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Urging for more sensitivity towards each other, he reiterated the need for "more of kindness and more of understanding and patience than what one sees today."
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वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में एंटरप्रेन्योर्स को अपने नए या संशोधित स्टार्टअप्स को सक्षम बनाने के लिए नए तरीके अपनाने होंगे. उन्हें इस दौर से उबरकर आगे भी मजबूती से बने रहने के लिए नए रास्ते बनाने होंगे. ये नए तरीके आने वाले कल के लिए नए प्रतिमान होंगे. ये बातें टाटा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में कही हैं.
टाटा संस के मानद अध्यक्ष ने कहा कि वह मौजूदा समय में चुनौतियों और कठिनाइयों को कम करके नहीं आंकना चाहते. अब यह कोरे कागज पर नई इबारत लिखने जैसा हो सकता है, जिसमें काम करने के ऐसे तरीकों पर ध्यान देना होगा जिसके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया होगा.
अतीत में भी आई हैं कठिनाइयां
टाटा ने उम्मीद जताई कि महामारी के बाद उद्यमियों को अपने परिचालन के लिए एक बेहतर तरीका मिलेगा. कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत सहित दुनिया भर में आर्थिक गतिविधियां गंभीर रूप से बाधित हुई हैं. उन्होंने कहा कि अतीत में कठिन समय के दौरान उद्यमियों ने अविश्वसनीय दूरदर्शिता और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया है. वे आज इनोवेशन और नई तकनीक के ध्वजवाहक बन गए हैं. मुझे उम्मीद है कि मौजूदा संकट के परिणामस्वरूप किसी उत्पाद को बनाने, किसी कंपनी को चलाने का एक बेहतर तरीका हमें मिलेगा.
इनोवेटर्स पर है विश्वास
टाटा 1991 से लेकर 28 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्ति तक टाटा संस के अध्यक्ष थे. उन्होंने आगे कहा, ‘‘मैं मौजूदा समय में चुनौतियों और कठिनाइयों को कम नहीं मानता. लेकिन इनोवेटिव सोच और रचनात्मकता वाले एंटरप्रेन्योर्स में मेरा विश्वास अभी भी बहुत अधिक है, जो अपने नए या संशोधित उद्यमों को समक्ष बनाएंगे. वे ऐसे तरीके निकालेंगे, जो आने वाले कल के लिए प्रतिमान होंगे.’’ उन्होंने कहा कि यह संकट उद्यमियों को नई चीजों को अपनाने और कुछ नया तैयार करने के लिए प्रेरित करेगा. गौरतलब है कि टाटा अपनी सेवानिवृत्ति के बाद कई स्टार्टअप में सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं.