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वेदांता समूह बुधवार को प्रारंभिक अभिरुचि पत्र दाखिल कर दिया है. (Image: Reuters)
वेदांता समूह (Vedanta Group) ने भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) में सरकार की हिस्सेदारी खरीद सकता है. समूह ने बुधवार को इसके लिए प्रारंभिक अभिरुचि पत्र (expression of interest) दाखिल कर दिया है. भारत की दूसरे सबसे बड़ी फ्यूल रिटेलर बीपीसीएल में वेदांता की दिलचस्पी उसके अपने मौजूदा तेल और गैस कारोबार के साथ तालमेल रहने के कारण है. सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है और इसके लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) दाखिल करने की अंतिम तिथि 16 नवंबर थी.
कंपनी के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘बीपीसीएल के लिए वेदांता का ईओआई हमारे मौजूदा तेल और गैस कारोबार के साथ संभावित तालमेल का मूल्यांकन करने के लिए है. सरकार ने बोली लगाने के समाप्ति के मौके पर कहा था कि कई अभिरुचि पत्र प्राप्त हुए हैं. हालांकि, उसने बोली लगाने वालों की पहचान उजागर नहीं की. मालूम हो, इस बिक्री में असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी में बीपीसीएल की 61.65 फीसदी हिस्सेदारी शामिल नहीं है.
बता दें, सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. बुधवार को बीपीसीएल का शेयर कारोबार समाप्ति पर 2.85 फीसदी की गिरावट के साथ 383.20 रुपये पर बंद हुआ.
RIL और रूस की रोजनेफ्ट पीछे हटीं
रिलायंस इंडस्ट्रीज और रूस की रोजनेफ्ट ने बीपीसीएल में हिस्सेदारी खरीदने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. आरआईएल ने अपने प्रस्ताव जमा नहीं कराए, जबकि कंपनी को बीपीसीएल की खरीद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा था. बीपीसीएल की रिटेल कारोबार में 22 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है. वहीं, रूस की प्रमुख ईंधन कंपनी रोजनेफ्ट के नेतृत्व वाली नायरा एनर्जी भी पिछले महीने तक बीपीसीएल में शेयर खरीदने को इच्छुक नजर आ रही थी, लेकिन बाद में उसने भी हाथ खींच लिए हैं.
इसी तरह दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने भी इसके लिए रुचि पत्र जमा नहीं कराया है. वहीं ब्रिटेन की बीपी और फ्रांस की टोटल की भारतीय ईंधन बाजार में प्रवेश करने की योजना थी लेकिन उन्होंने ने भी बीपीसीएल की हिस्सेदारी खरीदने में कोई रुचि नहीं दिखायी.