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ज़ी और सोनी का मर्जर भारतीय एंटरनेटमेंट इंडस्ट्री के लिए एक अहम घटना है.
ZEE-Sony Merger: ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (SPNI) के विलय के सौदे पर ज़ी के बोर्ड ने मुहर लगा दी है. जी के बोर्ड ने इस सौदे को मंगलवार को हुई अपनी बैठक में मंजूरी दे दी, जिसका एलान आज यानी बुधवार 22 दिसंबर को किया गया. इस बारे में जारी बयान में बताया गया है कि ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के बीच विलय के लिए डेफिनिटिव एग्रीमेंट पर दस्तखत कर दिए गए हैं. इस करार के तहत दोनों कंपनियों के लिनियर नेटवर्क, डिजिटल एसेट्स, प्रोडक्शन ऑपरेशन और प्रोग्राम लाइब्रेरी का एकीकरण किया जाएगा.
विलय के बाद बनी कंपनी के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ही होंगे. वहीं नई कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की नियुक्ति सोनी ग्रुप करेगा और इसमें सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के एमडी और सीईओ एनपी सिंह भी शामिल होंगे. विलय की प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई साझा कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाएगी. ज़ी के बोर्ड ने 90 दिनों का ड्यू डिजिलेंस पूरा होने से पहले इस सौदे के लिए मंजूरी दी है.
सोनी के पास रहेगी मेजॉरिटी हिस्सेदारी
सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया, सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट (SPE) की एक इनडायरेक्ट सब्सिडियरी है. ज़ी और सोनी के बीच सौदे के तहत SPE एक सब्सिडियरी के जरिए ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रमोटर्स (फाउंडर्स) को नॉन-कंपीट फी का भुगतान करेगी, जिसका इस्तेमाल सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स के प्राइमरी इक्विटी कैपिटल के रूप में किया जाएगा. विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद नई कंपनी में सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट की अप्रत्यक्ष रूप से 50.86 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी जबकि ज़ी के प्रमोटर्स के पास 3.99 और ज़ी एंटरटेनमेंट के पास 45.15 फीसदी हिस्सेदारी होगी.
प्रमोटर्स 20 फीसदी तक कर सकते हैं अपनी हिस्सेदारी
इस सौदे को अभी रेगुलेटर्स, शेयर होल्डर्स और थर्डपार्टी से मंजूरी मिलनी बाकी है. बोर्ड से सौदे को मंजूरी मिलने पर जी एंटरटेनमेंट के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका ने दो बड़ी मीडिया व एंटरटेनमेंट कंपनियों के बीच साझेदारी को अगले दौर के एंटरटेनमेंट के लिए बड़ा कदम बताया. गोयनका ने कहा कि दोनों कंपनियां मिलकर अब मिलकर मनोरंजन के क्षेत्र में ज्यादा बड़े पैमाने पर काम करेंगी. बता दें कि डेफिनिटिव एग्रीमेंट के तहत जी के प्रमोटर्स विलय के बाद बनी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 20 फीसदी तक कर सकते हैं.
(Input: PTI)