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YES BANK के फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ कार्रवाई मनी लॉन्डिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की जा रही है.
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Yes Bank Crisis: घंटों की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यस बैंक के फाउंडर और पूर्व सीईओ राणा कपूर (Rana Kapoor) को रविवार तड़के करीब 3 बजे गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत यह कार्रवाई की है. ईडी का आरोप है कि राणा कपूर जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कपूर से 20 घंटे से ज्यादा की लंबी पूछताछ की है. राणा कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है. बता दें, बीते शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके बोर्ड को भंक कर दिया. इसके अलावा 3 अप्रैल तक जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय कर दी है.
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात से राणा कपूर के आवास पर उनसे पूछताछ की जा रही थी. यह पूछताछ 20 घंटे से ज्यादा की रही. राणा कपूर की कस्टडी के लिए ईडी उन्हें स्थानीय कोर्ट में पेश करेगी. बता दें, ED ने कपूर के वर्ली में स्थित आवास समुद्र महल कॉम्पलैक्स में शुक्रवार रात को छापेमारी की कार्रवाई की और उनसे वहां भी पूछताछ की.
Mumbai: Enforcement Directorate officials along with #YesBank founder Rana Kapoor leave from ED office; He will be produced before a Mumbai court later today pic.twitter.com/Re9VvaDtRe
— ANI (@ANI) March 8, 2020
शनिवार दोपहर कपूर को बलार्ड एस्टेट में स्थित एजेंसी के दफ्तर लाया गया. ईडी की यह कार्रवाई दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) को दिए गए लोन से जुड़ा है. जांच एजेंसी के अनुसार, राणा कपूर के खिलाफ मामला घोटाले में लिप्त DHFL से जुड़ा है क्योंकि बैंक द्वारा दिए गए लोन कथित तौर पर नॉन-पर परफॉर्मिंग एसेट्स बन गए.
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पत्नी के खाते में रिश्वत जमा कराने का आरोप
कपूर के खिलाफ कार्रवाई मनी लॉन्डिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई की जा रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी कुछ कॉरपोरेट संस्थाओं को दिए गए कर्ज और कथित रूप से रिश्वत के रूप में कुछ धनराशि कपूर की पत्नी के खातों में जमा किये जाने के संबंध में राणा की भूमिका की जांच भी कर रही है. ईडी इस जांच में जुटी है कि क्या यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर और उनकी दो बेटियों की शेल कंपनी अर्बन वेंचर्स को घोटालेबाजों से 600 करोड़ रुपये मिले थे.
DHFL के जरिये हुआ खेल!
DHFL ने यस बैंक की ओर से दिए गए 4,450 करोड़ रुपये की एवज में अर्बन वेंचर्स को पैसे दिए थे, जिसकी जांच की जा रही थी. ईडी अधिकारियों ने कहा कि यस बैंक ने डीएचएफएल को 3,750 करोड़ रुपये का लोन और डीएचएफएल कंट्रोल्ड कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को 750 करोड़ रुपये का एक और लोन दिया था. इन दोनों कंपनियों की तरफ से लोन नहीं चुकाये जाने पर यस बैंक ने कार्रवाई शुरू नहीं की.
जांच एजेंसी को संदेह है कि 4,450 करोड़ रुपये की यह राशि, उस 13,000 करोड़ रुपये का हिस्सा है जो डीएचएफएल की ओर से 79 डमी कंपनियों को कथित तौर पर दी गई. इन्हीं कंपनियों में अर्बन वेंचर्स भी शामिल है.
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UP में PF फ्रॉड से भी कनेक्शन
अधिकारियों ने कहा कि अन्य कथित अनियमितताएं भी एजेंसी की जांच दायरे में हैं, जिसमें एक मामला उत्तर प्रदेश बिजली निगम में कथित पीएफ धोखाधड़ी से संबंधित है. सीबीआई ने हाल में उत्तर प्रदेश में 2,267 करोड़ रुपये के कर्मचारी भविष्य निधि घोटाले की जांच शुरू की है, जहां बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों की मेहनत की कमाई को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (DHFL) में निवेश किया गया.
रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया. इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (CFP) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
Input: PTI