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2020: कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए कैसा रहा गुजरा साल, 2021 से क्या है उम्मीदें?

Real Estate in 2020: कमर्शियल रियल एस्टेट डेवलपर्स ने लोगों की बदलती जरूरतों के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया.

Real Estate in 2020: कमर्शियल रियल एस्टेट डेवलपर्स ने लोगों की बदलती जरूरतों के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया.

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कमर्शियल रियल एस्टेट डेवलपर्स ने लोगों की बदलती जरूरतों के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया.

Real Estate in 2020: साल 2020 नई चीज सीखने, बदलाव और उभरते ट्रेंड का रहा. दुनिया भर में महामारी ने किसी सेक्टर को नहीं छोड़ा और कारोबारों को बदलाव अपनाने के लिए मजबूर किया. लोगों की प्राथमिकताओं में बदलाव आया. सुरक्षा और स्वच्छता मुख्य मापदंड बन गए. बहुत सी चीजें सीखने को मिलीं. कमर्शियल रियल एस्टेट डेवलपर्स ने लोगों की बदलती जरूरतों के मुताबिक काम करना शुरू कर दिया.

कोरोना और लॉकडाउन

कमर्शियल रियल एस्टेट दशकों से निवेश की प्राथमिकता वाला विकल्प रहा है. लंबी अवधि में मूल्य में बढ़ोतरी और किराया, जो आवासीय या ककिसी दूसरी सेविंग्स या निवेश के माध्यम से ज्यादा होता है, इसे एक आकर्षक विकल्प बनाता है. सेक्टर मजबूती से महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन, सेल में गिरावट, लीजिंग से लड़ा. सरकार द्वारा एलान किए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन की वजह से लीजिंग के काम में अस्थाई गिरावट आई, जिसके बाद पिछले कुछ महीनों से स्थिति में तेजी से सुधार आ रहा है.

सरकार द्वारा सुधार के कदम

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डिमांड में रिकवरी की वजह सरकार द्वारा अनलॉक, सुधार के कदम, बढ़ी हुई डिमांड, त्योहारी सीजन में खरीदारी, बेहतर कीमतें, कम कीमतें और फाइनेंस का आसानी से उपलब्ध होना रहा. बड़ा बदलाव महाराष्ट्र सरकार के डिमांड बढ़ाने के लिए स्टैम्प ड्यूटी में कटौती का एलान रहा. स्टैम्प ड्यूटी में कटौती एक अच्छी तरह से सोचा-समझा और समय पर लिया गया कदम था. 31 दिसंबर तक स्टैम्प ड्यूटी 2 फीसदी और जजनवरी से मार्च 2021 के लिए यह 3 फीसदी है.

केंद्र सरकार ने आईटी नियम में बदलाव का एलान किया और 30 जून 2021 तक सर्किल रेट और अग्रीमेंट वैल्यू में अंतर को 20 फीसदी कर दिया. इस कदम से डेवलपर्स को इंवेंटरी को बेचने में मदद मिलेगी जहां कीमतें कम और सर्किल रेट ज्यादा है.

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रिकवरी का रास्ता

कमर्शियल रियल एस्टेट लंबी अवधि के निवेशकों और HNIs के लिए एसेट क्लास है. इसकी वजह है कि शहरी मेट्रोज में स्थाई किराये का फायदा है. ऐसा देखा गया है कि लीजिंग और सेक्टर की ओर भावना में गिरावट के बावजूद REITS और लंबी अवधि के निवेशकों ने सेक्टर को अभी भी सेक्टर को अच्छा रखा है. नाइट फ्रेंक इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑफिस सेक्टर निवेशकों का अभी भी पसंदीदा बना हुआ है क्योंकि भारतीय ऑफिस मार्केट के आधार मजबूत हैं.

सेगमेंट ने 2011 से करीब 15.4 अरब डॉलर को आकर्षित किया है. अकेले साल 2020 में, कमर्शियल रियल एस्टेट सेगमेंट में कुल प्राइवेट इक्विटी निवेश का 81 फीसदी हिस्सा रहा है. 2020 में दफ्तर में प्राइवेट इक्विटी निवेश के पिछले साल के आंकड़ों को पीछे छोड़ने की उम्मीद है. अनलॉक और आर्थिक कामों में रिकवरी से 2021 में रियल एस्टेट की मजबूत रिकवरी की उम्मीद है.

(Article By: Krish Raveshia, CEO, Azlo Realty)

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