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2020 में कोविड19 के चलते सबसे खराब दौर से गुजरा FMCG सेक्टर, नए साल से हैं नई उम्मीदें

कहते हैं संकट अवसर लेकर आते हैं. लेकिन यह बात साल 2020 में देश की FMCG इंडस्ट्री के लिए सच साबित नहीं हो सकी.

कहते हैं संकट अवसर लेकर आते हैं. लेकिन यह बात साल 2020 में देश की FMCG इंडस्ट्री के लिए सच साबित नहीं हो सकी.

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PTI
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With worst COVID-19 woes behind, FMCG sector optimistic about 2021, coronavirus pandemic

कहते हैं संकट अवसर लेकर आते हैं. लेकिन यह बात साल 2020 में देश की FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) इंडस्ट्री के लिए सच साबित नहीं हो सकी. इसकी वजह है भारत समेत पूरी दुनिया में फैली कोरोनावायरस महामारी. इस वक्त FMCG सेक्टर महामारी से पैदा हुए अवरोधों से बाहर निकलकर सीख ले रहा है, इनोवेट कर रहा है और सबसे बुरे दौर को पीछे छोड़कर एक नई उम्मीद के साथ नए साल की ओर देख रहा है. 2020 में पर्सनल केयर और हाइजीन प्रॉडक्ट्स का मार्केट शेयर बढ़ा और अब FMCG कंपनियां इस सेगमेंट में निवेश जारी रखने की तैयारी में हैं.

महमारी के काल में फूड, पर्सनल केयर आइटम्स विशेषकर हैंड सैनिटाइजर और डिसइन्फेक्टेंट हीरो प्रॉडक्ट बनकर उभरे. इनकी वजह से FMCG इंडस्ट्री कोरोना काल में भी पॉजिटिव ग्रोथ हासिल करने में सफल रही. 2021 में FMCG इंडस्ट्री का लक्ष्य ​ग्रामीण और शहरी बाजारों में विभिन्न कैटेगरी में रिवाइवल को बरकरार रखते हुए ग्रोथ को बनाए रखना है. कोविड काल से सीख लेकर सेक्टर नए साल के लिए पूरी तरह तैयार है. FMCG इंडस्ट्री ने डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाया, प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो में बदलाव किए. उदाहरण के लिए नए नॉर्मल के आयुर्वेदिक प्रिवेंटिव हेल्थकेयर आइटम्स को लाया गया.

2021 में भी जारी रहेगा रिवाइवल

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पेप्सिको इंडिया के प्रेसिडेंट अहमद अलशेख का कहना है कि 2020 रुकावटों का साल रहा और सभी ने बहुत कुछ सीखा. एक बिजनेस और टीम के तौर पर हम करीब आए और अपने लोगों और उनके परिवार के स्वस्थ रहने को सुनिश्चित करते हुए ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इनोवेशन जारी रखे. हमें आशा है कि 2021 में भी रिवाइवल जारी रहेगा और यह आगे बढ़ेगा. कंपनियां 2021 में अपने प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो को नए नॉर्मल के अनुरूप बनाना जारी रखेंगी.

डिजिटल को अपनाने में आई तेजी

शाह ने आगे कहा कि महामारी का एक बड़ा नतीजा यह हुआ कि एफएमसीजी कंपनियों द्वारा न केवल डिस्ट्रीब्यूशन में बल्कि मार्केटिंग व विज्ञापन के मामले में भी डिजिटल मीडियम को अपनाने में तेजी आई. कोविड19 से पहले अनुमान था कि अगले 10 सालों में एफएमसीजी के कुल बाजार में डिजिटल चैनल का योगदान केवल लगभग 10 फीसदी होगा. लेकिन अब लगता है कि ऐसा अगले 3—4 साल में ही हो जाएगा.

पारले प्रॉडक्ट्स में सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक, FMCG सेक्टर का बुरा दौर पीछे छूट ​गया है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगला साल पूरी इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छा साबित होगा. हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रवक्ता ने भी ऐसी ही उम्मीद जताते हुए कहा कि हम सतर्कता के साथ आशावादी हैं और FMCG सेक्टर के मीडियम से लॉन्ग टर्म ग्रोथ परिदृश्य को लेकर पूरा भरोसा रखते हैं. आगे कहा कि हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रतिस्पर्धी ग्रोथ, मुनाफे और कैश डिलीवरी पर फोकस करेगी. कंपनी बड़ी और बेहतर इनोवेशन के जरिए अपने ब्रांड्स पोर्टफोलियो को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

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आयुर्वेद में बढ़ा विश्वास

FMCG कंपनियां आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स की पैदा हुई उच्च मांग को पूरा करने पर भी ध्यान दे रही हैं. डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा के मुताबिक, पर्सनल और हाउसहोल्ड दोनों कैटेगरी में आयुर्वेद आधारित प्रिवेंटिव हेल्थकेयर व हाइजीन प्रॉडक्ट ग्राहकों के मन में जगह बना रहे हैं. लोग विशेष रूप से इम्युनिटी बूस्ट करने वाले प्रॉडक्ट्स के प्रति ज्यादा आकर्षित हैं. यह ट्रेंड आगे भी बना रहेगा. पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि महामारी ने लोगों के उस तबके का आयुर्वेद और योग में विश्वास जगाने में मदद की है, जो पहले इसमें यकीन नहीं रखते थे. यह हमारे लिए एक अवसर है.

ग्रामीण बाजार ने संभाला

महामारी से पैदा हुई रुकावटों और चुनौतियों से पार पाने और ग्रोथ हासिल करने में FMCG सेक्टर की मदद भारत के ग्रामीण बाजार ने की. मुश्किल वक्त में भी ग्रामीण बाजार से मांग जारी रही. बड़े शहरों से बड़े पैमाने पर वर्कर्स का वापस गांव लौटना, अच्छा मानसून और सरकार की ओर से मिले राहत पैकेज की वजह से ग्रोथ के ट्रैक पर वापस आने में मदद मिली. इसके अलावा शहरी बाजार में रिकवरी का भी सहारा मिल रहा है.

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