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जोमैटो का 9,375 करोड़ रुपये का यह आईपीओ आम निवेशकों के लिए कल 14 जुलाई को खुला था और इसमें शुक्रवार तक आवेदन कर सकते हैं.
फूड डिलीवरी करने वाली देश की प्रमुख कंपनी ज़ोमैटो के आईपीओ को खुलने के साथ ही निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला और पहले ही दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया. 9375 करोड़ रुपये के आईपीओ की सफलता के बाद कंपनी कारोबारी विस्तार कर सकती है और हायरिंग बढ़ा सकती है. लंदन स्थित डेटा एनालिटिक्स व कंसल्टिंग फर्म ग्लोबलडेटा के मुताबिक भारतीय ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए कंपनी अपने कारोबार का विस्तार कर सकती है और इसके लिए वह हायरिंग बढ़ा सकती है.
Zomato का 9,375 करोड़ रुपये का यह आईपीओ आम निवेशकों के लिए कल 14 जुलाई को खुला था और इसमें शुक्रवार तक आवेदन कर सकते हैं. आम निवेशकों के लिए आईपीओ खुलने से पहले ही कंपनी अपने एंकर इनवेस्टर्स से 4200 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. कंपनी ने इस आईपीओ के लिए 72 से 76 रुपये की प्राइस रेंज तय किया है.
50 फीसदी कर्मी सेल्स व इससे जुड़े कार्यों में
पिछले साल के अंत यानी 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक जोमैटो में 3469 कर्मी काम करते हैं जिसमें से करीब 50 फीसदी बिक्री व इससे जुड़े कार्यों में लगे हुए हैं. हालांकि नए ग्रोथ प्रॉस्पेक्टस को पूरा करने व नियामकीय प्रक्रिया के तहत टैलेंट की जरूरत पूरी करने के लिए कंपनी हायरिंग बढ़ सकती है. ग्लोबलडेटा के बिजनस फंडामेटल्स एनालिस्ट अजय कुमार थल्लूरी के मुताबिक फूड डिलीवरी स्पेस में वैश्विक दिग्गजों से मुकाबले में कंपनी अधिक से अधिक टैलेंट को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए खर्च बढ़ाएगी.
हायरिंग में इन्हें मिल सकती है प्राथमिकता
जोमैटो का अमेरिकी काउंटरपार्ट DoorDash का जब पिछले साल दिसंबर 2020 में पब्लिक हुआ था और इसके बाद यह न्यूयॉर्क के एक्सचेंज NYSE पर लिस्टेड हुआ था तो उसके बाद इसने कई लोगों की हायरिंग की थी. ग्लोबलडेटा के जॉब एनालिटिक्स डेटाबेस के मुताबिक डोरडैश ने दिसंबर 2020 में 139 लोगों को काम पर रखा था जबकि उसके बाद अगले तीन महीने में मार्च 2021 तक कंपनी ने 293 नए रोजगार लिस्टेड किए थे. इसी प्रकार का ट्रेड जोमैटो में भी दिख सकती है और कंपनी के कई कार्यरत विभागों में रोजगार के नए मौके बन सकते है.
थल्लूरी के मुताबिक कंपनी का फोकस लीगल व अकाउंटिंग स्टॉफ को भर्ती करने पर होगा ताकि लिस्टेड कंपनी के रूप में नियामकीय प्रक्रियाओं को पूरा किया जा सके. थल्लूरी के मुताबिक उचित अनुभव व टेक्विकल अकाउंटिंग की जानकारी रखने वालों को हायरिंग में प्राथमिकता दी जा सकती है. कंपनी में अधिक पूंजी के निवेश पर अब प्रॉडक्ट व टेक्नोलॉजी टीम को मजबूत करने पर जोर हो सकता है जिससे हायरिंग बढ़ने के आसार दिख रहे हैं.