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भारतीय बैंकिंग सिस्टम को लेकर चल रही अफवाहों की सच्चाई बताने रिजर्व बैंक (RBI) को सामने आना पड़ा. रिजर्व बैंक ने ट्वीट लोगों को यह भरोसा दिलाया कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह सेक्योर है. आम जनता अफवाहों पर भरोसा न करे. बैंकिंग सिस्टम को लेकर अफवाहों को बाजार ऐसे समय में गर्म हुआ है जब हाल ही में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक में भारी अनियमितता सामने आई. नतीजतन, बैंकिंग रेग्युलेटर यानी आरबीआई को बैंक के खिलाफ अगले छह महीने तक लोन देने पर रोक लगाने और इस अवधि में 10 हजार ही रकम बैंक से निकालने समेत कई सख्त कदम उठाने पड़े हैं.
बैंकों को लेकर फैली अफवाह के खिलाफ लोगों को भरोसा दिलाने के लिए आरबीआई ने ट्वीट किया, ''को-ऑपरेटिव बैंकों समेत कुछ बैंकों को लेकर कुछ जगहों पर अफवाह चल रही है. इसके चलते बैंकों में पैसे जमा करने वाले लोग चिंतित हैं. आरबीआई आम लोगों को आश्वस्त करना चाहता है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम सेफ और स्टेबल है और ऐसी अफवाहों के आधार पर घबराने की जरूरत नहीं है.''
There are rumours in some locations about certain banks including cooperative banks, resulting in anxiety among the depositors. RBI would like to assure the general public that Indian banking system is safe and stable and there is no need to panic on the basis of such rumours.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 1, 2019
मंगलवार को बैंक शेयरों में भारी गिरावट
मंगलवार के शेयर बाजार में दोपहर बाद बैंक शेयरों में अचानक जोरदार बिकवाली आई थी. बैंक निफ्टी इंडेक्स 1000 अंक से ज्यादा गिरावट के साथ 28000 के स्तर पर आ गया. यस बैंक में 30 फीसदी और एसबीआई में 9 फीसदी भारी गिरावट दर्ज की गई. इंडेक्स में शामिल सभी शेयर लाल निशान में चले गए.
एक खबर से बैंक शेयरों में मचा हाहाकार, यस बैंक 30% टूटा तो SBI में 9% गिरावट
दरअसल, शेयर बाजार में मंगलवार को दोपहर में ऐसी अफवाह चली कि बैंकों में फंसे कर्ज के और भी मामले सामने आ सकते हैं. वहीं, जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार भी बैंकों का एनपीए और बढ़ सकता है.
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी देते हुए कहा कि कॉरपोरेट डिफॉल्ट और बढ़ने की आशंका है, जिससे बैंकों में कैपिटल और घट सकता है. मूडीज का कहना है कि भारतीय बैंकों का कैपिटल रेश्यो कम है. ऐसे में कॉरपोरेट डिफॉल्ट बढ़ने से कैपिटल में भारी कमी आ सकती है.
क्या है PMC बैंक का मामला?
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक में पिछले दिनों एनपीए को लेकर भारी अनियमितता सामने आई. बैंक ने अपने एनपीए को कम करने के दिखाया. दरअसल, पीएमसी बैंक ने हाउजिंग डिवेलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) को करीब 2500 करोड़ रुपये का लोन दिया, जिसे एचडीआईएल ने नहीं चुकाया. यह कंपनी इन्सॉल्वेंसी में गई है.
कंपनी की तरफ से बार-बार लोन डिफॉल्ट करने के बावजूद पीएमसी बैंक ने इसे एनपीए में नहीं डाला था. मामला रिजर्व बैंक के पार पहुंचा तो उसने सख्त कदम उइाते हुए बैंक बोर्ड को बर्खास्त कर अपना प्रशासक नियुक्त कर दिया. आरबीआई ने बैंक के जमाकर्ताओं के लिए अगले छह महीने के दौरान पैसे निकालने की लिमिट 10 हजार रुपये कर दी है.
HDIL ने क्या दी सफाई?
एचडीआईएल के शीष एग्जीक्यूटिव सारंग वाधवन ने शेयर बाजार को बताया था, “कंपनी ने सामान्य कारोबार प्रक्रिया के रूप में पीएमएसी बैंक सहित अन्य बैंकों और संस्थानों से लोन लिया है.” उन्होंने कहा कि आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी बैंकिंग नियमों का अनुसार लोन की एवज में कंपनी की एसेट्स पर पीएमसी बैंक समेत अन्य बैंकों के पक्ष में पर्याप्त सुरक्षा गारंटी दी गई है.
वाधवन ने कहा कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में सुस्ती की वजह से कंपनी को नकदी की अस्थायी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से कंपनी को इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत इन्सॉल्वेंसी में जाना जाना पड़ा. हालांकि, कंपनी इस मामले को ‘सुलझाने की कोशिशों में सक्रिय’ है. पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि 2008 से बैंक का घाटा 4,355.46 करोड़ रुपये हो चुका है.