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कोका कोला भारत में 2000 साल से प्रचलित दादी-मां के घरेलू पेय (जलजीरा, आम का पन्ना जैसे ड्रिंक) बेचने जा रही है.
कोका कोला भारत में 2000 साल से प्रचलित दादी-मां के घरेलू पेय (जलजीरा, आम का पन्ना जैसे ड्रिंक) बेचने जा रही है.कोका कोला (Coca Cola) कोल्ड ड्रिंक के घटते कारोबार और देसी उत्पादों के बढ़ते मार्केट को देखते हुए भारत में अब 'दादी मां' के नुस्खे पर पेय प्रोडक्ट उतारने की तैयारी में है. कोका कोला भारत में 2000 साल से प्रचलित दादी-मां के घरेलू पेय (जलजीरा, आम का पन्ना जैसे ड्रिंक) बेचने जा रही है. कंपनी जलजीरा की देशभर में लॉन्च कर चुकी है. गर्मियों को देखते हुए अब कंपनी आम का पन्ना उतारने की तैयारी में है.
कोका कोला की तरफ से घरेलू नुस्खे के साथ उतरने की एक बड़ी वजह दुनिया भर में कोल्ड ड्रिंक की खपत गिरना है. वहीं, लोग स्वास्थ्य को लेकर पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं.
आम का पन्ना, जलजीरा घर में मौजूद मसालों और फलों से तैयार होते हैं. भारत में ये पारंपरिक पेय पदार्थ घरेलू नुस्खों पर आधारित हैं. कंसल्टेंसी फर्म टेक्नोपैक एडवाइजर्स के अनुसार, बीते 3 साल में इनके पैकेज्ड वर्जन की मांग में 32 फीसदी की तेजी आई है. यह बढ़ोतरी कोल्ड ड्रिंक की मांग से 3 गुना अधिक है.
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कोक के भारत में CEO टी. कृष्णकुमार ने मुंबई में एक इंटरव्यू में कहा कि भारत के 29 राज्य कंपनी के लिए 29 देशों के बराबर हैं. यह अलग-अलग भाषाएं, खानपान और आदतें हैं. फूड और बेवरेजेज को लेकर लोगों की आदतें भी अलग-अलग हैं.
पारंपरिक पेय प्रोडक्ट पर छोटी कंपनियों का कब्जा!
अभी तक भारत में पारंपरिक बेवरेजेज बनाने में छोटे—छोटे स्टार्टअप हैं. जो जलजीरा, आम का पन्ना जैसे पैकेज्ड पेय पदार्थ बेचते हैं. इनमें मुंबई का Xotik Frujus और राजस्थान का Jayanti Group जैसी छोटी कंपनियां शामिल है. उनका स्लोगन है-'Be Indian Buy Indian'. कोका कोला ने भी इसी स्लोगन का अनुसरण करना शुरू किया है.
कोका कोला जलजीरा की देशभर में लॉन्चिंग के बाद अब आम का पन्ना लाने की तैयारी है. इसके अलावा दही, लस्सी और बटर मिल्क उत्पाद भी भारत में लॉन्च किए जाएंगे.
आम, ​लीची की खेती पर 1.7 अरब डॉलर का निवेश
कोक सीईओ कृष्णकुमार के अनुसार, भारत का जूस मार्केट 3.6 अरब डॉलर का है. इसमें 72 फीसदी स्थानीय स्तर पर ठेलों पर बिकने वाला जूस है. कंपनी किफायती दाम पर भारतीय पेय ग्राहकों तक पहुंचाने की तैयारी में है. वह स्थानीय स्तर पर आम और लिची का उत्पादन शुरू करेगी. इसके लिए कंपनी 1.7 अरब डॉलर का निवेश करेगी.
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