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बिना एक्सटर्नल फंडिंग खड़ी कर दी 50 करोड़ की कंपनी, कहलाती है 'Yes Madam'

कहते हैं अगर कुछ ठान लो और उस पर पूरी लगन से काम करो तो कामयाबी मिलती ही है. यह बात साबित कर दिखाई है दो भाइयों मयंक और आदित्य आर्या ने.

कहते हैं अगर कुछ ठान लो और उस पर पूरी लगन से काम करो तो कामयाबी मिलती ही है. यह बात साबित कर दिखाई है दो भाइयों मयंक और आदित्य आर्या ने.

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Ritika Singh
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yes madam success story a 2 crore revenue startup without external funding

Yes Madam के फाउंडर्स आदित्य और मयंक आर्या

yes madam success story a 2 crore revenue startup without external funding Yes Madam के फाउंडर्स आदित्य और मयंक आर्या

कहते हैं अगर कुछ ठान लो और उस पर पूरी लगन से काम करो तो कामयाबी मिलती ही है. यह बात साबित कर दिखाई है दो भाइयों मयंक और आदित्य आर्या ने. दोनों भाइयों ने एक ऐसा काम शुरू करने का सोचा, जो उनका खुद का तो हो ही, साथ ही लोगों को भी कुछ फायदा पहुंचाए. इसी सोच के साथ उन्होंने शुरू किया खुद का स्टार्टअप यस मैडम (Yes Madam).

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यस मैडम एक होम सैलों सर्विस देने वाला स्टार्टअप है. यानी इसके जरिए बुकिंग कर घर पर ही सैलों सर्विस ली जा सकती है. मयंक और आदित्य ने इसे मार्च 2017 में सैलों इंडस्ट्री में ट्रांसपेरेंसी लाने के उद्देश्य से शुरू किया था. इसका हेडक्वार्टर नोएडा में है.

कैसे आया आइडिया

यस मैडम के को-फाउंडर आदित्य आर्या ने Financial Express Hindi को बताया कि वह 10 साल तक मर्चेंन्ट नेवी में थे. लेकिन उन्हें खुद का कुछ करने की ललक थी. इस बीच एक बार वह फेशियल के लिए एक सैलों में गए तो उन्होंने पाया कि सर्विस के हिसाब से प्राइसिंग काफी ज्यादा है. उसके बाद उन्होंने दूसरे सैलों में पता किया तो पाया कि समान सर्विस का चार्ज दोनों सैलों में अलग-अलग है. उसके बाद उन्होंने ब्यूटी सर्विस में इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट और उनकी मार्केट प्राइसिंग पता की. तब उन्होंने पाया कि इस सेक्टर में ट्रांसपेरेंसी की काफी कमी है और सैलों द्वारा कस्टमर को ब्रांडेड प्रोडक्ट की प्राइसिंग और सर्विस के नाम पर भारी-भरकम चार्ज किया जाता है. कंज्यूमर को ब्यूटी प्रोडक्ट प्राइसिंग और ब्यूटीशियंस की सर्विस के चार्ज का पता रहे, इसे ध्यान में रखकर उन्हें यस मैडम का आइडिया आया.

आदित्य अपने भाई मयंक के साथ मिलकर यस मैडम को सितंबर 2016 में ट्रायल बेसिस पर लाए. बाद में मार्च 2017 में ऑफिशियली लॉन्च किया गया. आदित्य की ​जिम्मेदारी ऑपरेशंस की है, यानी हा​यरिंग, HR, क्वालिटी आदि, वहीं मयंक मार्केटिंग और फाइनेंसेज देखते हैं.

