में 3.6 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की संभावना है." अगस्त मुद्रास्फीति के आंकड़ों से शेयर बाजार पर होने वाले असर को देखना दिलचस्प होगा.
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जनवरी 2022 से अमेरिकी बाजार में आ रही है गिरावट
जुलाई को छोड़ दें तो जनवरी 2022 से अमेरिकी बाजार में गिरावट आ रही है. अनियंत्रित मुद्रास्फीति अर्थव्यवस्था के लिए खराब है, जिसके चलते सेंट्रल बैंक को ब्याज दरों को बढ़ोतरी करनी पड़ी. Fed पहले ही दरों में 225 आधार अंकों की वृद्धि कर चुका है, और आगे भी इसमें वृद्धि की उम्मीद है. मुद्रास्फीति के आंकड़ों में कोई भी नेगेटिव सरप्राइज या मैक्रो इकोनॉमिक फैक्टर्स में अचानक बदलाव से बाजार में गिरावट की शुरुआत हो सकती है. बेहतर तरीका यही है कि अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई किया जाए और लॉन्ग टर्म व्यू के साथ क्वालिटी स्टॉक्स जोड़ते रहें.
(Article: Sunil Dhawan)