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जोमैटो के शेयर पिछले हफ्ते मार्केट में 115 रुपये के भाव पर लिस्टेड हुए थे और इसके बाद से इसमें अब तक 28.52 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
Stock Tips: ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के शेयर भाव आज 5 फीसदी उछल गए हैं. इंट्रा-डे कारोबार में एनएसई पर इसके भाव 147.80 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं जोकि 76 रुपये प्रति शेयर के आईपीओ प्राइस के मुकाबले 95 फीसदी अधिक है. जोमैटो के शेयर भाव में यह तेजी थमने वाली नहीं है और स्विस ब्रोकरेज यूबीएस सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक यह 12 फीसदी और चढ़ सकता है. यूबीएस सिक्योरिटीज ने जोमैटो को खरीदने की रेटिंग दी है और 12 महीने के लिए टारगेट प्राइस 165 रुपये प्रति शेयर का रखा है.
यूबीएस सिक्योरिटीज के मुताबिक भारत के फूड डिलीवरी मार्केट में दो कंपनियों का दबदबा है जिसमें से जोमैटो एक है और इसका रेवेन्यू 40 फीसदी सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ सकता है. यूबीएस के मुताबिक जोमैटो देश की सबसे तेज से आगे बढ़ रही इंटरनेट कंपनी है. जोमैटो के शेयर पिछले हफ्ते मार्केट में 115 रुपये के भाव पर लिस्टेड हुए थे और इसके बाद से इसमें अब तक 28.52 फीसदी की तेजी आ चुकी है.
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महंगा वैल्यूएशन लेकिन ग्रोथ की संभावना अधिक
यूबीएस के मुताबिक छोटे होते परिवार, कम समय, खाना पकाने की कम होती इच्छा और बढ़ते समृद्धि के चलते भारत में ऑनलाइन फूड मार्केट में लंबे समय तक ग्रोथ बनी रहने वाली है. यूबीएस सिक्योरिटीज के मुताबिक FY24e के लिए जोमैटो का 17x का ईवी (एंटरप्राइज वैल्यू) टू सेल्स रेशियो सस्ता नहीं है लेकिन इसके बावजूद इसमें ग्रोथ की संभावना बहुत अधिक है. जोमैटो के ईवी टू सेल्स की तुलना में ग्लोबल फूड डिलीवरी बिजनेस का ईवी टू सेल्स 2-9x है जोकि बेहतर है लेकिन अन्य प्लेटफॉर्म की 20-30 फीसदी की तुलना में जोमैटो की ग्रोथ बहुत अधिक 40-50 फीसदी का अनुमान है.
भारत में कुल 1 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं और ऑनलाइन ऑर्डर करने वाले करीब 5-7 करोड़ लोग हैं. यूबीएस के मुताबिक भारत में ऑनलाइन फूड मार्केट में तेजी लंबे समय तक बनी रहने वाली है. पिछले साल नवंबर 2020 में यूबीएस एविडेंस लैब सर्वे में दिखाया गया था कि जिन लोगों ने अभी तक ऑनलाइन ऑर्डर नहीं किया था, उसमें से 80 फीसदी अब ऐसा करने वाले हैं.
तीन बदलावों से जोमैटो को हुआ फायदा
यूबीएस के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में तीन अहम बदलाव हुए जिससे जोमैटो को फायदा पहुंचा. सबसे पहला तो औसतन ऑर्डर वैल्यू में बढ़ोतरी, दूसरा डिस्काउंट में कटौती और तीसरा 25 फीसदी लागत की प्रकृति फिस्क्ड होना. वित्त वर्ष 2021 में औसतन ऑर्डर वैल्यू कोरोना से पहले के 250-270 रुपये से बढ़कर 350-400 रुपये हो गया क्योंकि मल्टी-यूज ऑर्डर्स में बढ़ोतरी हुई. इसके अलावा कोरोना से पहले जोमैटो औसतन ऑर्डर वैल्यू का 8 फीसदी डिस्काउंट देती थी जो कम होकर वित्त वर्ष 2021 में 2-3 फीसदी ही रह गई. कंपनी ने डिलीवरी चार्ज के कुछ हिस्से को ग्राहकों पर डाल दिया और प्रति ऑर्डर 10-20 रुपये से बढ़कर यह 30-40 रुपये प्रति ऑर्डर हो गया. यूबीएस के मुताबिक जोमैटो के 25 फीसदी खर्च की प्रकृति फिक्स्ड है जिससे ऑपरेटिंग लीवरेज में बढ़ोतरी हुई.
(आर्टिकल: सुरभि जैन)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)