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WPI Inflation: क्रूड पेट्रोलियम और मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के बढ़े भाव के चलते पिछले महीने अक्टूबर 2021 में थोक महंगाई बढ़ने की दर तेज हुई.
WPI Inflation: क्रूड पेट्रोलियम और मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स के बढ़े भाव के चलते पिछले महीने अक्टूबर 2021 में थोक महंगाई बढ़ने की दर तेज हुई. केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने थोक मूल्य पर आधारित इंफ्लेशन (Wholesale Price Based Inflation) 12.54 फीसदी रहा. यह लगातार सातवां महीना है जब इंफ्लेशन डबल डिजिट में बना हुआ है. सितंबर 2021 में डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन 10.66 फीसदी पर था जोकि अगस्त के मुकाबले कुछ कम हुआ था. अगस्त में यह 11.39 फीसदी था. पिछले साल अक्टूबर 2020 में डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन 1.31 फीसदी पर था.
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री द्वारा जारी बयान के मुताबिक अक्टूबर 2021 में खनिज तेल , बेस मेटल्स, फूड प्रोडक्ट्स, क्रूड पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, रसायन व रसायनिक उत्पाद इत्यादि के भाव पिछले साल 2020 के अक्टूबर महीने की तुलना में बढ़े हैं. इसके चलते पिछले महीने डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन में उछाल रही.
फूड आर्टिकल्स के इंफ्लेशन में फिर तेजी
- अक्टूबर में मैन्यूफैक्टर्ड सामानों का इंफ्लेशन सितंबर में 11.41 फीसदी की तुलना में 12.04 फीसदी पर रहा.
- तेल और ऊर्जा की बात करें तो इसके भाव बढ़ने की दर अक्टूबर में 37.18 फीसदी पर थी जबकि सितंबर में यह 24.81 फीसदी पर था.
- क्रूड पेट्रोलियम इंफ्लेशन अक्टूबर 2021 में 80.57 फीसदी रहा जबकि सितंबर में 71.86 फीसदी.
- सितंबर में लगातार पांचवे महीने खाने के सामान के भाव बढ़ने की दर सुस्त हुई थी लेकिन अक्टूबर में इसकी रफ्तार में तेजी आई. अक्टूबर महीने में मासिक आधार पर फूड आर्टिकल्स इंफ्लेशन (-)1.69 फीसदी पर रहा जोकि सितंबर में (-)4.69 फीसदी पर था. सब्जियों के भाव में इंफ्लेशन (-) 18.49 फीसदी रही जबकि प्याज में (-) 25.01 फीसदी.
रिटेल इंफ्लेशन में भी तेजी
पिछले हफ्ते सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सूचकांक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (कंबाइंड) पर आधारित खुदरा महंगाई बढ़ने की दर अक्टूबर में 4.48 फीसदी बढ़ा जबकि सितंबर में यह आंकड़ा 4.35 फीसदी पर था. ऊंची लागत, तेल व कमोडिटी के बढ़ते भाव और खाने के सामानों के बढ़ते भाव के चलते रिटेल इंफ्लेशन में बढ़ोतरी हुई थी.