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ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक को अंडरवेट की रेटिंग देते हुए 112 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है.
Zomato Outlook: लिस्टिंग के पहले से ही जोमैटो के वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं और अब एक ब्रोकरेज फर्म ने इसका टारगेट प्राइस वर्तमान भाव से 9 फीसदी से कम रखा है. जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने जोमैटो का कवरेज शुरू किया है और इसका टारगेट प्राइस 112 रुपये प्रति शेयर का रखा है जो इसके वर्तमान भाव से करीब 9 फीसदी कम है. ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक इस ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म का प्रीमियम वैल्यूएशन बहुत महंगा है. जेपी मॉर्गन के नोट के मुताबिक जोमैटो 21x CY22 (कैलेंडर वर्ष 2022) EV (एंटरप्राइसज वैल्यू)/Sales भाव पर ट्रेड हो रहा है जो वैश्विक फूट टेक कंपनियों के औसत वैल्यूएशन से करीब चार गुना अधिक है. एनालिस्ट्स का कहना है कि इसका वैल्यूएशन सही नहीं है क्योंकि इसके मार्केट शेयर गेन्स और औसत ऑर्डर वैल्यू के विस्तार में खास बढ़ोतरी नहीं दिख रही है.
ब्रोकरेज फर्म ने इस स्टॉक को अंडरवेट की रेटिंग देते हुए 112 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है. जोमैटो के शेयर 72 रुपये के आईपीओ प्राइस के मुकाबले अब तक 74 फीसदी मजबूत हो चुके हैं और अभी इसके भाव 132 रुपये प्रति शेयर हैं. लिस्टिंग के बाद से इसने सेंसेक्स और निफ्टी की तुलना में अधिक बेहतर प्रदर्शन किया है.
इस आधार पर Zomato को दी ये रेटिंग
- वैल्यूएशन जस्टिफाइड नहीं: जोमैटो इस समय 21x CY22 (कैलेंडर वर्ष 2022) EV (एंटरप्राइसज वैल्यू)/Sales भाव पर ट्रेड हो रहा है जो वैश्विक फूट टेक कंपनियों के औसतन वैल्यूएशन की तुलना में चार गुना अधिक है. जेपी मॉर्गन के मुताबिक मार्केट शेयर गेन और औसतन ऑर्डर वैल्यू के विस्तार में खास बढ़ोतरी नहीं दिख रही है जिसके चलते वैल्यूएशन जस्टिफाइड नहीं है.
- औसतन ऑर्डर वैल्यू में गिरावट की संभावना: एनालिस्ट्स का मानना है कि साइक्लिकल फैक्टर्स के चलते जोमैटो के औसतन ऑर्डर वैल्यू (एओवी) में गिरावट हो सकती है. इस समय जोमैटो का एओवी 460 रुपये (कोरोना से पहले के मुकाबले 1.6 गुना) है और यह स्विगी से अधिक है. एनालिस्ट्स का मानना है कि जोमैटो के वर्तमान ग्राहकों के ऑर्डर में बढ़ोतरी लोअर टिकट साइज कस्टमर्स की तरफ से आ सकता है जबकि टियर 2 और टियर 2 शहरों से नए ग्राहक लोअर बास्केट साइज का प्रयोग कर सकते हैं. एनालिस्ट्स के मुताबिक कांट्रिब्यूशन फैक्टर पर सबसे अधिक प्रभाव एओवी का पड़ता है और इसके कम होने पर कांट्रिब्यूशन मार्जिन में बढ़ोतरी थमती है और इसका लांग टर्म में मुनाफे पर असर पड़ेगा.
- डिस्काउंट में बढ़ोतरी: पिछले दो वर्षों में जोमैटो ने डिस्काउंट में कटौती की थी लेकिन अब फिर इसमें बढ़ोतरी हो रही है. अपना मार्केट बढ़ाने के लिए इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है. ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 में यह डिस्काउंट एओवी का 6 फीसदी और लांगर रन में 4 फीसदी तक हो सकता है जिससे इसके मुनाफे पर असर पड़ेगा.
- मार्केट शेयर में अधिक बढ़ोतरी नहीं: फूड डिलीवरी मार्केट पर जोमैटो और स्विगी का कब्जा है और दोनों ही फूड टेक कंपनियों की आधी-आधी हिस्सेदारी है. जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट्स के मुताबिक जोमैटो के मार्केट शेयर में बढ़ोतरी के संकेत नहीं दिख रहे हैं क्योंकि दोनों ही कंपनियों अपनी-अपनी हिस्सेदारी को बचाने के लिए प्रतिस्पर्धी हैं.
(स्टोरी: क्षितिज भार्गव)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)