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Should You Buy Wipro Stocks: 6 अप्रैल के कारोबार में विप्रो 9 फीसदी की तेजी के साथ 472 रुपये के भाव पर पहुंच गया, जो शेयर के लिए रिकॉर्ड हाई है.
Wipro Stocks Outlook: आईटी कंपनी विप्रो के शेयर में नतीजों के बाद शानदार तेजी देखने को मिल रही है. 16 अप्रैल के कारोबार में विप्रो 9 फीसदी की तेजी के साथ 472 रुपये के भाव पर पहुंच गया, जो शेयर के लिए रिकॉर्ड हाई है. गुरूवार को शेयर 430.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. विप्रो के लिए चौथी तिमाही मजबूत रहा है. इस दौराप कंपनी के आईटी कारोबार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है. इस अवधि में कंपनी को काफी बड़े डील मिले हैं और ऑपरेटिंग मार्जिन में भी सुधार हुआ है. हालांकि वेतन में हाइक से मार्जिन पर असर हुआ. तिमाही नतीजों के बाद से ब्रोकरेज हाउस ने भी शेयर में निवेश को लेकर अपनी राय दी है.
रेवेन्यू ग्रोथ अनुमान से बेहतर
विप्रो का चौथी तिमाही में CC टर्म में आईटी सर्विसेज में रेवेन्यू ग्रोथ तिमाही आधार पर 3 फीसदी रही है. हालांकि सैलरी हाइक के चलते एबिट मार्जिन 70bp घटकर 21 फीसदी रहा है. लेकिन अन्य कास्ट कंट्रोल के चलते यह भी उम्मीद से बेहतर है. चौथी तिमाही में कंपनी को 12 बड़ी डील हासिल हुई हैं. कंपनी का आर्डरबुक 2HFY21 में सालाना आधार पर 33 फीसदी बढ़कर 710 करोड़ डॉलर का हो गया है.
2,972 करोड़ का मुनाफा
IT कंपनी विप्रो का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 31 मार्च 2021 को खत्म होने वाली चौथी तिमाही में सालाला आधार पर 27.7 फीसदी बढ़कर 2,972 करोड़ रुपये रहा है. विप्रो को एक साल पहले की समान अवधि में 2,326.1 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था. कंपनी का रेवेन्यू इस तिमाही के दौरान 3.4 फीसदी बढ़कर 16,245.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. पूरे वित्त वर्ष में कंपनी का कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट 11 फीसदी बढ़कर 10,796.4 करोड़ रुपये रहा है. विप्रो का 2020-21 में सालाना रेवेन्यू 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 61,943 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
ऑपरेटिंग फ्रंट पर नजर डालें तो मार्च तिमाही में कंपनी की EBIT 3417 करोड़ रुपये रही है. वहीं, EBIT मार्जिन 20.92 फीसदी पर रही. चौथी तिमाही में ही CAPCO का अधिग्रहण हुआ है जो कंपनी द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है. इस अधिग्रहण से ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर में कंपनी की पैठ और बढ़ेगी.
रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस से निराशा!
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक मजबूत आर्डरबुक और बड़ी डील हासिल करने के बाद भी विप्रो की 1QFY22 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस निराश करने वाली है. विप्रो ने 1QFY22 के लिए सीसी टर्म में तिमाही आधार पर रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 2-4 फीसदी रखी है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि पिछले कुछ साल में विप्रो टियर 1 कंपनियों में अंडरपरफॉर्मर रहा है. हेल्थकेयर और ENU जैसे चैलेजिंग वर्टिकल्स में ज्यादा एक्सपोजर होने के चलते ऐसा हुआ है. हालांकि मैनेजमेंट की ग्रोथ फोकस्ड स्ट्रैटेजी से मिड से लांग टर्म में फायदा होगा. लेकिन नियर टर्म की बात करें तो रीस्ट्रक्चरिंग और निवेश के चलते मार्जिन पर दबाव दिख सकता है.
निवेश पर क्या है राय
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर में न्यूट्रल रेटिंग देते हुए लक्ष्य 455 रुपये रखा है. वहीं ब्रोकरेज हाउस दोलत कैपिटल ने शेयर कम करने की सलाह देते हुए लक्ष्य को 430 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज हाउस CITI ने विप्रो में खरीददारी की सलाह देते हुए लक्ष्य को 510 रुपये तय किया है.
UBS ने भी विप्रो पर न्यूट्रल रेटिंग दी है और शेयर के लिए लक्ष्य 470 रुपये तय किया है. जबकि ब्रोकरेज हाउस CLSA ने विप्रो पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग दी है और लक्ष्य को 450 रुपये तय किया है. जेफरीज ने अंडरपरफॉर्म रेटिंग देते हुए लक्ष्य को 380 रुपये तय किया है.
(नोट: हमने यहां जानकारी कंपनी के तिमाही नतीजों और ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बाजार के जोखिम को देखते हुए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)