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जांच में डेटा में गड़बड़ी के लिए दबाव की बाद वर्ल्ड बैंक ने डुइंग बिजनेस रिपोर्ट न छापने का फैसला लिया
वर्ल्ड बैंक ने ( World Bank) ने डेटा में गड़बड़ियों की वजह से ' डुइंग बिजनेस रिपोर्ट' प्रकाशित नहीं करने का फैसला किया है. दुनिया में तमाम देशों के बिजनेस माहौल पर छापी जाने वाली इस रिपोर्ट को 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रिपोर्ट' भी कहा जाता है. वर्ल्ड बैंक ने एक जांच के बाद कहा है इसे डेटा में गड़बड़ी करने के लिए दबाव बनाने के सुबूत मिले हैं. बैंक के ही बड़े अधिकारियों का रैंकिंग में हेरफेर करने का भारी दबाव था. उन अधिकारियों में वर्ल्ड बैंक की तत्कालीन चीफ एग्जीक्यूटिव क्रिस्टिलिना जॉर्जिवा भी थीं. उन्होंने 2017 में चीन की रैंकिंग बढ़ाने का दबाव डाला था.
चीन की रैंकिंग बढ़ाने का था दबाव
वर्ल्ड बैंक ने एक बयान में कहा है कि 'Doing Business Reports' न छापने का फैसला एक इंटरनल ऑडिट के बाद लिया गया. इस इंटरनल ऑडिट में कई नैतिक मुद्दे उठाए गए थे. इनमें बोर्ड के प्रमुख अधिकारियों और वर्ल्ड बैंक के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के आचरण से जुड़े सवाल भी हैं. लॉ फर्म Wilmar Hale ने इस संबंध में जांच की थी. Wilmar Hale की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले ग्रुप पर वर्ल्ड बैंक के सीनियर अधिकारियों का 'सीधा और परोक्ष दबाव' था. ये अधिकारी रैंकिंग को प्रभावित करना चाहते थे. इनमें वर्ल्ड बैंक के पूर्व प्रेसिडेंट जिम योंग किम भी शामिल हैं. किम रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए तरीकों में बदलाव करना चाहते थे ताकि चीन की रैंकिंग बढ़ जाए और लगता है ऐसा हुआ भी है.
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देशों के बिजनेस माहौल की जांच करती है यह रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टिलिना जॉर्जिवा और एक प्रमुख सलाहकार ने कर्मचारियों पर चीन की रैंकिंग बढ़ाने के लिहाज से डेटा में खास बदलाव करने का दबाव डाला था. चीन की रैंकिंग बढ़ाने का दबाव उस दौर में डाला गया, जब वर्ल्ड बैंक अपने लिए उससे ज्यादा फंड की मांग कर रहा था. डुइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 अक्टूबर 2017 में प्रकाशित हुई थी. इसमें डेटा विश्लेषण के तरीकों में बदलाव की वजह से चीन की रैंकिंग बढ़ कर 78 हो गई थी. डुइंग बिजनेस रिपोर्ट में किसी देश में रेगुलेटरी माहौल, बिजनेस स्टार्ट-अप के लिए मिल रही सुविधा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस के माहौल को देखा जाता है. इन्हीं के आधार पर इसमें तमाम देशों की रैंकिंग की जाती है.