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The buyback price was at 6.4 per cent premium over the previous close of Rs 373.5 apiece
WIPRO Q2 Result and buyback Plan: आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी विप्रो (Wipro) का शुद्ध लाभ 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 3.4 फीसदी घटकर 2,465.7 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को बताया कि उसके बोर्ड ने 9500 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक को मंजूरी दे दी है. इस योजना के मुताबिक कंपनी 400 रुपये प्रति शेयर के भाव से 23.75 करोड़ के शेयर वापस खरीदेगी. कंपनी के अनुसार, बायबैक प्लान के लिए शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होगी. मंगलवार को विप्रो के शेयर 1.80 रुपये गिरकर 375.75 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. इंट्रा डे के दौरान शेयर ने 381.70 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ.
विप्रो का वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तमाही में शुद्ध लाभ 2,552.7 करोड़ रुपये रहा था. विप्रो की आय चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 15,114.5 करोड़ रुपये पर लगभग स्थिर रही. विप्रो का शेयर बायबैक प्लान 30 सितंबर को उसके कुल पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल का 4.16 फीसदी है.
निवेशकों के पास 6.6% रिटर्न का मौका
मंगलवार को विप्रो के शेयर 375.75 रुपये पर बंद हुए हैं और कंपनी 400 रुपये के भाव पर शेयर बायबैक करेगी, इस प्रकार निवेशकों को मंगलवार के भाव के हिसाब से हर स्टॉक पर करीब 25 रुपये का फायदा मिल सकता है. अगर किसी निवेशक ने मंगलवार को बंद भाव पर भी शेयर खरीदे हैं तो उन्हें 6.6फीसदी का रिटर्न मिलेगा.
इससे पहले विप्रो ने पिछले साल 33.3 करोड़ शेयरों को 325 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बायबैक किया था. इस बायबैक का कुल मूल्य 10,500 करोड़ था और यह उसकी पेड-अप इक्विटी कैपिटल का 3.69 फीसदी था.
IT बिजनेस से 1.5-3.5% बढ़ेगी आय
विप्रो ने मौजूदा तिमाही में आईटी सर्विसेज बिजनेस से आमदनी 202.2 से 206.2 करोड़ डॉलर रहने का अनुमान लगाया है. इस तरह तिमाही आधार पर 1.5 से 3.5 फीसदी वृद्धि बढ़ोतरी का अनुमान है. कंपनी की आईटी सेवाओं से आय जुलाई-सितंबर, 2020 तिमाही में इससे पूर्व तिमाही के मुकाबले 3.7 फीसदी बढ़कर 199.24 करोड़ डॉलर रही.
TCS का भी बायबैक का एलान
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी ने कुछ दिन पहले नतीजे घोषित करने के साथ ही शेयर बायबैक का एलान किया था. टीसीएस ने प्रति शेयर 3,000 रुपये के भाव पर 16 हजार करोड़ मूल्य के 5,33,33,333 शेयर बायबैक का एलान किया था. यह कंपनी के बाजार पूंजीकरण का करीब 1.55 फीसदी था.
बायबैक से शेयर भाव पर असर
किसी कंपनी के पास जब नकदी अधिक हो जाती है तो वह उससे बाजार में मौजूद अपने शेयरों को वापस खरीदती है. कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो यह बायबैक होता है. इससे शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए मौजूद कंपनी के शेयरों की संख्या घट जाती है और शेयर आय (EPS) और पीई बढ़ जाती है. हालांकि इससे कंपनी के कारोबार में कोई बदलाव नहीं आता है.