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वोडाफोन ग्रुप की अभी वोडाफोन-आइडिया में 58.46 फीसदी और आदित्य बिरला ग्रुप की इसमें 16.53 फीसदी हिस्सेदारी है. (Image- Reuters)
Vodafone-Idea News: भारी कर्ज के बोझ से जूझ रही दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की प्रमोटर एंटिटी वोडाफोन ग्रुप को इसके 436.21 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर मिलेंगे. शेयरधारकों ने इन शेयरों को आवंटित करने को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शुक्रवार 15 जुलाई की शाम को शेयर बाजारों को वोटिंग रिजल्ट्स के बारे में जानकारी भेजी. इसके मुताबिक कंपनी के 99.94 फीसदी शेयरधारकों ने वोडाफोन ग्रुप की कंपनी यूरो पैसिफिक सिक्योरिटीज को को इक्विटी शेयर आवंटित करने की मंजूरी दी है. वोडाफोन ग्रुप की अभी टेलीकॉम कंपनी में 58.46 फीसदी है और आदित्य बिरला ग्रुप की इसमें 16.53 फीसदी हिस्सेदारी है.
वोडाफोन आइडिया ने इस साल मार्च 2022 में वोडाफोन ग्रुप से 3375 करोड़ रुपये और आदित्य बिरला ग्रुप से 1125 करोड़ रुपये जुटाए थे. दिग्गज टेलीकॉम कंपनी पिछले दो वर्षों से किसी बाहरी स्रोत से 20 हजार-25 हजार करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक यह निवेशकों को आकर्षित करने में सफल नहीं हो सकी है.
सरकार के पैकेज से मिली राहत लेकिन अभी भी कर्ज का बोझ
सरकार ने पिछले साल सितंबर 2021 में रिफॉर्म पैकेज का ऐलान किया था जिसके चलते वोडाफोन आइडिया को बहुत फायदा पहुंचा. सरकार ने कंपनी को अपने 16100 करोड़ रुपये के बकाए ब्याज को कंपनी में 33 फीसदी हिस्सेदारी में बदलने की मंजूरी दे दी थी ताकि कारोबार में निवेश के लिए लिक्विडिटी बढ़ सके. हालांकि इसके बावजूद एनालिस्ट्स का मानना है कि हाई लीवरेज और कमजोर बैलेंस शीट के चलते नेटवर्क में निवेश करने की कंपनी की क्षमता सही नहीं है.
31 मार्च 2022 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वोडाफोन-आइडिया ग्रुप पर कुल कर्ज 1,97,878.2 करोड़ रुपये का है. हालांकि इसमें ब्याज की वह रकम भी शामिल है जो बकाया नहीं है. एनालिस्ट्स के मुताबिक अगले 12 महीने में कंपनी को 8160 करोड़ रुपये का बकाया चुकता करना है.
52 हफ्ते की ऊंचाई से आधा गिर चुके हैं शेयर
वोडाफोन-आइडिया के शेयर अभी 8.71 रुपये के भाव पर हैं. पिछले साल 10 दिसंबर को यह 16.79 रुपये के 52 हफ्ते के रिकॉर्ड ऊंचे भाव पर था यानी कि अभी यह करीब आधे भाव पर है. हालांकि पिछले साल ही 5 अगस्त को यह 4.55 रुपये के भाव पर था जो हफ्ते का रिकॉर्ड निचला स्तर है. सरकार के रिफॉर्म पैकेज के चलते इसके भाव में उछाल आई और दिसंबर में यह तीन गुने से अधिक उछल गया. हालांकि कंपनी की कारोबारी सेहत में सुधार नहीं होते देख यह आगे फिसल गया. इस साल यह करीब 45 फीसदी फिसल चुका है.
(इनपुट: पीटीआई, बीएसई)