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Compounding in Mutual Funds: फाइनेंशियल एडवाइजर हमेशा म्यूाचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए पैसे लगाने की सलाह देते हैं.
Mutual Fund Compounding: अगर आप सीधे इक्विटी में पैसा नहीं लगाना चाहते हैं और कोई सुरक्षित तरीका खोज रहे हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है. म्यूचुअल फंड में किसी एक स्टॉक में पैसा लगाने की बजाए फंड मैनेजर अलग अलग शेयरों में पैसा इन्वेस्ट करते हैं. इससे आपको अपने निवेश पर डाइवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है. फाइनेंशियल एडवाइजर हमेशा म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए पैसे लगाने की सलाह देते हैं, जिससे कंपांडडिंग का फायदा मिलता है. हालांकि कभी कभी जब बाजार में मंदी का दौरा होता है तो आपकी कंपाउंडिंग निगेटिव भी हो सकती है. अगर ऐसा है तो आपको क्या करना चाहिए.
कई बार नुकसान शॉर्ट टर्म के लिए
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि निगेटिव कंपाउंडिंग का यह मतलब नहीं है कि तुरंत अपने निवेश से हट जाएं. बल्कि यह आपको अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू करने का मौका होता है. कई बार म्यूचुअल फंड में नुकसान शॉर्ट टर्म के लिए होता है, यह बाजार की वोलेटिलिटी से रिलेटेड है. हालांकि अगर आपको लगातार अपने फंड पर नुकसान हो रहा है तो यहां सतर्क हो जाने की जरूरत है.
बेंचमार्क से तुलना करें
एके निगम का कहना है कि सबसे पहले यह चेक करें कि म्यूचुअल फंड में निगेटिव रिटर्न कितने महीनों या साल से चल रहा है. अगर यह कुछ महीनों या 1 साल या 2 साल से है तो बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर 2 साल से ज्यादा समय से ऐसा हो रहा है तो इसकर रिव्यू करें.
सबसे पहले फंड जिस बेंचमार्क से जुड़ा है, उसका रिटर्न देखें. अगर आपका फंड बेंचमार्क से कम कमजोर हुआ है तो उसमें बने रह सकते हैं. लेकिन अगर आपके फंड में ज्यादा गिरावट है तो किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से उसके बारे में सलाह लें. बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न आने की स्थिति में आप एंड ऑन भी कर सकते हैं.
किस स्थिति में पैसा शिफ्ट करें
उनका कहना है कि रिव्यू करते समय अपना रिस्क प्रोफाइल जरूर देख लें. मसलन आप कंजर्वेटिव इन्वेस्टर हैं और बाजार का रिस्क नहीं लेना चाहते, लेकिन आपने एग्रेसिव फंड में निवेश कर दिया है. ऐसे में आपको अपना पैसा सही जगह शिफ्ट करना चाहिए. मसलन लार्जकैप फंड में या बैलेंस एडवांटेज फंड में, जहां रिस्क कम होता है.