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Wipro Stocks Price: Wipro शेयर बायबैक एलान की तारीख से अबतक स्टॉक में 8 फीसदी तेजी आ चुकी है.
Wipro Share Buyback: लीडिंग आईटी सर्विसेज कंपनियों में शामिल Wipro ने अपने सबसे बड़े शेयर बॉय बैक के लिए रिकॉर्ड डेट 16 जून तय कर दिया है. 12000 करोड़ के शेयर बायबैक के तहत कंपनी शेयरधारकों से अपने ही शेयर वापस खरीदेगी. Wipro शेयर बायबैक प्रोग्राम के तहत 26.96 करोड़ शेयरों को 445 रुपये के भाव पर खरीदेगी. ये शेयर कंपनी के कुल शेयरों के 4.91 फीसदी होंगे. आज करंट प्राइस से देखें तो कंपनी शेयरधारकों से मार्केट प्राइस से 10 फीसदी ज्यादा देकर शेयर खरीदेगी. सवाल उठता है कि अगर आपके पास कंपनी के शेयर हैं तो क्या बायबैक में उसे बेचना चाहिए. ये फायदे का सौदा है या नुकसान हो सकता है.
बायबैक के एलान के बाद 8 फीसदी चढ़ा है स्टॉक
बता दें कि कंपनी के बोर्ड ने मार्च तिमाही के नतीजों का एलान करते हुए 12000 करोड़ के शेयर बॉयबैक आफर को मंजूरी दी है, जो अबतक का सबसे बड़ा बायबैक होगा. फिलहाल बायबैक के एलान का बाजार ने स्वागत किया है और बायबैक अनाउंस वाले डेट से शेयर में अबतक 8 फीसदी तेजी आ चुकी है. जब बायबैक का एलान किया गया तो उस समय शेयर का भाव 374 रुपये था. अब शेयर 404 रुपये पर पहुंच गया है, जबकि बायबैक के लिए शेयर प्राइस 445 रुपये है.
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8 साल में 45500 करोड़ बायबैक
Wipro ने जिस 12,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक की घोषणा की, वह बायबैक साइज के मामले में सबसे बड़ा है. अगर 2016 के बाद से बेंगलुरु स्थित आईटी फर्म द्वारा घोषित पिछले 4 शेयर बायबैक शामिल किए जाएं तो कंपनी द्वारा 8 साल में घोषित कुल बायबैक 45,500 करोड़ रुपये है. विप्रो पिछली बार 2020 में 9500 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक ले आई थी. तब कंपनी ने 400 रुपये में 23.75 करोड़ शेयर वापस खरीदे थे.
क्या आपको बेचना चाहिए शेयर या नहीं
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आप Wipro में शॉर्ट टर्म स्ट्रैटेजी रखते हैं तो बायबैक अच्छी डील हो सकती है. करंट प्राइस से भी 10 फीसदी प्रीमियम पर कंपनी अपने शेयर खरीदेगी. वहीं लंबी अवधि का नजरिए से देखें तो इसमें मिक्स्ड आउटलुक दिख रहा है.
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ने Wipro के शेयर में न्यूट्रल रेटिंग दी है और 360 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. इस लिहाज से शेयर बायबैक अच्छी डील हो सकती है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने बायबैक का साइज बड़ा रखा है. 12000 करोड़ और टैक्स सहित 14800 करोड़ का होगा. यह कंपनी के कैश और इन्वेस्टमेंट के महत्वपूर्ण हिस्से को खत्म कर देगा और FY24/25E से अधिक पेमेंट को बनाए रखने की इसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है. ब्रोकरेज हाउस कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने भी Wipro में “reduce” रेटिंग दी है और 360 रुपये का टारगेट दिया है जो करंट प्राइस से कम है. ब्रोकरेज हाउस निर्मल बंग ने Nirmal Bang Wipro में “sell” रेटिंग दी है और 350 रुपये का टारगेट दिया है. ऐसे में शॉर्ट टर्म के लिए बायबैक का फायदा ले सकते हैं.
लेकिन इन ब्रोकरेज को तेजी की है उम्मीद
ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल ने Wipro के शेयर में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 470 रुपये का दिया है. यह करंट प्राइस से करीब 66 रुपये या 16 फीसदी ज्यादा है. वहीं बायबैक प्राइस 445 रुपये से 25 रुपये ज्यादा है. ब्रोकरेज हाउस जेएम फाइनेंशियल ने शेयर में खरीदारी की सलाह दी है और 450 रुपये का टारगेट दिया है. यह भी करंट प्राइस से 46 रुपये यादा है और बायबैक प्राइस 445 रुपये से भी ज्यादा है. इस लिहाज से शेयर बायबैक में शेयर बेचने पर लॉन्ग् टर्म में ज्यादा रिटर्न का फायदा लेने से चूक सकते हैं.
क्या होता है शेयर बायबैक
कंपनी जब अपने ही शेयर निवेशकों से खरीदती है तो इसे बायबैक कहते हैं. आप इसे आईपीओ का उलट भी मान सकते हैं. बायबैक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद खत्म हो जाता है. बायबैक के लिए मुख्यत: दो तरीकों-टेंडर ऑफर या ओपन मार्केट का इस्तेमाल किया जाता है. बायबैक का कंपनी और उसके शेयर पर कई तरह से असर पड़ता है. शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए मौजूद कंपनी के शेयरों की संख्या घट जाती है. इससे प्रति शेयर आय (ईपीएस) बढ़ जाती है. शेयर का पीई भी बढ़ जाता है. इससे कंपनी के कारोबार में कोई बदलाव नहीं आता है.
क्या है बायबैक की प्रक्रिया
सबसे पहले कंपनी का बोर्ड शेयर बायबैक के प्रस्ताव को मंजूरी देता है. इसके बाद कंपनी बायबैक के लिए कार्यक्रम का एलान करती है. इसमें रिकार्ड डेट और बायबैक की अवधि का जिक्र होता है. रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि उस दिन तक जिन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर होंगे, वे बायबैक में हिस्सा ले सकेंगे. बायबैक का कंपनी और उसके शेयर पर कई तरह से असर पड़ता है. शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए मौजूद कंपनी के शेयरों की संख्या घट जाती है. इससे प्रति शेयर आय (ईपीएस) बढ़ जाती है. शेयर का पीई भी बढ़ जाता है. इससे कंपनी के कारोबार में कोई बदलाव नहीं आता है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)