कैसे लाए ट्रांसपेरेंसी

आदित्य के मुताबिक, सैलों इंडस्ट्री में दो प्रॉब्लम हैं. पहली प्रोडक्ट ओरिजिनल है या नहीं, दूसरी प्रोडक्ट की कीमत कितनी है. क्या जितनी कीमत वसूली जाती है उतना प्रोडक्ट इस्तेमाल होता है या नहीं. हर सैलों में प्रोडक्ट बड़े बॉक्सेज में होते हैं, जिससे कस्टमर को उनकी कीमत और उनक पर कितना प्रोडक्ट इस्तेमाल हुआ इसकी जानकारी नहीं होती है. कस्टमर को पता ही नहीं होता कि जितने पैसे वह दे रहा है, उसमें प्रोडक्ट की कॉस्ट क्या है और ब्यूटीशियन का चार्ज कितना है.

यस मैडम ने बड़े ब्यूटी प्रोडक्ट्स ब्रांड्स के साथ बात करके सैशे में प्रोडक्ट लिए. इन्हें कस्टमर के सामने खोला जाता है और ये वन टाइम यूज वाले होते हैं. अगर सैशे में प्रोडक्ट बच जाता है तो उसे कस्टमर को दे दिया जाता है. मोनो सैशे के चलते कस्टमर को यह भरोसा रहता है कि प्रोडक्ट ओरिजिनल है और वह उतने प्रोडक्ट के ही पैसे दे रहा है, जितना प्रोडक्ट उस पर इस्तेमाल किया गया.

कस्टमर को ऐसे होता है फायदा

यस मैडम में 6 रुपये प्रति मिनट का सर्विस चार्ज होता है. चूंकि ब्यूटी प्रोडक्ट सैशे में होते हैं, इसलिए कस्टमर को उसका प्राइस पता रहता है, इसके बाद जितनी भी देर ब्यूटीशियन अपनी सर्विस देती है, उसका चार्ज 6 रुपये प्रति मिनट के हिसाब से लगता है. साथ ही यस मैडम यह भी सुविधा देता है कि अगर कस्टमर के पास अपना प्रोडक्ट है तो उसे केवल ब्यूटीशियन की मेहनत का चार्ज देना होता है.

भारत ही नहीं दुनिया में अपनी तरह का पहला है यह कॉन्सेप्ट

आदित्य ने दावा किया है कि यस मैडम का कॉन्सेप्ट केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में पहली बार लाया गया है. कोई भी पार्लर प्रोडक्ट प्राइसिंग जाहिर नहीं करता है. इसके अलावा कई प्रोडक्ट ऐसे हैं, जिनकी कॉस्ट समान होती है लेकिन फिर भी उनकी एक अलग खासियत को दिखाकर कस्टमर का ज्यादा चार्ज किया जाता है.

2 करोड़ पर जा पहुंचा है रेवेन्यु

यस मैडम बिना किसी फंडिंग के आज 2 करोड़ रुपये रेवेन्यु वाली कंपनी बन चुकी है. वहीं इसकी वैल्युएशन 50 करोड़ रुपये हो चुकी है. यस मैडम माह दर माह 10-15 फीसदी की ग्रोथ से आगे बढ़ रहा है. इसके प्लेटफॉर्म पर 250 से ब्यूटीशियन्स हैं. इस वक्त इसकी सर्विस दिल्ली-एनसीआर में है लेकिन अब यह स्टार्टअप लखनऊ, चंडीगढ़ आदि जैसे 10 टीयर 2 शहरों में अपना विस्तार करने वाला है. इसके लिए फ्रेंचाइजी दी जाएंगी, जिसके लिए स्टार्टअप ने फ्रेंचाइजी इंडिया के साथ करार किया है. अगले वित्त वर्ष के लिए यस मैडम का टार्गेट अपना रेवेन्यु 5 गुना बढ़ाने का है. साथ ही अब स्टार्टअप एक्सपेंशन के लिए एक्सटर्नल फंडिंग लेने की भी प्लानिंग कर रहा है.

