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आज शुरुआती कारोबार में वोडाफोन आइडिया के शेयर 52 हफ्ते के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गए थे.
Vodafone Idea Share Price: कुमार मंगलम बिड़ला द्वारा Vodafone Idea के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से इस्तीफा देने के अगले दिन आज इसके शेयर धड़ाम से गिर गए. बीएसई पर इसके शेयर 10.83 फीसदी की गिरावट के साथ 5.30 रुपये और एनएसई पर 11.61 फीसदी की गिरावट के साथ 5.33 रुपये के भाव तक लुढ़क गए. पिछले पांच दिनों में वित्तीय संकट से जूझ रही इस कंपनी के भाव 36 फीसदी तक टूट चुके हैं. आज शुरुआती कारोबार में इसके भाव 52 हफ्ते के रिकॉर्ड निचले स्तर 4.55 रुपये के भाव तक लुढ़क गए थे. कुमार मंगलम बिड़ला ने कल अपने पद से इस्तीफा दिया था और उनके स्थान पर हिमांशु कपानिया को कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद सौंपा गया है. इससे पहले कपानिया कंपनी के नॉन-एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर पद पर थे.
Vodafone Idea के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने दिया इस्तीफा, हिमांशु कपानिया लेंगे उनकी जगह
कर्ज में डूबी कंपनी को बचाने के लिए सरकार से लगाई थी गुहार
कुछ दिनों पहले कुमार मंगलम बिड़ला ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा को एक पत्र लिख कर कहा था कि वोडाफोन इंडिया का अस्तित्व बचाने के लिए वह अपनी हिस्सेदारी किसी भी सरकारी या घरेलू फाइनेंशियल कंपनी को देने को तैयार हैं. वोडाफोन इंडिया में कुमार मंगलम बिड़ला की 27% हिस्सेदारी है. इसके अलावा ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन पीएलसी की इसमें 44% हिस्सेदारी है.
वोडाफोन आइडिया भारी कर्ज में डूबी हुई है. इस पर सरकार का 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का AGR ( Adjusted gross revenue) बकाया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बकाया एजीआर बकाए की रकम को फिर से कैलकुलेशन की इसकी मांग भी ठुकरा दी थी. वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि उस पर सरकार 21,500 करोड़ रुपये का AGR बकाया है.इसमें से 7,800 करोड़ रुपये का भुगतान कंपनी कर चुकी है. लेकिन सरकार ( दूरसंचार मंत्रालय) का कहना था कि वोडाफोन आइडिया पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का AGR बकाया है. वोडाफोन आइडिया ने अपनी याचिका में बकाया एजीआर की गणना में गलती का आरोप लगाया था. दाखिल याचिका के मुताबिक दूरसंचार विभाग ने एजीआर बकाए का जो कैलकुलेशन किया है, उसमें कई बिलों को दो बार जोड़ा गया है
दो साल पहले नवंबर में रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़के गए थे शेयर
वोडाफोन और आइडिया का 2018 में मर्जर हुआ था. इससे पहले दोनों अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियां थीं. इसके शेयर दो साल पहले नवंबर 2019 में 2.61 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गए थे. मर्जर से पहले आइडिया के शेयर 17 अप्रैल 2015 को एनएसई पर 118.96 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. हालांकि उसके बाद इसमें फिसलन रही और इसके भाव जनवरी 2017 में 43.19 रुपये तक लुढ़क गए. हालांकि इसमें एक बार फिर तेजी आई और अगले महीने फरवरी 2017 में 72.24 रुपये तक पहुंच गए. जनवरी 2018 में 69.94 रुपये के भाव से इसमें फिसलन शुरू हुई और फिर जुलाई 2019 में इसके भाव 10 रुपये प्रति शेयर के नीचे लुढ़क गए.