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दिल्ली में मिल सकती है दस साल पुरानी डीजल कार चलाने की इजाजत लेकिन शर्त माननी होगी
अगर आप दिल्ली में रहते हैं और अपनी दस साल पुरानी डीजल कार चलाना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं . लेकिन आपको एक शर्त माननी होगी. आपको डीजल से चलने वाले अपनी कार के इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदलवाना होगा. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 18 नवंबर को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी अब इंटरनल कंब्शन इंजन (ICE) की इलेक्ट्रिक रेट्रोफिटिंग के लिए तैयार है.
इलेक्ट्रिक इंजन लगाने में आएगा चार से छह लाख का खर्च
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर कैलाश गहलोत के मुताबिक अगर कोई डीजल गाड़ी सड़क पर चलने के लिए फिट है तो उसे दस साल के बाद भी इलेक्ट्रिक इंजन के साथ दिल्ली में चलाया जा सकता है. परिवहन विभाग प्योर इलेक्ट्रिक किट बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट जारी करेगा. जो कंपनियां सरकार के पास आवेदन करेंगी और जिन्हें टेस्टिंग एजेंसी से अप्रूव करेगी उन्हें पैनल में डाल कर लिस्ट जारी की जाएगी. जो लोग अपनी डीजल गाड़ी को इलेक्ट्रिक इंजन में कन्वर्ट करवाना चाहते हैं, उन्हें लिस्ट में शामिल कंपनियों के पास जाकर यह काम कराना होगा.
परिवहन विभाग के एक सीनियर अफसर के मुताबिक फिलहाल डीजल गाड़ी के इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में तब्दील करने में 4 से 6 लाख रुपये तक का आ सकता है लेकिन एक बार जब गाड़ियों को कन्वर्ट करवाए जाने का सिलसिला शुरू होगा और ज्यादा कंपनियां आएंगी तो लागत कम हो जाएगी.
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दिल्ली में तीन लाख पुरानी डीजल कार हैं
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने राजधानी में 10 साल या उससे पुरानी डीजल कारों और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है.दिल्ली में, लगभग 38 लाख पुरानी गाड़ियां हैं. तकनीकी रूप से NGT और सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद ये गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल सकतीं. इन 38 लाख पेट्रोल गाड़ियां हैं.लगभग तीन लाख डीजल गाड़ियां हैं, जो दस साल पुरानी हैं.