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The Index once again went to test the lower end of the current range of 13400-13700
How to invest in Google Stocks,Facebook Stocks,Apple Stocks: शेयर बाजार के अगर निवेशक हैं तो इसका दायरा सिर्फ घरेलू बाजार ही नहीं है. आप ग्लोबल मार्केट में भी ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं. ग्लोबल मार्केट का सरइज घरेलू बाजार की तुलना में कई गुना ज्यादा है. इसका मतलब है कि आप ग्लोबल मार्केट में निवेश न कर बड़े अवसर को हाथ से जाने दे रहे हैं. वह भी तब जब यूएस या यूरोप जैसे बड़े बाजारों में निवेश करना बहुत आसान है. वहीं यह भी सुविधा है कि अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं तो निवेश की शुरूआत 1 डॉलर से भी यानी 100 रुपये से भी कम में कर सकते हैं. इसके साथ ही आप ही अमेजन, गूगल, फेसबुक या एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों में शेयर धारक बन सकते हैं. आइए जानते हैं डिटेल.....
भाव देखकर डरें नहीं, 1 डॉलर से शुरू करें निवेश
अब आपका लगता होगा कि विदेशी बाजारों में निवेश करना महंगा है. यह जायज भी है क्योंकि गूगल के एक शेयर की कीमत 1772 डॉलर यानी करीब 1.33 लाख रुपये है. वहीं फेसबुक का एक शेयर 277 डॉलर का है तो एप्पल का शेयर 119 डॉलर का है. लेकिन ऐसा नहीं है कि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए ज्यादा कैश की जरूरत होगी. इसे महज 1 डॉलर से भी शुरू किया जा सकता है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. मसलन एक्सिस स्कियोरिटीज की ग्लोबल इंवेस्टिंग प्लेटफार्म. इससे ऊंची कीमतों वाले शेयर्स में न्यूनतम 1 डॉलर से निवेश शुरू कर सकते हैं.
क्यों करना चाहिए निवेश
- ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है.
- ग्लोबल शेयरों में निवेश से आपको रुपये में गिरावट का फायदा उठाने में भी मदद मिलती है. पिछले 35 साल में रुपया हर साल औसतन 6 फीसदी की दर से कमजोर हुआ है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सितंबर 2004 में 100 डॉलर की कीमत करीब 4600 रुपये थी. वहीं, आज 100 डॉलर की कीमत करीब 7500 रुपये हो चुकी है. तब एक डॉलर की कीमत करीब 46 रुपये थी. आज यह बढ़कर 75 रुपये से ज्यादा हो गई है.
- तीसरा ग्लोबल शेयरों में ग्रोथ का फायदा मिलता है. जैसे गूगल का आईपीओ 2004 में आया था. कंपनी के आईपीओ की कीमत 85 डॉलर थी. अब गूगल का शेयर 1772 डॉलर पर है. यानी अगर किसी ने तब पैसे लगाया होता ताम उसका पैसा आज की तारीख में 21 गुना हो चुका होता.
निवेश के लिए क्या करें
अमेरिकी बाजार में किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए अमेरिकी नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज कमिशन (एसईसी) में रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. यह भारत में खुलने वाले डीमैट अकाउंट जैसा ही होता है. इस अकाउंट के जरिए आप पेमेंट कर पाएंगे और अपने शेयर डीमैट में ले पाएंंगे. लेकिन इस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने से पहले निवेशक की नो योर क्लाइंट (केवाईसी) होती है. यह प्रक्रिया भी भारत में होने वाली केवाईसी जैसी ही प्रक्रिया होती है.
डॉलर में होता है पेमेंट
आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमीटेंस स्कीम के तहत कोई भी भारतीय 2.5 लाख रुपये तक के डॉलर ले सकता है. डॉलर मिलने पर इसे अमेरिकी ब्रोकर के ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद इससे आप पसंद का शेयर खरीद सकते हैं. यह पैसा भारत वापस लाना है तो शेयर बेच कर डॉलर में भुगतान लेना होगा. इसके बाद इसे बैंक में ट्रांसफर किया जा सकेगा. रुपये को डॉलर में या डॉलर को रुपये में जब बदलेंगे, तो उस समय के एक्सचेंज रेट के हिसाब से पैसा मिलेगा.