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Zomato और Naukri.com को Nifty-50 में इस बार नहीं मिला ठिकाना, लेकिन अगली दफा पक्का है निशाना

ICICI Direct की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी-भरकम मार्केट कैपिटलाइजेशन और बगैर प्रमोटर होल्डिंग की ये कंपनियां निफ्टी -50 (Nifty-50)में जगह बनाने के लिहाज से मजबूत दावेदार हैं.

ICICI Direct की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी-भरकम मार्केट कैपिटलाइजेशन और बगैर प्रमोटर होल्डिंग की ये कंपनियां निफ्टी -50 (Nifty-50)में जगह बनाने के लिहाज से मजबूत दावेदार हैं.

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Zomato और Naukri.com को Nifty-50 में इस बार नहीं मिला ठिकाना, लेकिन अगली दफा पक्का है निशाना

जोमैटो ( Zomato) और नौकरी.कॉम (Naukri.com) जैसी इंटरनेट प्लेटफॉर्म कंपनियां बड़ी मार्केट कैपिटलाइजेशन के बावजूद इस बार एनएसई के बेंचमार्क Nifty-50 में शामल नहीं हो पाई हैं. हालांकि आने वाले दिनों में इनकी दावेदारी बहुत मजबूत दिख रही है. Nifty-50 में एनएसई में कारोबार करने वाली 1600 कंपनियों में से टॉप 50 कंपनियां शामिल हैं. अगले महीने टॉप कंपनियों में कुछ नई कंपनियों को शामिल किया जाएगा लेकिन इसमें जोमैटो और नौकरी.कॉम की पैरेंट कंपनी इन्फोएज ( Info Edge) शामिल नहीं हो पाएंगी. हालांकि ICICI Direct ने कहा है कि अगली बार जब भी नई कंपनियों को शामिल किया जाएगा तो उसमें Info Edge की दावेदारी मजबूत होगी. जोमैटो की संभावनाएं भी काफी अच्छी दिख रही हैं. ICICI Direct की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी-भरकम मार्केट कैपिटलाइजेशन और बगैर प्रमोटर होल्डिंग की ये कंपनियां निफ्टी -50 (Nifty-50)में जगह बनाने के लिहाज से मजबूत दावेदार हैं.

Info Edge के शेयर को Nifty-50 में जगह क्यों नहीं मिल पाई

Info Edge’s का औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन इंडियन ऑयल के फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन से कम है. इंडियन ऑयल इस लिहाज से Nifty-50 में शामिल सबसे छोटी कंपनी है. नियम के मुताबिक किसी भी शेयर को Nify-50 यानी टॉप 50 कंपनियों में शामिल होने का मौका तभी मिलेगा , जब इस कंपनी का औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन इसमें शामिल सबसे छोटी कंपनी के औसत मार्केट कैपिटलाइजेशन का डेढ़ गुना हो. यहीं पर Info Edge पीछे दिख रही है. इंडेक्स जिस हिसाब से तैयार होता है उसके मुताबिक investible weight factor यानी IWF इस बात पर निर्भर करता मार्केट में कितने शेयर ट्रेड के लिए उपलब्ध हैं. ये शेयर फ्री-फ्लोट होने चाहिए यानी इन पर ऐसे किसी शेयरधारक का हक न हो जिसका कंपनी में स्ट्रेटजिक इंटरेस्ट हो. इन चीजों के अलावा Nifty 50 में शेयरों का प्रवेश पिछले छह महीनों में उसके औसत मार्केट कैपिटलाइजेशन से तय होता है. इस हिसाब से देखें तो Ifo Edge अगली बार Nifty-50 में शामिल होने वाली सबसे बड़ी दावेदार है.

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जोमैटो की दावेदारी कितनी मजबूत?

जोमैटो ( Zomato) भी अगले कुछ दिनों में और मजबूत होकर Nifty-50 की दावेदार बन कर उभरेगी. इस वक्त जो तीन कंपनियां इंडेक्स में शामिल हो सकती हैं. उनमें इन्फो एज , राधाकृष्ण दमानी की एवेन्यू सुपरमार्केट ( (DMart) और गौतम अडाणी की अडाणी ग्रीन एनर्जी शामिल हैं. ये नई अर्थव्यवस्था वाली कंपनियां है. एक इंटरनेट प्लेटफॉर्म, दूसरी ग्रॉसरी ई-रिटेल और तीसरी ग्रीन एनर्जी कंपनी है. फिलहाल DMart और अडाणी ग्रीन एनर्जी फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) का हिस्सा न होने की वजह से Nifty-50 में शामिल नहीं हो पाईं.

ICICI Direct का कहना है कि निफ्टी-50 में शेयरों को शामिल किए जाने से यह पता चलता है कि इकोनॉमी में लंबे समय में किस सेक्टर से मांग बढ़ने वाली है.

(Article - Kshitij Bhargava )

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