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Yes Bank-DHFL Case: येस बैंक के को- फाउंडर राणा कपूर पर 5050 करोड़ की हेराफेरी का आरोप, ईडी ने पेश की चार्ज शीट, पढ़ें क्या है पूरा मामला

Yes Bank-DHFL Case: येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और देवन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवन पर ईडी ने 5050 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है.

Yes Bank-DHFL Case: येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और देवन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवन पर ईडी ने 5050 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है.

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Yes Bank-DHFL case Rana Kapoor Wadhawans laundered money worth Rs 5050 crore says ED

ईडी के मुताबिक राणा कपूर और वाधवन बंधुओं ने संदेहास्पद लेन-देन के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की. (File Photo)

Yes Bank-DHFL Case: येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और देवन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवन पर ईडी ने 5050 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. ईडी के मुताबिक कपूर और वाधवन बंधुओं ने संदेहास्पद लेन-देन के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की. ईडी ने यह बात मनी लांड्रिंग के एक मामले में राणा कपूर, उनके परिवार, वाधवन्स और अन्य के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में दाखिल दूसरी सप्लीमेंट्री (ओवरऑल तीसरी) चार्ज शीट में कही है.

ईडी ने चार्जशीट में कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि इस मामले में हेराफेरी किए गए पैसों को राणा कपूर ने विदेशों में भेज दिया जिसके कारण प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कुर्की के लिए उपलब्ध नहीं हैं. कपूर इस मामले में मार्च 2020 में गिरफ्तारी के बाद से ज्यूडीशियल कस्टडी में हैं जबकि वाधवन्स भी दूसरे मामले में गिरफ्तारी के बाद जेल कस्टडी में हैं.

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Yes Bank-DHFL Case: येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और देवन हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवन पर ईडी ने 5050 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है.

पढ़ें क्या है पूरा मामला

  • ईडी के मुताबिक जांच में खुलासा हुआ है कि येस बैंक ने अप्रैल 2018 और जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3700 करोड़ रुपये के डिबेंचर्स खरीदे थे और फिर इस पैसे को डीएचएफएल को ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद डीएचएफएल ने डीओआईटी अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपये का लोन दिया. यह वेंचर्स राणा कपूर और उनके परिवार की बेनेफिशयरी है.
  • जांच में खुलासा हुआ कि डीएचएफएल से शॉर्ट टर्म डिबेंचर्स खरीदने के लिए येस बैंक ने पब्लिक मनी का इस्तेमाल किया जिसे अभी तक रिडीम नहीं किया गया है. वहीं दूसरी तरफ राणा कपूर की बेनेफिशियली-ओन्ड कंपनी को 600 करोड़ रुपये का लोन बिना पर्याप्त कोलेटरल के लिए जारी किया. ईडी का दावा है कि इस हेराफेरी को छिपाने के लिए ही कपूर के परिवार की कंपनी को कर्ज दिया गया था. इस वेंचर्स को कपूर ने स्थापित किया था और उनकी तीन बेटियों की इसमें 100 फीसदी हिस्सेदारी हैं. चार्जशीट के मुताबिक 600 करोड़ रुपये का लोन 39.68 करोड़ रुपये की सबस्टैंडर्ड प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर दिया गया था और इसके लिए कृषि जमीन को आवासीय जमीन में कंवर्जन और 735 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई वैल्यू दिखाई गई थी.

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  • चार्जशीट के मुताबिक इन लोन को जारी करने से ठीक पहले येस बैंक ने डीएचएफएल में निवेश किया था जिससे एसेट्स की वैल्यू बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर लोन हासिल करने की राणा कपूर और वाधवन बंधुओं के बीच आपराधिक षड्यंत्र के संकेत मिलते हैं.
  • यह भी खुलासा हुआ है कि लोन प्रस्ताव के समय राणा कपूर के वेंचर्स का कोई सक्रिय कारोबार नहीं था.
  • चार्जशीट के मुताबिक येस बैंक ने वाधवन्स की M/s Belief Realtors Private Limited को 750 करोड़ रुपये का लोन सैंक्शन किया था. यह लोनन बांद्रा रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट के लिए सैंक्शन किया गया था. ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि वाधवन्स ने शेल कंपनियों के जरिए हड़प लिए और जिस काम के लिए पैसे जारी हुए थे, उस पर एक पैसे भी नहीं खर्च हुए.

(Input: PTI)

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