रोज 350-400 सर्विस

यस मैडम रोज 350-400 क्वेरी पूरी करता है यानी एक दिन में इतनी बार सर्विस देता है. मासिक आधार पर यह आंकड़ा 10000 क्वेरी का है. यस मैडम इस वक्त नौ तरह की सर्विस ऑफर कर रहा है, जिसमें ब्यूटी, मेल मसाज, फीमेल मसाज, फेशियल ट्रीटमेंट, स्लिमिंग, प्री ब्राइडल पैकेजेस, मेकअप, हेयर केयर, ब्राइडल और मेंहदी शामिल हैं.

यस मैडम नाम रखने की वजह

यह नाम रखने की वजह है कि इस इंडस्ट्री में जब भी कोई कस्टमर से बात शुरू करता है तो सबसे पहला वर्ड आता है यस मैडम, फिर वह चाहे पर्सनली हो या फोन पर. इसलिए यही नाम परफेक्ट लगा.

30-50 हजार मंथली तक कमा लेती हैं ब्यूटीशियंस

यस मैडम में ब्यूटीशियन्स को सैलरी देने का कॉन्सेप्ट नहीं है. इस स्टार्टअप से जुड़ी ब्यूटीशियन्स 30-50 हजार रुपये हर माह कमा रही हैं. यह कमाई कमीशन बेस्ड है. उदाहरण के तौर पर अगर कोई ब्यूटीशियन एक सर्विस 1 घंटे तक देती है तो 6 रुपये प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज 360 रुपये बनता है. इसमें से 300 रुपये ब्यूटीशियन के और 60 रुपये यस मैडम के पास जाते हैं. यस मैडम में एक ब्यूटीशियन के काम के घंटे 4-6 हैं. इस तरह 300 रुपये से हर रोज उनके पास मिनिमम 1200 रुपये और हर माह 25 दिन वर्किंग डेज के हिसाब से 30000 रुपये मिनिमम मंथली कमाई ब्यूटीशियंस की रहती है.

क्या चुनौतियां आईं सामने

आदित्य के मुताबिक, होम सैलों सर्विस के लिए ब्यूटीशियंस को कन्विंस करना आसान नहीं था. क्योंकि होम सर्विस को कई लोग अच्छा पेशा नहीं मानते हैं. इसके लिए ब्यूटीशियंस ढूंढना और उन्हें ​कन्विंस करना बड़ी चुनौती थी. साथ ही ब्यूटीशियंस की सुर​क्षा भी बड़ा मसला थी. सुरक्षा की चिंता को देखते हुए यस मैडम हर कस्टमर का फोन नंबर और एड्रेस डिटेल्स रखता है. साथ ही ब्यूटीशियंस को ताकीद की गई है कि वे उस कस्टमर के गेट पर आने के बाद ही अंदर जाएं, जिसने बुकिंग की है. इसके अलावा स्टार्टअप अब ब्यूटीशियंस को सेल्फ डिफेंस के बेसिक पैंतरे सिखाने की भी प्लानिंग कर रहा है.

ब्यूटीशियंस को ट्रेनिंग भी दी जाती है

अगर कोई ब्यूटीशियन पहले से ट्रेंड है तो उसे 10 दिनों की ट्रेनिंग दी जाती है जो पूरी तरह फ्री ऑफ कॉस्ट होती है. लेकिन अगर कोई बिल्कुल भी ट्रेंड नहीं है तो उसे 15 दिन की ट्रेनिंग ​दी जाती है, जिसके लिए 5000 रुपये चार्ज किया जाता है. इसकी वजह इस्तेमाल होने वाले प्रोडक्ट और ट्रेनिंग चार्ज होता है.

सैलों भी खोलेंगे आगे चलकर

आदित्य ने बताया कि अभी हमारा फोकस केवल होम सर्विस पर है लेकिन आगे चलकर हम यस मैडम सैलों खोलने के बारे में भी सोच रहे हैं. लेकिन उससे भी पहले हम अपने ऐप पर कस्टमर्स को ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदने की सुविधा भी देने जा रहे हैं.