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Debt Mutual Fund: इस साल जहां इक्विटी मार्केट ने नया रिकॉर्ड बनाया है, वहीं पिछले एक साल में डेट म्युचुअल फंडों का भी रिटर्न बेहतर हो गया है.
Debt Mutual Fund: इस साल जहां इक्विटी मार्केट ने नया रिकॉर्ड बनाया है, वहीं पिछले एक साल में डेट म्युचुअल फंडों का भी रिटर्न बेहतर हो गया है. डेट फंड की हर कटेगिरी में निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न मिला है. ज्यादातर कटेगिरी में रिटर्न डबल डिजिट में रहा है. अलग अलग फंडों की बात करें तो निवेशकों को 20 फीसदी तक रिटर्न मिला है. हालांकि इसकी क्रेडिट रिस्क कैटेगरी में दबाव देखने को मिला है. लेकिन कॉरपोरेट बांड फंड्स, गिल्ट फंड्स और मीडियम से लंबी अवधि वाले फंड्स ने निवेशकों की जेब भरी है. ऐसे में निवेशक डेट फंडों के प्रति एक बार फिर आकर्षित हो रहे हैं. सवाल उठता है कि क्या डेट फंडों में साल 2021 में भी तेजी रहेगी.
किस कटेगिरी में कितना रिटर्न
लांग ड्यूरेशन फंड: 16%
मिड टू लांग ड्यूरेशन: 11%
मिड ड्यूरेशन: 7.5%
शॉर्ट ड्यूरेशन: 9%
लो ड्यूरेशन: 6.5%
अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन: 5%
लिक्विड फंड: 4%
मनी मार्केट: 5.5%
ओवरनाइट फंड: 3.5%
डायनमिक बांड: 10.5%
कॉरपोरेट बांड: 10%
बैंकिंग एंड पीएसयू फंड: 10%
गिल्ट फंड: 12.5%
डेट फंडों में क्यों आ रही है तेजी
डेट फंडों का रिटर्न इसलिए बेहतर हुआ है क्योंकि ये फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट के विकल्प हैं. इनका फोकस सेफ्टी, लिक्विडिटी और बेहतर रिटर्न पर होता है. डेट फंड मुख्य रूप से सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं जो तय ब्याज देते हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डेट फंड के खराब प्रदर्शन की संभावना न हो. लेकिन यह तब होता है, जब सिक्युरिटीज की क्रेडिट रेटिंग कम होती है, या ब्याज दर की गति नकारात्मक होती है.
ये फंड अत्यधिक लिक्विड होते हैं और सुरक्षित भी. निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार यूनिट को खरीद व बेच सकता है. वहीं डेट फंडों में आपका निवेश भी डाइवर्सिफाई हो जाता है. एक सबसे जरूरी फैक्टर यह है कि डेट फंड भले ही इक्विटी फंडों की तुलना में कम रिटर्न देते हें, लेकिन मौजूदा दौर में वे एफडी, आरडी, एनएससी या पीपीएफ जैसी योजनाओं का विकल्प बन रहे हैं. इनकी तुलना में डेट फंड में ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. डेट फंड का औसत रिटर्न देखें तो पिछले 1 साल के दौरान अलग अलग कटेगिरी में 15 फीसदी तक रहा है.
क्या आगे भी आएगी तेजी
बीपीएन फिनकैन के डायरेक्टर एके निगम का मानना है कि मौजूदा दउौर में जब बाजार रिकॉर्ड हाई पर है, निवेश के लिए डेट फंड बेहतर विकल्प है. इक्विटी माके्रट की बात करें तो बहुत से शेयर अपने 52 हफ्तों के हाई पर हैं. कई का वैल्युएशन ज्यादा हो चुका है. ऐसे में साल के अंत में या आने वाले दिनों में इक्विटी में मुनाफा वसूली देखने को मिल सकती है. इसलिए डेट फंड फिलहाल सुरक्षित विकल्प दिख रहा है. निवेशकों को अभी यहां पैसा लगाना चाहिए. आगे जब करेक्श्यान के बाद इक्विटी में फिर तेजी आए तो धीरे धीरे निवेश इक्विटी की ओर शिफ्ट किया जा सकता है. उनका कहना है कि अभी ब्याज दरें नीचे हैं, इक्विटीर में करेक्शन का डर है, ऐसे में डेट फंड अच्छे विकल्प हैं.