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RBI पॉलिसी से बैंकिंग एंड PSU फंड को मिलेगा फायदा, इन वजहों से मिल सकता है हाई रिटर्न

Banking & PSU Fund: सरकार और आरबीआई का फोकस सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने पर है.

Banking & PSU Fund: सरकार और आरबीआई का फोकस सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने पर है.

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Sushil Tripathi
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Banking & PSU Fund

Banking & PSU Fund: सरकार और आरबीआई का फोकस सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने पर है.

Banking & PSU Fund: रिजर्व बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है. सरकार और आरबीआई का फोकस सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनाए रखने पर है. रिजर्व बैंक ने लिक्विडिटी के लिए TLTRO स्कीम की डेडलाइन 31 मार्च से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दी है. पिछले बजट से अबतक देखें तो बैंकिंग सिस्टम को मजबूत करने पर सरकार का फोकस है. एक्सपर्ट का कहना है कि मॉनेटरी पॉलिसी बैंकिंग एंड पीएसयू फंड कटेगिरी के लिए पॉजिटिव रहने वाला है. इससे इन सेग्मेंट में निवेशकों का आकर्षण और बढ़ेगा. जो निवेशक बाजार से ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें इस कटेगिरी में निवेश करना चाहिए. हालांकि ध्यान रहे कि निवेश का लक्ष्य कम से कम 3 साल जरूर होना चाहिए.

पर्याप्त लिक्विडिटी के उपाय

PGIM इंडिया म्यूचुअल फंड के CIO-फिक्स्ड इनकम, कुमारेश रामकृष्णन का कहना है कि आरबीआई पॉलिसी में किसी भी तरह की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लिक्विडिटी स्टांस को भी अकोमोडेटिव पर बरकरार रखा गया है. वहीं पटरी पर लौट रही अर्थव्यवस्था को स्टेबल बनाए रखने और मजबूती देने के लिए आरबीआई ने पर्याप्त लिक्विडिटी के उपाय किए हैं.

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क्वार्टर वाइज OMO कैलेंडर यील्ड कर्व को मैनेज करने और बॉरोइंग प्राग्राम को जारी रखने में मदद करेगा. आरबीआई का अनुमान है कि FY22 में महंगाई में हल्की बढ़ोत्तरी हो सकती है, जबकि फूड इनफ्लेशन में कमी आने का अनुमान है. उनका कहना है कि पॉलिसी के बाद बैंकिंग एंड पीएसयूम, कॉरपोरेट बांड और डायनमिक बांड फंड कटेगिरी को फायदा मिलेगा. आने वाले दिनों में इनमें अच्छा रिटर्न मिल सकता है.

बैंकिंग एंड पीएसयू फंड: क्यों बढ़ा आकर्षण?

बैंकिंग और पीएसयू फंड्स एक फिक्सड इनकम फंड होते हैं, जो डेट और मनी मार्केट में निवेश करते हैं. इन्हें बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस द्वारा जारी किया जाता है. SEBI के नियमों के मुताबिक बैकिंग और पीएसयू फंड्स को अपने कुल एसेट्स का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा इसी तरह के संस्थाओं में निवेश करना होता है.

बैंकिंग और PSU फंडों का आकर्षण बढ़ने के पीछे वजह है कि पिछले कुछ महीनों की बात करें तो बॉन्ड यील्ड बढ़ने से डेट सेग्मेंट में निवेशक सतर्क रहे हैं. इनके पास अट्रैक्टिव यील्ड, मॉडरेट इंटरेस्ट रिस्क और सबसे महत्वपूर्ण बात हाई क्रेडिट क्वालिटी है. इसमें एफडी की तुलना में अच्छा रिटर्न मिलता है. इनका एक्सपेंस रेश्यो भी कम होता है.

ब्याज दरों से जुड़ा है रिटर्न

ब्याज दरें अगर कम रहती हैं तो इन फंडों का रिटर्न बढ़ जाता है. इस वित्त वर्ष दरों में और कटौती संभव है. वहीं ये स्कीम काफी लिक्विड होती हैं. ये स्कीम दूसरी डेट स्कीम के मुकाबले कम रिस्क वाली होती हैं क्योंकि ये हाई रेटिंग वाले इंस्ट्रूमेंट में निवेश करती हैं. हालांकि ये पूरी तरह से रिस्क फ्री नहीं होती हैं.

1 साल में टॉप रिटर्न देने वाले फंड

निप्पॉन इंडिया बैंकिंग एंड PSU फंड: 9.28 फीसदी

IDFC बैंकिंग एंड PSU डेट फंड: 9.14 फीसदी

Tata बैंकिंग एंड पीएसयू फंड: 9 फीसदी

ABSL बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 9 फीसदी

ICICI प्रू बैंकिंग एंड PSU फंड: 8.78 फीसदी

L&T बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड: 8.77 फीसदी

HDFC बैंकिंग एंड PSU फंड: 8.63 फीसदी

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