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Yes Bank Stock Rose: यस बैंक (YES Bank) के शेयरों में मंगलवार को शानदार तेजी देखने को मिल रही है. बीएसई और एनएसई पर आज यस बैंक का शेयर 70 फीसदी से ज्यादा मजबूत होकर 64.15 रुपये के भाव पर पहुंच गया. असल में सोमवार को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बाजार बंद होने के बाद यस बैंक की रेटिंग अपग्रेड कर दी है. मूडीज ने यस बैंक की लांग टर्म रेटिंग निगेटिव से पॉजिटिव कर दी है. वहीं रेसक्यू प्लान को मंजूरी मिलने के बाद से भी पिछले कुछ दिनों से यस बैंक में तेजी जारी है. आरबीआई के रीकंस्ट्रक्शन प्लान के तहत पूंजी स्थिति में तेजी के साथ सुधार को देखते हुए रेटिंग एजेंसी ने यह कदम उठाया है.
7 दिनों में 1035% चढ़ा शेयर
यस बैंक के शेयरों में 6 मार्च के लो से करीब 1035 फीसदी तक तेजी आ चुकी है. 6 मार्च को यस बैंक का शेयर 5.65 रुपये के आलटाइम लो पर पहुंच गया था. कैपिटल क्राइसिस से जूझ रहे बैंक में कुछ अनियमितताओं के चलते आरबीआई ने पैसों की निकासी पर 50 हजार रुपये की लिमिट तय कर दी. वहीं बैंक की सभी सर्विसेज बंद कर दी गईं. जिसके बाद यस बैंक के शेयरों में इतनी बड़ी गिराचवट आई. हालांकि रेसक्यू प्लान को मंजूरी मिलने के बाद अब यस बैंक पर लगी पाबंदी हटाई जा रही है.
फिलहाल शुक्रवार के लो से शेयर में 1035 फीसदी तक मजबूती आ चुकी है. आज बैंक का शेयर 61 रुपये के स्तर को पार कर गया. अभी भी यह 60 रुपये के भाव के आस पास ट्रेड कर रहा है.
SBI, ICICI बैंक, HDFC बैंक करेंगे निवेश
प्लान के अनुसार एसबीआई आगे यस बैंक में 7250 करोड़ रुपये निवेश करेगा. यह बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है. इस प्लान के तहत एसबीआई 10 रुपये प्रति शेयर के आधार पर कुल 725 करोड़ शेयर खरीदेगा. इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक और HDFC बैंक ने भी यस बैंक में 1 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की योजना साफ कर दी है. एसबीआई के अलावा दूसरे इन्वेस्टर्स यस बैंक में 5000 करोड़ रुपये निवेश करेंगे. इस लिहाज से बैंक में कुल 12500 करोड़ का निवेश होने की उम्मीद है. खबर है कि दमानी और राकेश झुनझुनवाला भी बैंक में निवेश कर सकते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक का अथॉराइज्ड कैपिटल 1100 करोड़ से बढ़ाकर 6200 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
इस डील के बाद यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी उसकी कुल भुगतान पूंजी के 49 फीसदी से ऊपर नहीं जाएगी. रिजर्व बैंक ने यस बैंक के रिवाइवल को लेकर पिछले सप्ताह एक योजना के मसौदे की घोषणा की थी. इसमें कहा गया था कि स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर को यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदनी होगी. इसके साथ ही यह भी शर्त है कि स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर डील के 3 साल बाद तक अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकते हैं. रिजर्व बैंक ने यस बैंक का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के एक दिन बाद इस योजना की घोषणा की थी.
यस बैंक को भारी तिमाही घाटा
दिसबंर तिमाही में यस बैंक को 18,564 करोड़ रुपये का भारी भरकम घाटा हुआ है. बैड लोन की वजह से बैंक को इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. एक साल पहले की समान अवधि में बैंक को 1001.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. बैंक का ग्रॉस NPA दिसंबर तिमाही में बढ़कर 18.87 फीसदी हो गया है जो एक साल पहले की समान अवधि में 2.10 फीसदी था. वहीं, पिछली तिमाही में यह 7.39 फीसदी था.