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दीवाली तक सोना 53-54 हजार तक पहुंच सकता है.
अपने देश में सोने के प्रति लोगों का आकर्षण किसी से छिपा नहीं है. यहां हर शुभ मौके पर सोना खरीदने की परंपरा रही है. इसके अलावा शादी-ब्याह में भी सोने के लेन-देन होते रहे हैं. आज सोना सिर्फ परंपरा की वजह से ही नहीं, निवेश के लिहाज से भी खरीदा जाता है. इस वजह से ही सोने ने इस साल अपना रिकॉर्ड हाई बनाया और 56 हजार प्रति 10 ग्राम का भाव पार कर गया. हालांकि रिकॉर्ड स्तर से अभी सोना करीब 5500 रुपये डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है. ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या दिवाली के पहले निवेशकों को सोने में दांव लगाना चाहिए या अभी इंतजार करना चाहिए. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि सोना खरीदने का सही समय है, दिवाली के आस पास इसमें फिर तेजी आएगी.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की भूमिका
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब 15 दिन के करीब ही बचे हैं जिसकी वजह से भी सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है. अमेरिकी इकोनॉमी का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ता है, ऐसे में वहां चुनावों के कारण जो अनिश्चितता दिख रही है, उसकी वजह से भी लोगों में सोने के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक सोने के भाव इस पर भी निर्भर करेंगे कि अमेरिका में अगला राष्ट्रपति कौन बनता है. अमेरिका में राष्ट्रपति पद की दौड़ में डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन हैं. जो बिडेन अगर राष्ट्रपति बनते हैं तो तो सोना और ऊपर जाएगा. इसके विपरीत अगर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनते हैं क्योंकि वह इक्विटी मार्केट को सपोर्ट करते हैं तो सोना को नीचे जाना चाहिए लेकिन उनके विवादित बयानों के कारण सोना भी चढ़ता है क्योंकि अस्थिरता का माहौल बना रहता है. जो बिडेन के राष्ट्रपति बनने पर इक्विटी मार्केट क्रैश करने की भी संभावना अजय केडिया ने जताई.
कोरोना ने बढ़ाई सोने की चमक
कोरोना के बढ़ते मामले और पेरिस-लंदन में एक बार फिर लॉकडाउन के कारण दुनिया भर में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका है. इसके चलते सोने को लोग सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं और सोने की मांग बढ़ने के कारण इसकी चमक बढ़ रही है.
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बाजार में करेक्शन की गुंजाइश
अजय केडिया का कहना है किस समय निफ्टी का PE 34 चल रहा है जो बहुत ज्यादा है. अगर यह 25 से 28 होता तो सामान्य कहा जाता. निफ्टी के इतना अधिक होने का मतलब है कि बाजार बहुत महंगा हो चुका है. इसलिए इसमें करेक्शन की गुंजाइश बनी हुई है. ऐसी स्थिति में निवेशकों को सोना ही सुरक्षित निवेश के रूप में दिखता है.
डिजिटल गोल्ड ने भी बढ़ाए सोने के भाव
अब सोने में निवेश को लेकर असुरक्षा का भाव खत्म हो गया है जिसके कारण इसमें निवेश तेजी से बढ़ रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह डिजिटल गोल्ड है. पहले सोना फिजिकल रूप में खरीदने पर उसकी सुरक्षा की चिंता होने लगती थी लेकिन अब सोने में निवेश के लिए फिजिकल गोल्ड खरीदना जरूरी नहीं रह गया है. इस वजह से सोने में निवेश आकर्षक हो गया है.
दीवाली तक 53-54 हजार तक पहुंच सकता है सोना
त्योहारों पर सोने की खपत बढ़ जाती है. दिवाली से पहले धनतेरस पर धातु खरीदने की परंपरा रही है. धनतेरस के अवसर पर सोने की बड़ी खरीदारी होती है. ऐसे समय में इसकी मांग बढ़ जाती है.
ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग में कमोडिटीज एंड करेंसीज रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता के मुताबिक दीवाली तक सोना 53-54 हजार तक पहुंच सकता है. इसके बाद सोने में गिरावट आएगी. हालांकि उनका मानना है कि अगले साल सोना 60 हजार के पार जा सकता है. इस तरह से सोने में निवेश की सोच रहे हैं तो आज के भाव पर अगले साल तक अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है.